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सीओपीडी रोगियों के दिल को है खतरा, यूं रखें ख्याल

सीओपीडी रोगियों के दिल को है

क्रोनिक ओब्सट्रेक्टिव पुल्मनेरी डिजीज (सीओपीडी) के कई रोगियों को दिल से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं जिससे मृत्युदर में बढ़ोतरी हो रही है. एक नए अध्ययन के माध्यम से इस बीमारी के बेहतर इलाज की उम्मीद बढ़ी है. आमतौर पर …

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नींद पूरी नहीं करेंगे तो देनी होगी इसकी भारी कीमत!

नींद पूरी नहीं करेंगे तो देनी

दुनियाभर में व्यापक तौर पर लोग अपर्याप्त नींद से प्रभावित हो रहे हैं. शोधकर्ताओं ने पाया है कि अपर्याप्त नींद वित्तीय व गैर वित्तीय कीमतों से जुड़ी हुई हैं. इसकी कीमत देश के लिए अरबों डॉलर में हो सकती है. …

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योग के 7 आसन जो आपको बनाए रखेंगे जवान, चेहरे की दमक देख लोग नहीं हटा पाएंगे नजर

कई तरह से शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. सेहतमंद बनाए रखने के साथ ही योग के जरिए आप अपने सौंदर्य और खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही सात आसन जो अपके शरीर को जवां बनाए रखने में मदद करेंगे. साथ ही आपके चेहरे के निखार को बढ़ा देंगे. शेर की तरह चेहरा (सिंहासन): धीरे-धीरे सांस लें और उसे थोड़ी देर तक रोककर रखें. फिर आप अपने जीभ को बाहर निकाले. अपनी आखों को पूरी तरह से जितना हो सकें खोलें. इस अवस्था में बैठे रहे और जितना हो सकें अपनी जीभ को मुंह से बाहर निकालें. यह आपके शरीर में रक्त संचार बढ़ाता है. साथ ही इससे मांसपेशियों का तनाव भी खत्म होता है. सिर्फ 25 मिनट करें ये योग, दिमाग होगा दुरुस्त और बढ़ जाएगा एनर्जी लेवल मछली की तरह चेहरा (मत्सय आसन): इस आसन में शरीर का आकार मछली जैसा बनता है, इसलिए यह मत्स्यासन कहलाता है. इस आसन को करने के लिए आप लंबी सांस लें. इसे थोड़ी देर तक रोक कर रखे. पहले पद्मासन लगाकर बैठ जाएं. फिर पद्मासन की स्थिति में ही सावधानीपूर्वक पीछे की ओर चित होकर लेट जाएं. ध्यान रहे कि लेटते समय दोनों घुटने जमीन से ही सटे रहें. फिर दोनों हाथों की सहायता से शिखास्थान को भूमि पर टिकाएं. उसके बाद बाएं पैर के अंगूठे और दोनों कोहनियों को भूमि से लगाए रखें. एक मिनट से प्रारम्भ करके पांच मिनट तक अभ्यास बढ़ाएं. फिर हाथ खोलकर हाथों की सहायता से सिर को सीधा कर कमर, पीठ को भूमि से लगाएं. फिर हाथों की सहायता से उठकर बैठ जाएँ. आसन करते वक्त श्वास-प्रश्वास की गति सामान्य बनाए रखें. इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है. गला साफ रहता है तथा छाती और पेट के रोग दूर होते हैं. रक्ताभिसरण की गति बढ़ती है, जिससे चर्म रोग नहीं होता. दमे के रोगियों को इससे लाभ मिलता है. पेट की चर्बी घटती है. खांसी दूर होती है. VIDEO: टीवी एक्‍ट्रेस ने पति के साथ किया ऐसा योग, सोशल मीडिया पर हुआ Viral आंखों से कसरत (नेत्रासन): गहरी सांस लें और अपनी गर्दन को सीधा रखें. अपनी आखों को बायी तरफ घुमाएं. इस अवस्था में कुछ देर तक रहने की कोशिश करें. कुछ सेकेंड के बाद अपनी आंखों को दायी तरफ घुमाएं. इस प्रक्रियो को दोहराते रहे. आंखों की पुतलियों उस अमुक दिशा में पूरी तरह घूमनी चाहिए. इस बात का ध्यान रखें. गाल से योग: मुंह में जितना हो सकें हवा भर लें. फिर उसे कुछ देर तक रोकें. आपका गाल पूरी तरह फूल जाएगा क्योंकि उसमें हवा भरा हुआ है. इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें. फिर मुंह में जमा सांसों को नाक के जरिए छोड़ दें. इस प्रक्रियां को तीन से छह बार दोहराएं. योग से सूजन संबंधी बीमारियों का खतरा कम : सर्वे हथेलियों से योग: अपनी हथेलियों को रगड़कर उन्हें गर्मी प्रदान करें. फिर आंखों को बंद करें और उन्हें अपनी हथिलियों से ढक लें. फिर अपनी नाक के दोनों नथुनों से सांस लें. जितनी देर तक रोक सकते हो रोकें. इससे आपकी आखों को आराम मिलेगा. आप खुद को रिलैक्स महसूस करेंगे. आपकी मांसपेशियों का तनाव दूर होगा. इस बात का ध्यान रखें कि गर्म हथेलियों से चेहरे को पूरी तरह ढकें. गर्दन से वर्जिश: आप बिल्कुल सीधी अवस्था में बैठ जाएं. आपकी रीढ़ की हड्डियों बिल्कुल सीधी होनी चाहिए. अपनी हाथों को सीधा कर लें. फिर धीरे से हाथों को मोड़े. फिर उसके बाद उसे सीधा करें. इससे आपको गर्दन के दर्द से छुटकारा मिलेगा. आपको गर्दन की मांसपेशियों में आराम मिलेगा. गर्दन को बिल्कुल सीधी रखें. हिंदू और मुसलमान के पूर्वज एक हैं, योग का करें आदर : स्वामी रामदेव होठों से योग: गहरी सांस लें. अपनी आंखों को बंद कर लें. अपने होठों को जितना संभव हो सकें सख्त करके बंद कर ले. फिर अपने चेहरे को सख्त कर लें. आप इस प्रकार करने की कोशिश करें जैसे आप खुद को रोने से रोकने की कोशिश कर रहे है. फिर अपने चेहरे को ढीला कर ले. जितनी देर रह सकें रहे रहे. सांसों को रोकें रखें. जब जरूरत हो तब सांस लें. इससे आपके पूरे चेहरे का व्यायाम होगा और आराम मिलेगा.

