अन्तर्राष्ट्रीय

फिर साथ आएंगे ट्रंप और किम जोंग, जल्द होगा अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जल्द से जल्द दूसरी शिखर बैठक करने के लिए राजी हैं. प्योंगयांग में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और किम के बीच हुई ‘फलदायी’ बातचीत के बाद सोल ने रविवार को शिखर सम्मेलन की बात कही. कोरियाई प्रायद्वीप की यात्रा के दौरान रविवार की सुबह प्योंगयांग में पोम्पिओ ने पहले दो घंटे तक किम से बातचीत की, फिर दोनों नेताओं ने दोपहर का भोजन भी साथ किया. वहां से पोम्पिओ सोल रवाना हो गए. शिखर सम्मेलन के लिए जगह और तारीख तय होना बाकि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पोम्पिओ ने कहा, ‘‘वह जितनी जल्दी संभव हो, दूसरा अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन कराने को लेकर चेयरमैन किम से सहमत हैं.’’ हालांकि, इस संबंध में अभी तारीख या जगह तय नहीं है. बयान के अनुसार, पोम्पिओ और किम ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों, वहां पर अमेरिकी सरकार की उपस्थिति और इसके बदले में अमेरिका द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की. पोम्पिओ ने चौथी बार किया उत्तर कोरिया का दौरा अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ चौथी बार उत्तर कोरिया गए थे. गौरतलब है कि ट्रंप और किम के बीच पहला शिखर सम्मेलन जून में सिंगापुर में हुआ था. हालांकि, इस सम्मेलन में किम द्वारा किए गए वादों को आलोचकों ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर किया गया कमजोर वादा बताया था. पोम्पिओ ने ट्वीट किया है,‘‘सिंगापुर सम्मेलन में हुए समझौतों पर हम आगे बढ़ रहे हैं. मेरी और मेरी टीम की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद.’’ ये बैठक काफी अच्छी रही- पोम्पिओ किम ने भी पोम्पिओ के साथ हुई अपनी बैठक को ‘अच्छा’ बताया. सुबह की बातचीत के बाद अनुवादक की मदद से किम ने कहा, ‘‘एक बहुत अच्छा दिन जो दोनों देशों के लिए अच्छे भविष्य का वादा करता है.’’ विदेश विभाग की ओर से बैठक के संबंध में जारी बयान में कहा गया कि उत्तर कोरिया के शासक ने पुनग्ये-री परमाणु परीक्षण केन्द्र का दौरा करने के लिए निरीक्षकों को न्योता दिया जिससे पुष्टि हो सके कि उसे वाकई नष्ट किया जा चुका है. उत्तर कोरिया ने अपने इस केन्द्र को मई में ही नष्ट कर दिया था.उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जल्द से जल्द दूसरी शिखर बैठक करने के लिए राजी हैं. प्योंगयांग में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और किम के बीच हुई ‘फलदायी’ बातचीत के बाद सोल ने रविवार को शिखर सम्मेलन की बात कही. कोरियाई प्रायद्वीप की यात्रा के दौरान रविवार की सुबह प्योंगयांग में पोम्पिओ ने पहले दो घंटे तक किम से बातचीत की, फिर दोनों नेताओं ने दोपहर का भोजन भी साथ किया. वहां से पोम्पिओ सोल रवाना हो गए. शिखर सम्मेलन के लिए जगह और तारीख तय होना बाकि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पोम्पिओ ने कहा, ‘‘वह जितनी जल्दी संभव हो, दूसरा अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन कराने को लेकर चेयरमैन किम से सहमत हैं.’’ हालांकि, इस संबंध में अभी तारीख या जगह तय नहीं है. बयान के अनुसार, पोम्पिओ और किम ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों, वहां पर अमेरिकी सरकार की उपस्थिति और इसके बदले में अमेरिका द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की. पोम्पिओ ने चौथी बार किया उत्तर कोरिया का दौरा अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ चौथी बार उत्तर कोरिया गए थे. गौरतलब है कि ट्रंप और किम के बीच पहला शिखर सम्मेलन जून में सिंगापुर में हुआ था. हालांकि, इस सम्मेलन में किम द्वारा किए गए वादों को आलोचकों ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर किया गया कमजोर वादा बताया था. पोम्पिओ ने ट्वीट किया है,‘‘सिंगापुर सम्मेलन में हुए समझौतों पर हम आगे बढ़ रहे हैं. मेरी और मेरी टीम की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद.’’ ये बैठक काफी अच्छी रही- पोम्पिओ किम ने भी पोम्पिओ के साथ हुई अपनी बैठक को ‘अच्छा’ बताया. सुबह की बातचीत के बाद अनुवादक की मदद से किम ने कहा, ‘‘एक बहुत अच्छा दिन जो दोनों देशों के लिए अच्छे भविष्य का वादा करता है.’’ विदेश विभाग की ओर से बैठक के संबंध में जारी बयान में कहा गया कि उत्तर कोरिया के शासक ने पुनग्ये-री परमाणु परीक्षण केन्द्र का दौरा करने के लिए निरीक्षकों को न्योता दिया जिससे पुष्टि हो सके कि उसे वाकई नष्ट किया जा चुका है. उत्तर कोरिया ने अपने इस केन्द्र को मई में ही नष्ट कर दिया था.

