दुनियाभर में व्यापक तौर पर लोग अपर्याप्त नींद से प्रभावित हो रहे हैं. शोधकर्ताओं ने पाया है कि अपर्याप्त नींद वित्तीय व गैर वित्तीय कीमतों से जुड़ी हुई हैं. इसकी कीमत देश के लिए अरबों डॉलर में हो सकती है. शोध के लिए वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के डेविड हिल्मैन व उनके सहयोगियों ने ऑस्ट्रेलिया में सीमित नींद के आर्थिक परिणामों को मापने का प्रयास किया.
शोध के निष्कर्ष पत्रिका ‘स्लीप’ में प्रकाशित हुए हैं. इसमें पता चला कि ऑस्ट्रेलिया में 2016-17 के लिए अपर्याप्त नींद की कुल कीमत 45.21 अरब डॉलर रही.
शोध में कहा गया कि समान अर्थव्यवस्था वाले दूसरे देशों की भी स्थिति तरह की होने की संभावना है.
शोधकर्ताओं ने कहा, “हम अपर्याप्त नींद के विश्वव्यापी महामारी के बीच में है, जिसमें यह कुछ नैदानिक नींद के विकारों, कुछ काम को पूरा करने के दबाव, समाज व पारिवारक गतिविधियों व कुछ नींद को कम प्राथमिकता देने की विफलता या लापरवाही की वजह से है.”
उन्होंने कहा, “इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के अलावा इस समस्या बड़ी आर्थिक कीमत है, जिसमें इसके स्वास्थ्य, सुरक्षा व उत्पादता पर नकारात्मक प्रभाव शामिल हैं. इस मुद्दे पर शिक्षा, नियमन व अन्य पहलों के जरिए ध्यान देने से इससे पर्याप्त आर्थिक व स्वास्थ्य के लाभ मिलने की संभावना है.”