कई तरह से शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. सेहतमंद बनाए रखने के साथ ही योग के जरिए आप अपने सौंदर्य और खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं. हम आपको बताने जा …

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रोजाना एक ग्लास लस्सी पीने के होते हैं इतने फायदे

रोजाना एक ग्लास लस्सी पीने के होते हैं इतने फायदे

गर्मियों के दिनों में धूप की तपिश से बचने के लिए लोग लस्सी का सेवन करते हैं। लस्सी का सेवन करने से आपको कई पोषक तत्व आसानी से मिल जाते है। जैसे केल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस आदि जो शरीर को स्वस्थ्य …

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गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें

रसदार फल, सब्जियां और दही जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने से आप डिहाइड्रेशन, त्वचा की संवेदनशीलता और साथ ही साथ विटामिन और खनिज की कमी जैसी गर्मियों की बीमारियों से दूर रह सकते हैं। इसलिए गर्मियों में आप अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर सकते हैं। -टमाटर : टमाटर एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी से भरपूर होते हैं, उनमें लाइकोपीन जैसे फायदेमंद फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जो पुरानी बीमारियों, विशेष रूप से कैंसर को ठीक करने में मदद करते हैं। -जुकिनी : जुकिनी में पेक्टिन नामक फाइबर होता है, जो दिल को स्वस्थ रखता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। -तरबूज : यह आपको ठंडा और हाइड्रेटेड रखता है। पानी की भरपूर मात्रा के कारण इससे पेट भरा लगता है। साथ ही तरबूज में लाइकोपीन भी होता है, जो त्वचा की कोशिकाओं को सूर्य की क्षति से बचाता है। - संतरा : संतरा पोटेशियम से भरपूर होता है। यह पोषक तत्व गर्मियों में महत्वपूर्ण है। इसमें लगभग 8० प्रतिशत पानी होता है और यह मांसपेशियों की ऐंठन दूर करता है। -दही : प्रोटीन से भरपूर दही गर्मियों में सेहत के लिहाज से काफी फायदा पहुंचाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन आपकी भूख को शांत रखता है, जिससे आप नमकीन और उच्च कैलोरी से भरपूर स्नैक्स खाने से बचे रहते हैं। इससे आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए मददगार बैक्टीरिया प्रोबियोटिक भी मिलते हैं। -नींबू के साथ पुदीने का पानी : नींबू की दो बूंदों के साथ एक गिलास छना हुआ पुदीने का पानी अद्भुत काम करता है। यह लिवर की सफाई करता है और आपके मेटाबॉलिजम को मजबूत बनाता है।