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जल्द से जल्द दूसरी शिखर बैठक करने के लिए राजी हैं. प्योंगयांग में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और किम के बीच हुई ‘फलदायी’ बातचीत के …

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लापता इंटरपोल चीफ चीन की हिरासत में, भेजा इस्तीफा

लापता चल इंटरपोल के चीफ मेंग होंगवेई पर कई दिनों के बाद चीन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. चीन का कहना है कि कानून का उल्लंघन करने के संदेह में उनके खिलाफ जांच की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल के प्रमुख मेंग होंगवेई चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं और देश के सार्वजनिक सुरक्षा उप मंत्री भी हैं. इस बीच, मेंग होंगवेई ने इंटरपोल चीफ के रूप में अपना इस्तीफा भेज दिया है. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक विश्वासघात से जुड़ी निगरानी इकाई ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर कहा कि मेंग पर ‘कानून का उल्लंघन करने का संदेह है तथा वह इस समय चीन की भ्रष्टाचार रोधी नयी इकाई, राष्ट्रीय पर्यवेक्षण आयोग की निगरानी में हैं और वह उनकी जांच’ कर रही है. इंटरपोल ने शनिवार को कहा था कि मेंग के बारे में सूचना के लिए चीन से औपचारिक अनुरोध किया गया है. इसी बीच मेंग की पत्नी ने विभिन्न देशों की सरकारों से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें अपने पति की जान खतरे में नजर आ रही है. इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के दक्षिणपूर्वी शहर लियोन में स्थित है. The Associated Press ✔ @AP BREAKING: Interpol says Chinese official reported missing has resigned as agency's president amid Beijing probe. 12:09 AM - Oct 8, 2018 447 582 people are talking about this Twitter Ads info and privacy ग्रेस मेंग ने यहां कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर पति से मिले आखिरी संदेश में पता चला कि वह खतरे में हैं. उन्होंने कहा एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए. गौरतलब है कि मेंग हॉन्गवेई की पत्नी ने फ्रांस के शहर लायन में पुलिस को बताया कि उनके पति 29 सितंबर को चीन के दौरे पर निकले थे. मेंग को साल 2016 के नवंबर में इंटरपोल का मुखिया नियुक्त किया गया था, इस पद पर वे 2020 तक बने रहेंगे. बता दें कि इंटरपोल से 192 देशों की पुलिस एजेंसियां जुड़ी हुई हैं. इंटरपोल का पुरा नाम अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संस्था (International Criminal Police Organization)है. इस अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी का काम एक देश से फरार होकर दूसरे देश में छिपने वाले अपराधियों की पहचान करना और फिर उन्हें डिपोर्ट करवाने में सदस्य देशों की मदद करना है.

