राज्य

गडकरी ने बोला चीनी मिले, अब गन्ने से सीधे एथनाल बना सकती है…

किसान पीजी कालेज में आयोजित सड़क, रिंगरोड एवं जलमार्ग परियोजना के शिलान्यास अवसर पर आयोजित जनसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार दोपहर 12.18 बजे पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीनी मिलें …

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नौ दिन रहेंगे व्रत, और गोरखनाथ मंदिर में करेंगे कलश स्थापित, सीएम योगी…

शारदीय नवरात्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर स्थित शक्ति मंदिर में कलश स्थापित करेंगे। विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान के साथ वह पूरे नौ दिन व्रत रहेंगे। इस नवरात्र में वह कुल छह दिन गोरखनाथ मंदिर में प्रवास करेंगे। गोरखनाथ मंदिर …

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अवैध पटाखों से भरा ट्रक पुलिस ने पकड़ा, मुखबिर से मिली सूचना पर कार्रवाई

बड़वानी पुलिस ने आज सुबह मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर अवैध पटाखों से भरा ट्रक पकड़ा है। इस ट्रक में पटाखों के 200 कार्टून भरे हुए थे। पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है। वहीं पटाखों …

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अब टीवी-मोबाइल से होगी पढ़ाई, ये चैनल हल करेगा छात्रों की सभी परेशानी

ग्वालियर जिले के 139 हाईस्कूल और हायर सेकंडरी विद्यालयों में जल्द ही डीटीएच व टीवी लगाए जाएंगे। इन टीवी पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में शुरू किए गए स्वयंप्रभा टेलीविजन चैनल के जरिए छात्रों को पढ़ाई कराई …

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जयप्रकाश नारायण, जिसने हिला दी थी इंदिरा गांधी की सत्ता

जेपी यानि जयप्रकाश नारायण जिन्होंने आजादी के बाद पहली बार जनआंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी आज पुण्यतिथि पर उनके गांव सिताबदियारा सहित पूरा बिहार उन्हें नमन कर रहा है। आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता संग्राम सेनानी और प्रसिद्ध समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की चर्चा न की जाए। जयप्रकाश कौन थे, इसका एक ओजपूर्ण परिचय रामधारी सिंह दिनकर की उन पंक्तियों से मिलता है, जो उन्होंने 1946 में जयप्रकाश नारायण के जेल से रिहा होने के बाद लिखी थी और पटना के गांधी मैदान में जेपी के स्वागत में उमड़ी लाखों लोगों के सामने पढ़ी थी... कहते हैं उसको जयप्रकाश जो नहीं मरण से डरता है ज्वाला को बुझते देख, कुंड में स्वयं कूद जो पड़ता है है जयप्रकाश वह जो न कभी सीमित रह सकता घेरे में अपनी मशाल जो जला बांटता फिरता ज्योति अंधेरे में हां जयप्रकाश है नाम समय की करवट का, अंगड़ाई का भूचाल, बवंडर, के दावों से, भरी हुई तरुणाई का खुलासा: ऐसे की जाती IRCTC की वेबसाइट हैक, एक माह के लिए 20 हजार की वसूली यह भी पढ़ें है जयप्रकाश वह नाम जिसे इतिहास समादार देता है बढ़कर जिनके पदचिह्नों को उर पर अंकित कर लेता है। सन 1946 की यह कविता रची जाने से पहले जयप्रकाश नारायण की युवा अवस्था बेहद तूफानी रही है। जेपी जब 20 वर्ष के थे तो उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए 1922 में वे अमेरिका चले गए। जहां उन्होंने 1922-1929 के बीच समाज-शास्त्र का अध्ययन किया। यहां की महंगी पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए जेपी ने खेतों, कंपनियों के साथ ही रेस्टोरेंट तक में काम किया। अमेरिका में मजदूरी करके वहां के कई विश्वविद्यालयों में बी.ए. और उसके बाद समाजशास्त्र में एम.ए. करने के बाद वे पीएचडी की तैयारी कर रहे थे तभी मां की बीमारी के कारण स्वदेश वापस लौटना पड़ा था। 1929 में जब वे अमेरिका से लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तेजी पर था। उनका संपर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरू से हुआ। वे आंदोलन का हिस्सा बने। 1932 में गांधी, नेहरू और अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद, उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया। पुत्री समान इंदिरा को हराया, फिर साथ बैठकर रोए 1977 में जेपी के आंदोलन के फलस्वरूप इंदिरा को हराकर जब जनता पार्टी सत्ता में पहुंची तो 24 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में विजय रैली का आयोजन किया गया, लेकिन खुद जेपी ही उस रैली में नहीं पहुंचे। अपनी राजनीतिक विजय के सबसे बड़े दिन जेपी गांधी शांति प्रतिष्ठान से निकलकर रामलीला मैदान जाने की जगह सफदरजंग रोड की एक नंबर कोठी में गए, जहां पहली बार हारी हुई इंदिरा बैठी थीं। जेपी से मिलकर इंदिरा के आंसू आ गए, लेकिन उससे भी ज्यादा हैरत की बात थी कि अपनी पराजित पुत्री के सामने जीते हुए जेपी भी रो रहे थे। छात्र आंदोलन की अगुवाई की वह इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे। 1974 में ही पटना में छात्रों ने आंदोलन की शुरुआत की। यह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक रहेगा, इस शर्त पर जेपी ने उसकी अगुवाई करना मंजूर किया। गिरते स्वास्थ्य के बावजूद जेपी इस आंदोलन से जुड़े और यह आंदोलन बाद में बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन बनकर उभरा और आखिर में जेपी के कारण ही यह आंदोलन 'संपूर्ण क्रांति' आंदोलन बना। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जेपी हुए गिरफ्तार इसके बाद देश में जो सरकार विरोधी माहौल बना और इंदिरा गांधी का सत्ता में रहना मुश्किल होने लगा तो 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जिसके अंतर्गत जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को बंदी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई। जेल मे जेपी की तबीयत और भी खराब हुई। 7 महीने बाद उनको मुक्त कर दिया गया। जेपी छात्र आंदोलन से ही निकले बिहार की राजनीति के दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव, जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के सुशील मोदी, ये तीनों जेपी आंदोलन में विद्यार्थी नेता के रूप में उभरे और बुलंद मुक़ाम हासिल किया। सुशील मोदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आए थे। आपातकाल के बाद वहीं लौट गए। लालू और नीतीश ने बिहार से होते हुए केंद्र की सियासत में भी अपना सिक्का जमाया। राम विलास पासवान जेपी आंदोलन में शामिल नहीं हुए लेकिन आपातकाल के विरोध में जेल जाने वालों में उनका भी नाम आता है। आज ही के दिन जेपी ने ली थी अंतिम सांस 8 अक्टूबर 1979 को दिल की बीमारी और डायबीटीज के कारण पटना में जेपी की मृत्यु हो गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने लोकनायक की मृत्यु पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी।