रसदार फल, सब्जियां और दही जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने से आप डिहाइड्रेशन, त्वचा की संवेदनशीलता और साथ ही साथ विटामिन और खनिज की कमी जैसी गर्मियों की बीमारियों से दूर रह सकते हैं। इसलिए गर्मियों में आप अपनी डाइट …

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लंबी और खुशहाल जिंदगी चाहिए तो तेज चलें

अगर आप लंबी उम्र और सेहतमंद रहना चाहते हैं तो तेज गति से चलना शुरू करें। इससे दिल संबंधी बीमारियों से मृत्यु का खतरा कम होता है। शोध के नतीजों से पता चलता है कि औसत गति से चलने से दिल संबंधी बीमारियों की मृत्युदर में 21 फीसदी की कमी आती है और तेज गति से चलने वालों की मृत्युदर में 24 फीसदी की कमी देखी गई है। धीरे-धीरे चलने की तुलना में औसत गति से चलने से सभी तरह की मृत्युदर में 20 फीसदी की कमी आती है, जबकि तेज गति से चलने से 24 फीसदी की कमी आती है। सिडनी विश्वविद्यालय के चार्ल्स परकिंस सेंटर व स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एमानुएल स्टामाटेकिस ने कहा कि नतीजों पर सेक्स या बॉडी मास इंडेक्स का प्रभाव नहीं दिखता है, औसत या तेज गति से चलना सभी तरह के मृत्युदर के खतरे को खास तौर से कम करता है। हालांकि, ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि तेजी से चलने से कैंसर की मृत्युदर पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि तेज गति आमतौर पर 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, लेकिन यह वास्तव में चलने वाले की फिटनेस स्तर पर निर्भर करता है।

अगर आप लंबी उम्र और सेहतमंद रहना चाहते हैं तो तेज गति से चलना शुरू करें। इससे दिल संबंधी बीमारियों से मृत्यु का खतरा कम होता है। शोध के नतीजों से पता चलता है कि औसत गति से चलने से …

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दांतों की सड़न और झनझनाहट से छुटकारा दिलाएगा नया पदार्थ

वैज्ञानिकों ने ऐसा पदार्थ विकसित किया है जिससे दांत की परत (इनेमल) को दोबारा बनाने में मदद मिल सकती है। इससे दांतों की सड़न और उनमें महसूस होने वाली झनझनाहट को भी रोका जा सकेगा। दांतों के बाहरी हिस्से पर मौजूद इनेमल शरीर के सबसे सख्त उत्तक होते हैं। अम्लीय खाना, पेय पदार्थों से संपर्क या अत्यधिक तापमान बर्दाश्त करने या बहुत ठोस चीजें चबाने के बावजूद हमारे दांत बहुत लंबे समय तक काम कर पाते हैं तो इसी परत की वजह से। दांतों की बेहद संगठित संरचना के कारण वह इतने सारे काम कर पाते हैं। हालांकि शरीर के दूसरे उत्तकों से उलट यह परत एक बार नष्ट हो जाने के बाद फिर से नहीं बन पाती है। इससे दांत टूटने लगते हैं और उनमें दर्द रहता है। यह समस्या दुनिया की 50 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है। इसलिए इस परत को फिर से बना पाने के तरीके तलाशना दंतचिकित्सा की एक बहुत बड़ी जरूरत बन गया था। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है जिनमें कृत्रिम पदार्थ बनाने की नई तकनीक विकसित करने के संबंध में जानकारी दी गई है। इस अध्ययन से दांतों का खराब होना बीते जमाने की बात हो जाएगा।

वैज्ञानिकों ने ऐसा पदार्थ विकसित किया है जिससे दांत की परत (इनेमल) को दोबारा बनाने में मदद मिल सकती है। इससे दांतों की सड़न और उनमें महसूस होने वाली झनझनाहट को भी रोका जा सकेगा।  दांतों के बाहरी हिस्से पर …

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दिल के मरीजों को ओपन हार्ट सर्जरी से बचा सकता है टीबैग