लापता चल इंटरपोल के चीफ मेंग होंगवेई पर कई दिनों के बाद चीन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. चीन का कहना है कि कानून का उल्लंघन करने के संदेह में उनके खिलाफ जांच की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल के प्रमुख मेंग …

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विश्व को डरा रहा ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा, भारत को सताएंगी गर्म हवाएं

ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर परिणामों की चिंता पूरे विश्व को सता रही है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने अपने नए आकलन में कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए समाज के सभी पहलुओं में दूरगामी और अभूतपूर्व परिवर्तन की आवश्यकता है। बता दें कि आईपीसीसी ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि ग्रीन हाउस गैसों के मौजूदा उत्सर्जन स्तर को देखते हुए 2030 तक दुनिया का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ जाएगा। अगर दुनिया में 2 डिग्री से ज्यादा तापमान बढ़ गया तो यह गंभीर संकट पैदा कर सकता है। भारतीय उपमहाद्वीप में भी इसके भयानक परिणाम होंगे। पेरिस समझौते की होगी समीक्षा आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुमानों पर, इस साल दिसंबर में पोलैंड में केटोवाइस जलवायु परिवर्तन पर होने वाली बैठक में इसपर चर्चा होगी। इस बैठक में दुनिया भर के देश जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पेरिस समझौते की समीक्षा करेंगे। सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देशों में से एक होने के कारण भारत इस वैश्विक बैठक में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। ट्रंप और किम के बीच दूसरी शिखर बैठक पर सहमति यह भी पढ़ें इन सब ने मिलकर तैयार की ग्लोबल वॉर्मिंग पर रिपोर्ट आईपीसीसी प्रमुख होसुंग ली ने कहा, '6000 से अधिक वैज्ञानिक संदर्भों का उल्लेख और दुनिया भर के हजारों विशेषज्ञ व सरकारी समीक्षकों के योगदान से यह महत्वपूर्ण रिपोर्ट तैयार की गई है।' बता दें कि 2015 में पेरिस समझौते को अपनाया गया तब, संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के निमंत्रण के जवाब में 40 देशों के 91 लेखकों और समीक्षा संपादकों ने आईपीसीसी रिपोर्ट तैयार की । बढ़ सकता है तापमान 400 पन्नों की इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 के बाद वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'अगर तापमान इसी गति से बढ़ता रहा तो ग्लोबल वार्मिंग 2030 से 2052 के बीच 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकती है।' इजरायली पीएम की पत्नी ने रेस्‍तरां से मंगाया एक लाख डॉलर का खाना, धोखाधड़ी का मुकदमा यह भी पढ़ें ग्लोबल वॉर्मिंग को सीमित करने के लिए.... रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्लोबल वॉर्मिंग को 1.5 डिग्री तक सीमित करने के लिए 2016 से लेकर 2035 तक करीब 2.4 लाख करोड़ डॉलर्स के निवेश की जरूरत होगी। यह वैश्विक जीडीपी का 2.5 फीसद है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पर्यावरण की कीमत से बहुत कम है। उनका कहना है कि इतना तापमान महासागर का स्तर बढ़ाने और खतरनाक तूफान, बाढ़ और सूखा जैसी स्थिति लाने के लिए काफी अहम है। तालिबान ने उड़ाया पुल, तीन प्रांतों से काबुल का सड़क संपर्क टूटा यह भी पढ़ें भारत को भी खतरा इस रिपोर्ट में भारत के कोलकाता शहर और पाकिस्तान के कराची शहर का भी जिक्र किया गया है। चेतावनी जारी की गई है कि यहां गर्म हवाओं का सबसे अधिक खतरा होगा। रिपोर्ट में लिखा है, 'कराची और कोलकाता को साल 2015 जैसे गर्म थपेड़ों का सामना करना पड़ सकता है। जलवायु परिवर्तन की वजह तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है।' साथ ही, गर्म हवाओं के कारण होने वाली मौतें भी बढ़ रही हैं। बता दें कि 2015 की जानलेवा गर्म हवाओं में कम से कम 2500 लोगों की जान चली गई थी। बढ़ेगी गरीबी, फसलों को होगा नुकसान इस रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण गरीबी भी बढ़ेगी। इसमें लिखा है, 'ग्लोबल वॉर्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस की बजाय 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोकने से 2050 तक करोड़ों लोग जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरों और गरीबी में जाने से बच जाएंगे।' यह सीमा मक्का, धान, गेहूं व अन्य दूसरी फसलों में कमी को भी रोक सकती है।

ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर परिणामों की चिंता पूरे विश्व को सता रही है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने अपने नए आकलन में कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस …

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लापता इंटरपोल चीफ को चीन ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया

चीन के पूर्व सुरक्षा अधिकारी और इंटरपोल के मौजूदा अध्यक्ष मेंग होंगवेई के लापता होने के संबंध में चीन का हाथ होने की बात सामने आ रही है. शनिवार को सामने आईं चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन यात्रा के दौरान लापता हुए मेंग को चीन में पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की आशंका जताई गई है. चीन के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक मेंग को किस स्‍थान पर रखा गया है, इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है. फोटो twiiter रिपोर्ट के अनुसार मेंग होंगवेई इंटरपोल के अध्‍यक्ष होने के साथ-साथ चीन के मिनिस्‍ट्री ऑफ पब्लिक सेक्‍योरिटी के वाइस मिनिस्‍टर भी हैं. उसके मुताबिक उन्‍हें किन वजहों से चीन के अधिकारियों ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है. बता दें कि इस घटना के बाद फ्रांस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. एक फ्रांसीसी न्यायिक अधिकारी के अनुसार इंटरपोल के अध्यक्ष मेंग विमान में सवार हुए और चीन पहुंचे, लेकिन उसके बाद उनका कोई अता-पता नहीं है. उनकी पत्नी ने शुक्रवार को कॉल किया और कहा कि उनकी सितंबर के अंत से अपने 64 वर्षीय पति से बातचीत नहीं हुई है. स्थिति और भी संदेहास्पद है क्योंकि मेंग सिर्फ इंटरपोल के प्रमुख नहीं हैं बल्कि चीन में सार्वजनिक सुरक्षा मामलों के उप मंत्री भी हैं. लियोन स्थित इंटरपोल ने कहा कि उसके अध्यक्ष का लापता होना ‘‘फ्रांस और चीन दोनों जगह के प्रासंगिक अधिकारियों के लिए एक मामला है.’’ सार्वजनिक रूप से बातचीत करने के लिए अनधिकृत एक न्यायिक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर किए जाने की शर्त पर बताया कि फ्रांस ने शुक्रवार की सुबह अपनी तरफ से जांच शुरू कर दी. चीन इस मामले में कोई कदम उठा रहा है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है. हालांकि, हांगकांग से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने संकेत दिया कि मेंग चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान का ताजा निशाना हो सकते हैं. अखबार ने कहा कि पिछले सप्ताह चीन पहुंचने के बाद मेंग को ‘अनुशासन अधिकारी’ पूछताछ के लिए ले गए. ‘अनुशासन अधिकारी’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के जांच अधिकारियों के लिए किया जाता है जो भ्रष्टाचार और राजनीतिक विश्वासघात के आरोपों की जांच करते हैं. अमेरिकी सीनेटर का दावा, नव उपनिवेशवाद के कठोर हथकंडे अपना रहा है चीन फाइल फोटो पार्टी की गोपनीय आंतरिक जांच एजेंसी ‘सेंट्रल कमीशन फॉर डिसिप्लीन डिसलॉयल्टी इन्सपेक्शन’ ने अपनी वेबसाइट पर मेंग के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है और उससे टिप्पणी के लिये संपर्क नहीं हो सका. मेंग इंटरपोल का अध्यक्ष बनने वाले चीन के पहले व्यक्ति हैं. यह पद सांकेतिक है लेकिन ताकतवर है. इंटरपोल के महासचिव एजेंसी के रोजाना के कामकाज को देखते हैं, ऐसे में मेंग की अनुपस्थिति से उसके कामकाज पर कोई खास असर नहीं पड़ने की उम्मीद है.

