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वीरेंद्र सहवाग ने इस खिलाड़ी को बताया पाक का ‘सचिन तेंदुलकर’

वीरेंद्र सहवाग ने इस खिलाड़ी को बताया पाक का 'सचिन तेंदुलकर'

 टीम इंडिया के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने पाकिस्तानी टीम में ‘सचिन तेंदुलकर’ को पहचान लिया है. हाल ही में वीरेंद्र सहवाग ने गल्फ न्यूज से एक इंटरव्यू कहा, ‘पाकिस्तान सीरीज से पहले हमारी टीम में हर व्यक्ति सचिन तेंदुलकर और शाहिद अफरीदी के …

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कप्तान विराट के साथ, रोहित से भी CoA करेगी बात चित , टीम में बदलाव को लेकर होगी चर्चा

टीम इंडिया इस समय भारत और वेस्टइंडीज के बीच शुक्रवार को शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच की तैयारी कर रही है. टीम ने पहला मैच राजकोट में एक पारी और 272 रनों से जीता था. इस सीरीज में वेस्टइंडीज …

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आखिर क्यों कहा जाता हैं बिल्लियों को अपशगुन ? वजह आपको दंग कर देगी…

आपने अपने बड़े बुजुर्गों के म्ह्ह से अक्सर ये सुना होगा की बिल्लियाँ अगर रास्ता काट दें तो इसे अपशगुन माना जाता है. हमारे देश में ऐसे बहुत स एलोग हैं जो इस पुरानी मान्यता में काफी विश्वास करते हैं. …

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 इन 3 कारणों से बाथटब में गिरने से होती हैं मौत, आप भी रहे सतर्क

बॉलीवुड की नायिका श्रीदेवी के निधन पर पूरा भारत शौक में डूबा हुआ हैं. 24 जनवरी को दुबई के होटल में हुई मौत के बाद आखिर कल रात (27 जनवरी) उनके पार्थीव शरीर को मुंबई लाया जा चुका हैं. आज …

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Ind vs WI :धौनी को वनडे सीरीज से किया जा सकता है बाहर, ये है वजह

भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच खेली जाने वाली वनडे सीरीज़ के लिए गुरुवार को टीम इंडिया का एलान होना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घरेलू वनडे सीरीज़ में महेंद्र सिंह धौनी की खराब बल्लेबाजी फॉर्म के कारण चयनकर्ता रिषभ पंत को भी टीम में जगह दे सकते हैं। ये भी हो सकता है कि वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे सीरीज़ के लिए धौनी का चयन ही न हो। अभी यह तय नहीं है कि टीम का चयन पहले तीन मैचों के लिए किया जाएगा या पूरी श्रृंखला के लिए। सीमित ओवरों के चरण की शुरुआत 21 अक्टूबर से होगी जिसमें पांच एकदिवसीय और तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे। कप्तान विराट कोहली पर काम का बोझ भी अहम मुद्दा है लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि वह पूरी श्रृंखला से आराम लेना चाहेंगे। इसके अलावा धौनी के कवर को लेकर चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के बीच चर्चा हो सकती है। धौनी की विकेटकीपिंग धारदार है लेकिन उनकी बल्लेबाजी फार्म में गिरावट आई है। धौनी को न मिले टीम में जगह! 208 टेस्ट और 18 साल से ऑस्ट्रेलियाई टीम ने नहीं किया ये काम, अब होना पड़ा शर्मसार यह भी पढ़ें चयन मामलों की जानकारी रखने वाले बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘हम सभी को पता है कि धौनी विश्व कप तक खेलेगा लेकिन पंत को निखारने में कोई नुकसान नहीं है जो छठे या सातवें नंबर पर शानदार बल्लेबाज हो सकता है, जिसमें मैच को खत्म करने की क्षमता है।’ इस बात से ये भी इशारा मिल रहा है कि धौनी का वनडे सीरीज़ के लिए सेलेक्शन ही न हो और इस सीरीज़ में रिषभ पंत को चुना जाए। क्योंकि ये सीरीज़ वेस्टइंडीज़ के खिलाफ है तो ऐसे में चयनकर्ता ये प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन हम सभी जानते हैं कि धौनी विकेट के पीछे काफी तेज़ हैं तो ऐसे में पंत पर भी विकेटकीपिंग में धौनी को मैच करने का दबाव रहेगा। क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में पंत ने अपनी विकेटकीपिंग से सभी को निराश किया था। हालांकि उन्होंने इसके बाद भारत के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी से विकेटकीपिंग के कुछ टिप्स भी लिए थे। पत्नी की गलती इस पाकिस्तानी क्रिकेेटर को पड़ी भारी, लग गया बैन, दिलचस्प है मामला यह भी पढ़ें द ओवल में पहला टेस्ट शतक जड़ने के बाद राजकोट में भी पंत ने 92 रन की पारी खेली जिसके बाद 20 साल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज को टीम में शामिल करने की मांग तेज हो रही है। दिनेश कार्तिक टीम का हिस्सा रहे हैं लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है और अहम मौकों पर वह मैच को फिनिश करने में नाकाम रहे हैं जो टीम प्रबंधन की चिंता का सबब है। चयनकर्ता इसके अलावा कुछ और विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं। केदार जाधव अपनी पैर की मांसपेशियों को लेकर परेशान हैं और सीमित ओवरों के चरण से बाहर हो गए हैं जिससे मध्यक्रम में एक स्थान बना है। 93 वनडे, 42 टी20 खेलने के बाद 31 वर्ष की उम्र में टेस्ट में डेब्यू किया इस बल्लेबाज ने, बनाए इतने रन यह भी पढ़ें एशिया कप में अच्छे प्रदर्शन के बाद अंबाती रायुडू का चुना जाना लगभग तय है, फिर भले ही कोहली खेलने का फैसला करें या नहीं। मौजूदा टेस्ट श्रृंखला से ब्रेक के बाद भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की वापसी लगभग तय है।

भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच खेली जाने वाली वनडे सीरीज़ के लिए गुरुवार को टीम इंडिया का एलान होना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घरेलू वनडे सीरीज़ में महेंद्र सिंह धौनी की खराब बल्लेबाजी फॉर्म के कारण चयनकर्ता रिषभ पंत को …

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नवरात्र के दौरान उपवास में रखें खास ध्यान, ताकि शुगर और BP परेशान न करें

उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को परिष्कृत करता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज) और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त है तो उपवास रखते समय उसे सजगता बरतना जरूरी है उपवास रखने का निर्णय व्यक्तिगत है, परंतु उपवास से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधित जटिलताओं के बारे में सावधानी से विचार करने के बाद ही निर्णय लें। अपने डॉक्टर से भी सलाह अवश्य लें। टाइप-1 डायबिटीज के रोगी और जिन लोगों की ब्लड शुगर अनियंत्रित है, उन्हें व्रत नहीं रखना चाहिए। रख सकते हैं उपवास आहार और व्यायाम के माध्यम से अच्छी तरह से संतुलित टाइप-2 डायबिटीज में उपवास से संबंधित समस्याओं के होने का खतरा कम होता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति उपवास रख सकते हैं। दवाओं से डायबिटीज नियंत्रित रखने वाले लोग एहतियात के साथ नवरात्र का व्रत रख सकते हैं। न रखें व्रत जिन लोगों की ब्लड शुगर नियंत्रित न हो या डायबिटीज से संबंधित कोई जटिलता हो। जो लोग इंसुलिन लेते हैं, उन्हें नवरात्र में व्रत नहीं रखना चाहिए। ...जब हुदहुद और फैलिन के प्रकोप से थर्राई धरती, जानें क्‍या है मामला यह भी पढ़ें बच लो शुगर से उपवास के दौरान बहुत से लोग लंबे समय तक भोजन के बगैर रहते हैं। यह स्थिति डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए लो शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) का कारण हो सकती है। लो शुगर के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। लो शुगर हो जाने पर शहद, ग्लूकोज या चीनी लेने से शुगर के स्तर को ठीक भी किया जा सकता है, परंतु कभी-कभी लो शुगर होने से व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इसीलिए मधुमेह से ग्रस्त लोगों को व्रत के दौरान भी हर तीन-चार घंटे पर कुछ खाना आवश्यक है। लो शुगर के लक्षण आमतौर पर 70 एमजी/ डीएल से कम के शुगर लेवल होने पर आते हैं। ये लक्षण हैं अचानक पसीना आना, कमजोरी महसूस होना, हाथों और पैरों में कंपन आदि। राफेल विमान डील: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगी रिपोर्ट यह भी पढ़ें हाई शुगर (हाइपरग्लाइसीमिया) उपवास रखने से रक्त में शुगर लेवल के बढ़ने का खतरा होता है। तमाम लोग व्रत में इंसुलिन लगाना और दवा खाना छोड़ देते हैं। इस कारण रक्त शर्करा बढ़ जाती है। नवरात्र के दौरान खाए जाने वाले आहार में फैट (वसा) और कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में होता है, जैसे आलू, साबूदाना और तले हुए खाद्य पदार्थ आदि। इस प्रकार का खाना रक्त शर्करा बढ़ा देता है। शारदीय नवरात्र : जानिए मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी ‘शैलपुत्री’ के बारे में यह भी पढ़ें डीहाइड्रेशन से बचें डायबिटीज वालों को हाई ब्लड शुगर के अलावा डीहाइड्रेशन