जेपी यानि जयप्रकाश नारायण जिन्होंने आजादी के बाद पहली बार जनआंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी आज पुण्यतिथि पर उनके गांव सिताबदियारा सहित पूरा बिहार उन्हें नमन कर रहा है। आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता …

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इंजीनियिंग छात्र का सिर धड़ से हो गया था अलग, हत्या या हादसे को लेकर उलझी गुत्थी

कॉलेज से फ्रेशर पार्टी कर दोस्त के घर सोने जा रहे बीई के छात्र की कार कैंसर पहाड़ी रोड से नीचे खाई में पड़ी मिली। कार में चालक के पीछे वाली सीट पर बैठे छात्र का धड़ कार के अंदर …

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छेड़खानी का विरोध करने पर 34 लड़कियों की बेरहमी से पिटायी, 10 गिरफ्तार

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 14 छात्राओं की हालत नाजुक बतायी जा रही है। छात्राओं पर इस तरह से किए हमले में पुलिस ने अबतक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इन सबसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही, फरार आरोपियों की तलाशी के छापेमारी जारी है। बता दें कि स्कूल के वार्डन ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी एसके सिंघल ने कहा कि दस लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है। View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI Total 10 people have been arrested in the incident where at least 30 schoolgirls where thrashed for allegedly resisting sexual advances in Supaul: ADG Police HQ SK Singhal #Bihar 4:30 PM - Oct 8, 2018 34 See ANI's other Tweets Twitter Ads info and privacy दरभंगा जोनल के आइजी पंकज दारद ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। पिछले चार दिनों से हॉस्टल की लड़कियों को परेशान करने के लिए मनचले हॉस्टल की दीवार पर अश्लील बातें लिख देते थे। लड़कियों के मना करने पर मनचलों ने काफी संख्या में हॉस्टल में घुसकर लड़कियों की जमकर पिटाई की। घटना को अंजाम देने वालों में मनचलों के अभिभावक भी शामिल थे जिसमें महिलाएं भी थीं। सबने हॉस्टल में घुसकर लड़कियों के साथ ही उनके शिक्षकों को भी बुरी तरह पीटा है। आइजी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। बिहार के सुपौल में 34 बच्चियों की पिटायी पर SC ने दिखाई सख्ती, कहा-एेसा नहीं चलेगा यह भी पढ़ें एएसपी त्रिवेणीगंज ने बताया कि कुछ महिलाओं को हिरासत में लिया गया है और सबसे पूछताछ की जा रही है। चार थानों की पुलिस छापेमारी कर रही है। हमने अस्पताल में जाकर घायल लड़कियों के बारे में जानकारी ली है, जिसमें उनकी स्थिति अब धीरे-धीरे सुधर रही है। सुपौल के एसपी मृत्युंजय चौधरी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के साथ एक मजिस्ट्रेट भी अगले आदेश तक स्कूल कैंपस में तैनात रहेंगे। बता दें कि विद्यालय में 100 लड़कियां पढ़ती हैं। स्कूल के एक स्टाफ ने भी बताया कि मनचले स्कूल की दीवार पर अपशब्द लिखने के अलावा छेड़छाड़ करते थे। इससे छात्राएं परेशान थीं। गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला: गरमायी सियासत तो बोले सीएम नीतीश यह भी पढ़ें जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो मनचलों के अभिभावक स्कूल में घुस आए और छात्राओं की पिटाई की। हमले में 34 लड़कियां घायल हो गई हैं जिनका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज में चल रहा है। हमसफर से सफर हुआ आसान, अब पाटलिपुत्र से वाया लखनऊ, कानपुर, कोटा टू उदयपुर यह भी पढ़ें जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम को कुछ छात्राएं विद्यालय परिसर में खेल रही थीं। इस दौरान कुछ मनचले उन पर अभद्र टिप्पणी करने लगे और फब्तियां कसने लगे। छात्राओं ने इसकी शिकायत अपने अध्यापकों से की। इसके बाद अध्यापक और अन्य लोग मनचलों को समझाने गए, लेकिन वे उनसे ही उलझ गए। थोड़ी देर बाद मनचलों के साथ लाठी-डंडे से लैश महिला-पुरुष हमलावरों ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जिसमें 34 छात्राओं को गंभीर चोट लगी है। बाद में एंबुलेंस से छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया गया। वृंदावन में 36 बिहारी गिरफ्तार, पहले होटल में छलकाया जाम फिर की अश्लील हरकत यह भी पढ़ें छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियां और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची। बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित तीन दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई हैं। डीएम वैद्यनाथ यादव ने बताया कि छींटाकशी का विरोध करने पर लड़कियों ने कुछ लड़कों की धुनाई कर दी। इसके विरोध में लड़कों के अभिभावकों ने लड़कियों पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर डीईओ को हमलावरों को चिह्नित करने और उन पर केस दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज …

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बिहार में आज से ऑनलाइन दाखिल-खारिज शुरू, अब नहीं होगी परेशानी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय स्थित संवाद में आज रिमोट के माध्यम से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन दाखिल खारिज’ ‘ऑनलाइन लगान भुगतान’ एवं ‘निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध कर Suo-Motu दाखिल खारिज’ सुविधा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे संतोष हो रहा है कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके लिए हमलोग पहले से ही काफी प्रयासरत थे। वर्ष 2005 में सत्ता में आने के बाद और जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान समीक्षा से यह पता चला कि 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले भूमि विवाद के हैं। आपसी झगड़े, आपराधिक घटनाओं में भी भूमि विवाद एक महत्त्वपूर्ण वजह होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीनी आंकड़े अपडेट नहीं है। यह भूमि दस्तावेज काफी पुराना है, सर्वे 1901 पर आधारित है। हमलोगों ने नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरु किया है। इसके लिए एरियल सर्वे कराया गया। हालांकि 5-5 जगहों से इसके लिए अनुमति लेनी पड़ी, जिस कारण तीन वर्ष का समय लग गया लेकिन अब यह बिहार में छेड़खानी का विरोध करने पर 34 लड़कियों की बेरहमी से पिटायी, 10 गिरफ्तार यह भी पढ़ें काम पूर्ण हो गया है। इस काम के लिये कर्मियों की संख्या की कमी है, जिसका आकलन किया गया है। इसके लिए 1203 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 2297 सर्वेक्षक अंचल निरीक्षक सह कानूनगो, 22966 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 2406 लिपिक/विशेष लिपिक, 1203 कार्यपालक सहायक, 12 डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं 1203 आई0टी0 ब्वॉय की नियुक्ति के लिए लोक वित्त समिति द्वारा प्रस्ताव किया गया है, इसके लिए विभाग को तेजी से काम करना होगा फिर मुख्य सचिव के स्तर से इसकी समीक्षा की जाएगी। बिहार के सुपौल में 34 बच्चियों की पिटायी पर SC ने दिखाई सख्ती, कहा-एेसा नहीं चलेगा यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने सर्वे सेटलमेंट के आधार पर खरीद-बिक्री का काम अभी किया जा रहा है लेकिन आज तीन ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत के बाद इसमें सुविधा होगी। भूमि विवाद के कारणों को हल करने में इससे सहुलियत होगी। लगान वसूली के लिए कर्मचारी की संख्या कम रहने के कारण काफी समस्या होती थी। साथ ही कर्मचारी को तलाष करने में भी लोगों को काफी परेषानी होती थी। उन्होंने कहा कि 1100 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण करवाया गया है और शेष पंचायतों में भी पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जाना है। पंचायत सरकार भवन में ही कर्मचारी के बैठने की व्यवस्था होगी, जिससे लोगों को कर्मचारी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला: गरमायी सियासत तो बोले सीएम नीतीश यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यों में कानून व्यवस्था को बहाल करना उनकी प्राथमिकता है। इस कार्य में बिहार जैसे राज्य में सबसे बड़ी समस्या भूमि विवाद के कारण होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग है, जिसके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। अब नए तकनीक के प्रयोग से कार्यों में सुविधा होगी। जमीन का बंटवारा होने के बाद भी दादा-परदादा-पिताजी के नाम से जमीन रहती है। दाखिल खारिज अपने नाम से नहीं होने से खरीद बिक्री में विवाद होता है। निबंधन शुल्क ज्यादा होने के