अगर आप लंबी उम्र और सेहतमंद रहना चाहते हैं तो तेज गति से चलना शुरू करें। इससे दिल संबंधी बीमारियों से मृत्यु का खतरा कम होता है। शोध के नतीजों से पता चलता है कि औसत गति से चलने से दिल संबंधी बीमारियों की मृत्युदर में 21 फीसदी की कमी आती है और तेज गति से चलने वालों की मृत्युदर में 24 फीसदी की कमी देखी गई है। धीरे-धीरे चलने की तुलना में औसत गति से चलने से सभी तरह की मृत्युदर में 20 फीसदी की कमी आती है, जबकि तेज गति से चलने से 24 फीसदी की कमी आती है। सिडनी विश्वविद्यालय के चार्ल्स परकिंस सेंटर व स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एमानुएल स्टामाटेकिस ने कहा कि नतीजों पर सेक्स या बॉडी मास इंडेक्स का प्रभाव नहीं दिखता है, औसत या तेज गति से चलना सभी तरह के मृत्युदर के खतरे को खास तौर से कम करता है। हालांकि, ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि तेजी से चलने से कैंसर की मृत्युदर पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि तेज गति आमतौर पर 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, लेकिन यह वास्तव में चलने वाले की फिटनेस स्तर पर निर्भर करता है।

लंबी और खुशहाल जिंदगी चाहिए तो तेज चलें

अगर आप लंबी उम्र और सेहतमंद रहना चाहते हैं तो तेज गति से चलना शुरू करें। इससे दिल संबंधी बीमारियों से मृत्यु का खतरा कम होता है।अगर आप लंबी उम्र और सेहतमंद रहना चाहते हैं तो तेज गति से चलना शुरू करें। इससे दिल संबंधी बीमारियों से मृत्यु का खतरा कम होता है।  शोध के नतीजों से पता चलता है कि औसत गति से चलने से दिल संबंधी बीमारियों की मृत्युदर में 21 फीसदी की कमी आती है और तेज गति से चलने वालों की मृत्युदर में 24 फीसदी की कमी देखी गई है। धीरे-धीरे चलने की तुलना में औसत गति से चलने से सभी तरह की मृत्युदर में 20 फीसदी की कमी आती है, जबकि तेज गति से चलने से 24 फीसदी की कमी आती है।   सिडनी विश्वविद्यालय के चार्ल्स परकिंस सेंटर व स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एमानुएल स्टामाटेकिस ने कहा कि नतीजों पर सेक्स या बॉडी मास इंडेक्स का प्रभाव नहीं दिखता है, औसत या तेज गति से चलना सभी तरह के मृत्युदर के खतरे को खास तौर से कम करता है। हालांकि, ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि तेजी से चलने से कैंसर की मृत्युदर पर असर पड़ता है।   उन्होंने कहा कि तेज गति आमतौर पर 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, लेकिन यह वास्तव में चलने वाले की फिटनेस स्तर पर निर्भर करता है।

शोध के नतीजों से पता चलता है कि औसत गति से चलने से दिल संबंधी बीमारियों की मृत्युदर में 21 फीसदी की कमी आती है और तेज गति से चलने वालों की मृत्युदर में 24 फीसदी की कमी देखी गई है। धीरे-धीरे चलने की तुलना में औसत गति से चलने से सभी तरह की मृत्युदर में 20 फीसदी की कमी आती है, जबकि तेज गति से चलने से 24 फीसदी की कमी आती है। 

सिडनी विश्वविद्यालय के चार्ल्स परकिंस सेंटर व स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एमानुएल स्टामाटेकिस ने कहा कि नतीजों पर सेक्स या बॉडी मास इंडेक्स का प्रभाव नहीं दिखता है, औसत या तेज गति से चलना सभी तरह के मृत्युदर के खतरे को खास तौर से कम करता है। हालांकि, ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि तेजी से चलने से कैंसर की मृत्युदर पर असर पड़ता है। 

उन्होंने कहा कि तेज गति आमतौर पर 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, लेकिन यह वास्तव में चलने वाले की फिटनेस स्तर पर निर्भर करता है।

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