कानपुर शूटआउट पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. प्रियंका ने ट्वीट करके कहा कि शहीद पुलिस अधिकारी सीओ देवेंद्र मिश्रा का वरिष्ठ अधिकारियों को मार्च में लिखा गया पत्र इस नृशंस वारदात का अलार्म था.

उन्होंने कहा कि आज कई खबरें आ रही हैं कि वो पत्र गायब है. ये सारे तथ्य यूपी के गृह विभाग की कार्यशैली पर एक गंभीर प्रश्न उठाते हैं.
बता दें कि शहीद क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा का एक लेटर सामने आया है, जिसमें उन्होंने चौबेपुर के एसएचओ विनय तिवारी और विकास दुबे की मिलीभगत को लेकर तत्कालीन एसएसपी से शिकायत की थी. चौबेपुर के एसएचओ विनय तिवारी की सीओ देवेंद्र मिश्रा से बिल्कुल भी नहीं बनती थी.
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने साफ लिखा था कि अगर इंस्पेक्टर ने अपनी कार्य प्रणाली नहीं बदली तो गंभीर घटना हो सकती है.
ये चिट्ठी मार्च महीने में सीओ देवेंद्र मिश्रा ने लिखी थी, लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ. अब जांच के दौरान ये बात सामने आ रही है कि चौबेपुर थाने से ही विकास दुबे को पुलिस की दबिश की खबर दी गई थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में 2 जुलाई की रात पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला हुआ था. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.
हमले में क्षेत्राधिकारी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद योगी सरकार, विपक्ष के निशाने पर आ गई है.
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