कारण भी आपसी सहमति से हुए बंटवारे का निबंधन लोग नहीं कराते हैं। हमसफर से सफर हुआ आसान, अब पाटलिपुत्र से वाया लखनऊ, कानपुर, कोटा टू उदयपुर यह भी पढ़ें उन्होंने कहा कि अब पारिवारिक बंटवारे में हमने यह निर्देश दिया है कि इस शुल्क को सांकेतिक किया जाय। कम से कम खर्च में लोग दाखिल खारिज करा सकेंगे और उनकी जमीन का दस्तावेज आधिकारिक हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाबंदी रजिस्टर तथा अन्य भूमि संबंधी दस्तावेजों को स्कैन कर ई-रिकॉर्ड के रुप में सुरक्षित रखा जाएगा ताकि पुराने दस्तावेज सुरक्षित रहें और उनका भविष्य में उपयोग हो सके। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में भी सहुलियत होगी और भूमि विवाद के निराकरण में मदद मिलेगी। वृंदावन में 36 बिहारी गिरफ्तार, पहले होटल में छलकाया जाम फिर की अश्लील हरकत यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्ताह के एक दिन यानि शनिवार को थाना प्रभारी एवं अंचलाधिकारी की बैठक होगी जिसमें भूमि विवाद की जानकारी ली जाएगी एवं उसके समाधान का उपाय किया जायेगा। हर 15 दिनों पर जिलाधिकारी एवं एस0पी0 की बैठक होगी, जिसमें अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी की बैठक में निष्पादित मामलों की जानकारी प्राप्त की जाएगी एवं जिले के अंदर भूमि विवाद संबंधी समस्या के समाधान के लिए विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। निर्धारित 15 दिन में एक दिन पूरे समय बैठने का मौका नहीं मिलता है, फिर भी कम से कम कुछ घंटों की बैठक जरुर होनी चाहिए। प्रत्येक माह में एक दिन मुख्य सचिव, डी0जी0पी0, प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एवं प्रधान सचिव निबंधन विभाग की एक बैठक होगी, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा और जमीन विवाद संबंधी समस्या के समाधान की समीक्षा की जाएगी। इस तरह ऊपर से नीचे तक एक तंत्र विकसित होगा और जवाबदेही के साथ कार्य का निष्पादन होगा। लालू के लाल तेजप्रताप हैं कुरुक्षेत्र में, सारण से चुनाव लड़ने के लग रहे कयास यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे जिसमें खतिआनों एवं रजिस्टर-2, सरकारी बंदोबस्ती पंजी, दाखिल खारिज पंजी, सरकारी रजिस्टर का, डिजिटलाइजेशन एवं स्कैनिंग किया जाएगा। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में पुराना रिकाॅर्ड किसका है, इसके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी और नए सर्वे सेटलमेंट में जो आपत्तियाॅ होंगी, उसके निष्पादन में कम समय लगेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय स्थित संवाद में आज रिमोट के माध्यम से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन दाखिल खारिज’ ‘ऑनलाइन लगान भुगतान’ एवं ‘निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध कर Suo-Motu दाखिल खारिज’ सुविधा का शुभारंभ किया। …

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ठाणे में फुटओवर ब्रिज का एक हिस्‍सा गिरा, कोई हताहत नहीं

ठाणे के वाशी नाका के पास रविवार शाम को फुट ओवर ब्रिज का एक हिस्सा गिर गिया। हालांकि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई है। पुलिस राहत में जुट गई है। इससे पहले …

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व्‍यापारी उधार के बदले महिला के साथ करता था दुष्कर्म, बेटे ने किया हाल ख़राब…

एक व्‍यापारी उधार दी गई रकम के बदले एक महिला से दुष्‍कर्म करता था। इस बारे में महिला के बेटे को पता चला तो उसने व्‍यापारी को मार डाला। पुलिस ने महिला और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। …

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