दिल के कई मामलों में ओपन हार्ट सर्जरी ही विकल्प है। एक शोध में कहा गया है कि छोटा सा टीबैग दिल के मरीजों को जटिल सर्जरी से बचा सकता है।  मिट्रल वॉल्व में आ जाती है समस्या दिल की बीमारियों में से एक है वाल्व लीक करना। इसमें हृदय के बाएं ओर मौजूद मिट्रल वॉल्व में समस्या आ जाती है। यह दिल की मांसपेशियों में कमजोरी के कारण होता है। आमतौर पर हार्ट अटैक की वजह से मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं। इससे वॉल्व खिंच जाता है। दो हिस्सों में बंटे वॉल्व को एक-दूसरे से संपर्क करना होता है, जिससे यह बंद हो सके। इससे दिल द्वारा पंप किया जा रहा रक्त पूरे शरीर में सामान्य रूप से पहुंचता है। हालांकि ऐसा नहीं होने पर शरीर में रक्त संचार की प्रक्रिया में रुकावट आ जाती है। शरीर में सही से नहीं हो पाता रक्त संचार विशेषज्ञों का कहना है कि वॉल्व के दोनों के सिरों के बंद नहीं होने से हृदय को सही दिशा में खून पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह मेहनत सिर्फ हृदय ही नहीं, मरीज पर भी काफी भारी पड़ती है। इस समस्या के कारण मरीजे के पूरे शरीर में रक्त का सही से संचार नहीं हो पाता है, जिससे सांस लेने में भयंकर समस्या होने लगती है। इससे जल्दी थकान और शरीर में पानी की कमी हो जाती है। लंदन के बार्ट्स हेल्थ एनएचएस ट्रस्ट कंसल्टेंट इंटरवेंश्नल कार्डियोलॉजिस्ट और प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर माइकल मुलेन ने कहा कि कुछ मरीज चंद कदम चलने में हांफने लगते हैं।  अोपेन हार्ट सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं होते कुछ मरीज आमतौर पर मिट्रल वॉल्व की लीफलेट्स फिर से एक दूसरे से संपर्क कर सकें, इसके लिए ओपेन हार्ट सर्जरी की जाती रही है। डॉ. मुलेन ने कहा कि वॉल्व लीक करने की समस्या के शिकार मरीज, जिनमें से ज्यादातर को हार्ट अटैक हो चुका होता है। यह मरीज ओपेन हार्ट सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।  दिल की अच्छी सेहत के लिए हफ्ते में तीन बार खाएं मुट्ठी भर नट्स जांघ में 1 सेंटीमीटर का सुराख कर डाला जाता है कार्डियोबैंड ब्रिटेन के सेंट बार्थोलोम्यू हॉस्पिटल में पहली बार यह सर्जरी की है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसमें मरीज के शरीर में जांघ के पास एक सेंटीमीटर का सुराख किया जाता है, जिसके जरिये ब्रेसलेटनुमा कार्डियोबैंड हृदय की मांसपेशियों तक पहुंचाया जाता है। मरीज की नस के जरिए कैथेटर को हृदय तक पहुंचाया जाता है। कार्डियोबैंड एक 10 सेंटीमीटर लंबा वायर होता है, जिसमें कपड़ा लगा होता है। यह तार टीबैग के तार की तरह होता है। 17 बारीक पेचों की मदद से लगाया जाता है टीबैग वायर अल्ट्रासाउंड और ऐक्सरे की मदद से इस बैंड को हृदय वॉल्व तक पहुंचाया जाता है। इसमें तकरीबन 17 बारीक पेच लगे होते हैं। इस बैंड को वायर के जरिए सी के आकार में इसमें लगे पेच की सहायता से कस दिया जाता है।

दिल के कई मामलों में ओपन हार्ट सर्जरी ही विकल्प है। एक शोध में कहा गया है कि छोटा सा टीबैग दिल के मरीजों को जटिल सर्जरी से बचा सकता है।  मिट्रल वॉल्व में आ जाती है समस्या दिल की …

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पुरुषों में कैंसर के 8 शुरुआती संकेत, भूलकर भी न करें इग्नोर

एमडी Laura J. Martin ने अपनी रिसर्च में ऐसे संकेतों के बारे में बताया है जो पुरुषों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। ये संकेत कैंसर की एर्ली स्टेज में दिखाई देते हैं। इनको पहचान कर डॉक्टर के पास जाकर बड़ी …

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सुबह एक गिलास दूध में मिलाकर पी लें खसखस के कुछ दानें, होंगे ये 9 फायदे

खसखस, अफीम के फल में से निकलने वाले सफेद रंग के बीज होते हैं। ये टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होते हैं। जिनका उपयोग हलवा बनाने और सब्जियों की ग्रेवी को गाढ़ा करने में जनरली किया जाता है। लेकिन …

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