का खतरा अधिक रहता है। इसलिए व्रत में तरल पदार्थ जैसे- नारियल पानी, नींबू पानी और लस्सी लेते रहना चाहिए। डीहाइड्रेशन के लक्षण हैं- अधिक थकान, असामान्य प्यास, असामान्य रूप से गाढ़े रंग की पेशाब होना, सांस लेने में तकलीफ आदि। मुंबई के बाद दिल्ली में रह रहे सबसे ज्यादा अरबपति, दो औद्योगिक घरानों का दबदबा यह भी पढ़ें रखें ध्यान उपवास रखने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। डॉक्टर आपकी दवा की खुराक (डोज) में परिवर्तन की सलाह दे सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं की खुराक के बारे में भी सलाह लें। डॉक्टरी सलाह के बिना कभी भी दवा न छोड़ें। एक समय पर थोड़ा खाएं और हर तीन से चार घंटे में कुछ न कुछ खाएं। ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं, जो ब्लड शुगर को ज्यादा न बढ़ाए और आपका पेट भी भरे, जैसे लौकी,कूटू का चीला, खीरे का रायता, पनीर, मौसमी फल, नारियल पानी और सांवा के चावल। सांवा के चावल फाइबर और विटामिंस के उच्च स्रोत हैं। अगर हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल में खाद्य पदार्थों को तैयार किया जाएगा तो वह हानिकारक सिद्ध होगा। डायबिटीज से ग्रस्त लोग नियमित अंतराल पर फल, बादाम, अखरोट और भुना हुआ मखाना आदि खा सकते हैं। नियमित शुगर जांच उपवास के दौरान डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर की जांच दिन में तीन से चार बार करना आवश्यक है। यह सुझाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो दवा या इंसुलिन लेते है। आपके स्‍मार्टफोन होने जा रहे हैं और 'स्‍मार्ट', जानिए- क्‍या होंगे बदलाव यह भी पढ़ें उच्च वसायुक्त खाद्य पदार्थ न लें कुछ लोग नवरात्र में उपवास के बहाने तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्स, पापड़, पूड़ी आदि खाते हैं। इन सब में फैट और नमक की मात्रा अधिक होती है और फाइबर कम होता है। ऐसा खानपान डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदेह है। माय सिटी माय प्राइड : 10 शहरों को मिलीं गर्व करने की 110 वजह ! यह भी पढ़ें नमक की संतुलित मात्रा नवरात्र के दौरान अनेक लोग नमक वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं। आठ या नौ दिन तक नमक के बगैर रहने से आप कमजोरी महसूस करेंगे और ब्लड प्रेशर सामान्य से नीचे गिर सकता है। नवरात्र के दौरान सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है, परंतु चिप्स और नमकीन न लें।

उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को परिष्कृत करता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज) और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त है तो उपवास रखते समय उसे सजगता बरतना जरूरी है उपवास रखने का निर्णय व्यक्तिगत है, परंतु उपवास …

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जब आया था श्री देवी का पार्थिव शरीर तब उनके हाथ में दिखा कुछ ऐसा जिसे देख के लोग हो गये दंग..

ये तो सब जानते है कि बीते शनिवार बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह कर चली गई. बता दे कि श्रीदेवी का निधन मुंबई में नहीं बल्कि दुबई में हुआ था. जी हां बता दे …

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इस प्रदेश में चक्रवाती तूफान ‘तितली’ का रेड अलर्ट, अगले 24 घंटे पड़ सकते हैं भारी

ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान 'तितली' ने प्रदेश में कहर बरपा रखा है. ओडिशा सरकार ने चक्रवाती तूफान तितली के मद्देनजर जिला अधिकारियों को तैयार रहने और जान माल की हानि से बचने के लिए कहा है. तूफान 11 अक्टूबर को ओडिशा तट से गुजरने की आशंका है. भारतीय मौसम विज्ञान-विभाग (आईएफडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और 11 अक्टूबर को सुबह गोपालपुर और कलिंगपत्तनम के बीच ओडिशा और उत्तर आंध्रप्रदेश के तट को पार करेगा. मछुआरों को नौ से 12 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्री इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी गई है क्योंकि समुद्री हालात खराब हो सकते हैं. दक्षिणी ओडिशा तट के कुछ इलाकों में मंगलवार को बारिश शुरू हो गई है और ओडिशा के तटीय इलाकों में बुधवार को कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश व अलग-अलग जगहों पर बहुत तेज बारिश हो सकती है. गुरुवार को ओडिशा के तटीय और आसपास की अलग-अलग जगहों पर मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है. cyclonic storm Titli Odisha Snowfall: सीजन की पहली बर्फबारी से खिल उठी कश्मीर घाटी, फोटोज देखकर दिल हो जाएगा खुश मौसम विभाग का कहना है कि उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफानी हवाएं 45-55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है. भुवनेश्वर मौसम विभाग केंद्र के निदेशक एच.आर. बिस्वास ने कहा कि दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तटों के आस-पास के जिलों में 10 अक्टूबर शाम से तूफानी हवाओं के 70-80 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है

ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने प्रदेश में कहर बरपा रखा है. ओडिशा सरकार ने चक्रवाती तूफान तितली के मद्देनजर जिला अधिकारियों को तैयार रहने और जान माल की हानि से बचने के लिए कहा है. तूफान 11 अक्टूबर को ओडिशा …

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करोड़ों रुपयों के कर्ज में डूबे हैं प्रियंका चोपड़ा के होने वाले ससुर, खुद को घोषित कर चुके हैं दिवालिया.

जैसा की आप सभी जानते हैं की बीते तीन सालों से अमेरिकी पॉप सिंगर निक जोनस के साथ रिलेशनशिप में रहने के बाद आखिरकार बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने बीते दिनों मुंबई में उनसे सगाई कर ली. प्रियंका और निक …

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शारदीय नवरात्र : जानिए मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी ‘शैलपुत्री’ के बारे में

शारदीय नवरात्र का प्रारंभ मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना से होता है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री गिरिराज हिमालय की पुत्री हैं। श्वेत व दिव्यस्वरूप वाली देवी वृषभ पर आरूढ़ हैं। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल का पुष्प सुशोभित है। कथा के अनुसार, मां शैलपुत्री पूर्वजन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थीं, जिनका विवाह शिव से हुआ था। यज्ञ के आयोजन में दक्ष द्वारा शिव को अपमानित करने से सती ने योगाग्नि में अपने तन को भस्म कर दिया था। अगले जन्म में हिमालय पुत्री के रूप में उनका अवतरण हुआ और वे शैलपुत्री कहलाईं। इन्हें पार्वती भी कहते हैं, जो भगवान शंकर की अद्र्धांगिनी हैं। मुंबई के बाद दिल्ली में रह रहे सबसे ज्यादा अरबपति, दो औद्योगिक घरानों का दबदबा यह भी पढ़ें स्वरूप का ध्यान मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमारे मन को परिमार्जित कर हमारे भीतर विनम्रता व सौम्यता का विकास करता है। जिस प्रकार श्वेत रंग प्रकाश की सभी रश्मियों को परावर्तित कर देता है, उसी प्रकार मां का यह स्वरूप हमें जीवन में निस्पृह रहने का संदेश देता है। यह हमें जीवन के कठिन संघर्षों में भी धैर्य, आशा व विश्वास के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है। मां का श्वेत स्वरूप हममें सद्प्रवृत्ति का आत्मिक तेज प्रदान करता है। मां वृषभ पर आरूढ़ हैं। वृषभ धर्म का प्रतीक है। सद्प्रवृत्तियां ही धर्म हैं, अत: हमें उन्हें धारण करने का संदेश मिलता है। बाएं हाथ में कमल हमें पवित्र कर्मों में प्रवृत्त होने का संदेश प्रदान करता है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल हमारे त्रितापों (दैहिक, दैविक व भौतिक) को नष्ट करता है। आपके स्‍मार्टफोन होने जा रहे हैं और 'स्‍मार्ट', जानिए- क्‍या होंगे बदलाव यह भी पढ़ें आज का विचार माय सिटी माय प्राइड : 10 शहरों को मिलीं गर्व करने की 110 वजह ! यह भी पढ़ें संसार के विषयों से निरासक्त होकर हमारे भीतर सरलता का आविर्भाव होता है। ध्यान मंत्र हैदराबाद में 100 आवारा कुत्तों की मौत से सनसनी, लाशों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया यह भी पढ़ें वंदे वांछितलाभाय चंद्रार्धकृत शेखराम्। वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।

शारदीय नवरात्र का प्रारंभ मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना से होता है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री गिरिराज हिमालय की पुत्री हैं। श्वेत व दिव्यस्वरूप वाली देवी वृषभ पर आरूढ़ हैं। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा …

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