विकास दुबे जो 71 मुकदमों के बाद भी कानपुर के चौबेपुर थाने की हिट लिस्ट में नहीं था वह आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद प्रदेश के टॉप थ्री अपराधियों की सूची में पहुंच गया।
विकास के अलावा प्रदेश के केवल दो अपराधियों पर ही ढाई लाख रुपये का ईनाम घोषित है। इसमें एक है मेरठ का मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दो और दूसरा पश्चिमी यूपी में मुनीर के साथ मिलकर लूट की बड़ी बड़ी वारदातों को अंजाम दे कर फरार हो जाने वाला आशुतोष। इन दोनों पर भी ढाई-ढाई लाख रुपये का ईनाम घोषित है।
इन दोनों के अलावा प्रदेश के 19 अपराधी ऐसे हैं जिनपर पचास हजार या उससे अधिक राशि का ईनाम घोषित है। वहीं सूत्रों का कहना है कि अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जो भी फरार अपराधी है और बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है, उसपर ईनाम राशि बढ़ाई जाएगी।
अपराधियों और पुलिसकर्मियों के बीच सांठगांठ को खत्म करने के पूर्व के प्रयास विफल हो चुके हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व डीजीपी तक के निर्देश बेमानी साबित हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में समीक्षा के दौरान कहा था कि अपराधियों और पुलिसकर्मियों की सांठगांठ अब नहीं चलेगी।
ऐसे पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले डीजीपी भी इसी तरह का आदेश दे चुके थे। दोनों ही आदेश बेमतलब साबित हुए और अपराधियों से सांठगांठ रखने वाले पुलिसकर्मी अपनी मनपसंद तैनाती पाते रहे।
कानपुर की घटना के बाद अब पुलिस महकमा फिर जागा है। एडीजी कानून व्यवस्था ने कहा है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को दूरस्थ स्थानांतरित किया जाएगा जिनके अपराधियों के साथ संबंध हैं या रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी, लेकिन अब पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऐसे पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
कानपुर की घटना में कई पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। यही वजह है कि कई पर कार्रवाई हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि अभी और भी ऐसे कई पुलिसकर्मी हैं जो विकास के संपर्क में थे। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि जिन पुलिसकर्मियों का विकास दुबे के साथ संबंध रहा है उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।