बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार 15 साल नाकाम रहे हैं. राज्य में कोरोना की स्थिति चिंताजनक है. सरकार ने जनता को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है. सीएम ने खुद अपनी कोरोना जांच कराई है.
उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण अप्रत्याशित रूप से बढ़ चुका है. सरकार को कहीं कोई चिंता नहीं. ना जांच की, ना इलाज की. पूरा मंत्रिमंडल, प्रशासन और सरकार चुनावी तैयारियों में व्यस्त है.
सरकार आंकड़े छिपा रही है. अगर सरकार नहीं संभली तो अगस्त-सितंबर तक स्थिति और विस्फोटक हो सकती है.
आरजेडी नेता ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग आईसीयू में है. पिछले 2 सालों में कोई स्वास्थ्य केंद्र स्थापित नहीं किया गया है.
यूनिसेफ, नीति आयोग और NRHM को यह पता चला है. सीएम नीतीश कुमार लाशों के ढेर पर चुनाव करवाना चाहते हैं. वो राष्ट्रपति शासन से डर रहे हैं.
तेजस्वी ने कहा कि मेडिकल इमरजेंसी के वक्त सीएम नीतीश कुमार डिजिटल रैली करने में व्यस्त हैं. आखिर चुनाव कराने में जल्दबाजी क्यों? कोरोना अब सीएम हाउस पहुंच चुका है. चुनाव कराने का ये सही समय नहीं है.
इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री ने महंगाई और डीएनए वाली घटनाओं पर नीतीश कुमार को घेरा था. तेजस्वी ने कहा था कि बीजेपी को पहले महंगाई डायन लगती थी आज वो भौजाई लगने लगी है.
पिछले चुनाव में जिन्होंने नीतीश कुमार के डीएनए में खराबी बताई थी आज वो उन्हीं के सामने नतमस्तक हो गए हैं. लगता है नीतीश कुमार की आत्मा बंगाल की खाड़ी में डूब गई है.