 चीन के पूर्व सुरक्षा अधिकारी और इंटरपोल के मौजूदा अध्यक्ष मेंग होंगवेईके लापता होने के संबंध में चीन का हाथ होने की बात सामने आ रही है. शनिवार को सामने आईं चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन यात्रा के दौरान लापता हुए …

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जल्द ही भीड़ में रोबोट इंसानों की तरह खुद को दो पैरों पर बैलेंस करते दिखेंगे

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा फॉर्मूला तैयार किया है, जिससे रोबोट इंसानों की तरह खुद को दो पैरों पर बैलेंस कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज भीड़- भाड़ वाले स्थानों पर मशीनों के चलने के दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगी। वैज्ञानिक बताते हैं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर चलते समय इंसान कभी यह नहीं सोचते कि दूसरों से टकराने से कैसे बचें। हमें तो बनाया ही इस तरह से गया है कि अपनी कुशलता का प्रयोग कर कठिन से कठिन जगहों पर आसानी से चल सकें। इस कुशलता में सबसे महत्वपूर्ण है खुद को संतुलित करके खड़ा रहना। इस पर ही हमारा शरीर टिका रहता है। ADVERTISING inRead invented by Teads छह साल की खोज के बाद तैयार किया प्रोग्राम अमेरिका के ऑस्टिन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने मानव शरीर की इसी डायनमिक कौशल जिस पर पूरे शरीर का संतुलन निर्भर करता है को गणित के समीकरण में परिवर्तित किया। इसके आधार पर उन्होंने एक फॉर्मूला तैयार किया, जिससे उन्होंने अपने मर्करी नाम के रोबोट को प्रोगाम किया है। वैज्ञानिकों को इसे तैयार करने और जांच करने में करीब छह साल का समय लगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि एक औसत व्यक्ति द्वारा संतुलन खोकर गिरने की आशंका कितनी होती है और इसके पीछे क्या कारण होते हैं। तैयार किए जा सकेंगे मानव सदृश रोबोट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में एसोसिएट प्रोफेसर लुइस सेंटीस कहते हैं, हमने एक ऐसी तकनीक तैयार की है, जिसके जरिये रोबोट को यह सिखाया जा सकता है कि अनजाने में या जानबूझ कर धक्का लगने पर वे खुद को कैसे संतुलित रखें। भीड़ में चलने के लिए यह शुरुआती और सबसे जरूरी कौशल है। इस तकनीक के जरिये रोबोट दो पैरों पर खुद को संतुलित करने में सफल हुआ है और वो भी बिना टखने के। इसके जरिये भविष्य में पूरी तरह से मानव सदृश रोबोट विकसित किए जा सकेंगे। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश पद के लिए नामित कैवेनॉग को मिला संसद का समर्थन यह भी पढ़ें अब चलाने की तैयारी वैज्ञानिक बताते हैं कि बिना टखने के रोबोट खुद को संतुलित करके खड़ा तो हो सकता है, लेकिन इंसानों की तरह चल नहीं सकता। इसके लिए उन्होंने ऐसी तकनीक तैयार की है, जिससे पूरे शरीर को नियंत्रित किया जा सके। इसके जरिये डाटा को सेंड और रिसीव किया जा सकता है और टकराने से बचा जा सकता है। इसके लिए उन्होंने गणित के सूत्रों और तकनीक का भी प्रयोग किया है। लुइस कहते हैं, इसके लिए हमने एआइ प्रणाली का भी इस्तेमाल किया है। फिलहाल इस दिशा में काम चल रहा है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही रोबोट भीड़ में चलते हुए दिखाई देंगे।

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा फॉर्मूला तैयार किया है, जिससे रोबोट इंसानों की तरह खुद को दो पैरों पर बैलेंस कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज भीड़- भाड़ वाले स्थानों पर मशीनों के चलने के दिशा में …

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शुक्र ग्रह के करीब से गुजरा नासा का पार्कर सौर यान जानिए क्या हुआ उसके बाद

सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने जा रहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सौर यान ‘पार्कर’ सफलतापूर्वक शुक्र ग्रह के काफी नजदीक से गुजरा है। इस दौरान यह शुक्र से 2,415 किलोमीटर की दूरी पर था। पार्कर अपनी तरह का पहला अभियान है। सात साल लंबे अभियान पर इसे गत 12 अगस्त को लांच किया गया था। सात लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा यह यान अपने अभियान के दौरान सूर्य के काफी करीब तक जाएगा। इस दौरान यह सूर्य के बाहरी वातावरण और अंतरिक्ष के मौसम पर उसके प्रभाव का पता लगाएगा। इस अभियान से मिली जानकारियों का इस्तेमाल अंतरिक्ष की मौसम संबंधी उन गतिविधियों के पूर्वानुमान में किया जाएगा, जो सेटेलाइट और अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और रेडियो संचार में बाधा का कारण बनती हैं। पहली बार आया किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में शुक्र के नजदीक से गुजरते हुए पार्कर ने पहली बार किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश किया। किसी भी ग्रह के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश करने से यान की गति बढ़ जाती है। पार्कर द्वारा इस दौरान जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।

सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने जा रहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सौर यान ‘पार्कर’ सफलतापूर्वक शुक्र ग्रह के काफी नजदीक से गुजरा है। इस दौरान यह शुक्र से 2,415 किलोमीटर की दूरी पर था। पार्कर अपनी तरह …

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नेशनल डे मनाने के लिए पहुंच गए इतने लोग कि जाम हो गई ग्रेट वॉल ऑफ चाइना

चीन में एक अक्टूबर को नेशनल डे मनाया गया. सारे देश में नेशनल डे को मानने के लिए तैयारियां की गई. नेशनल डे को मनाने की कड़ी में चीन में हजारों की संख्या में लोग ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के पास पहुंचे. इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अक्टूबर को नेशनल डे मनाने के लिए लगभग 37 हजार पर्यटक और स्थानीय लोग ग्रेट वॉल ऑफ चाइना पर पहुंचे. लोगों की भीड़ से पूरा ग्रेट वॉल ऑफ चाइना जाम हो गया. दीवार की हालात ऐसी थी कि लोगों खिसक भी नहीं पा रहे थे. andrew maidstone @andrewmaido Too late if you ever wanted to visit the Great Wall of China. Over run now with tourists 9:08 AM - Oct 2, 2018 · Kuala Lumpur City, Kuala Lumpur Federal Territory 1 See andrew maidstone's other Tweets Twitter Ads info and privacy ग्रेट वॉफ पर लगी इस भीड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में आप देख सकती हैं कि कैसे लोग दीवार पर नेशनल डे को सेलिब्रेट करने के लिए पहुंचे थे और भीड़ में जाकर फंस गए. इस दौरान कुछ लोगों के चेहरे पर गुस्सा दिखा, तो कोई चाहकर भी अपनी नाराजगी जाहिर नहीं कर पाया. दीवार पर जमा हुई भीड़ को हटाने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दीवार से भीड़ के हटने के बाद स्थानीय रेलवे स्टेशनों और सड़कों पर भी गाड़ियों के एक साथ निकलने से जाम लग गया. रेलवे स्टेशनों पर लोगों को टिकट लेने और ट्रेन का काफी इंतजार करना पड़ा. सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक चीन में हुए इस वाक्या का सोशल मीडिया पर तेजी से मजाक उड़ाया जा रहा है. कुछ लोग इस वीडियो को चीन की जनसंख्या से जोड़ रहे हैं तो कुछ लोग इसे प्रशासनिक व्यवस्था से.

  सारे देश में नेशनल डे को मानने के लिए तैयारियां की गई. नेशनल डे को मनाने की कड़ी में चीन में हजारों की संख्या में लोग ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के पास पहुंचे. इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अक्टूबर …

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इंडोनेशिया: भूकप-सुनामी के बाद अब भी 1,000 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आशंका

 इंडोनेशिया में आये विनाशकारी भूकंप और सुनामी के बाद वहां अभी भी 1000 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आशंका है. इंडोनेशियाई अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि भयावह आपदा आने के बाद के एक हफ्ते में लापता लोगों …

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जूतों से चिपका पेपर, लोगों ने यूं उड़ाया मजाक, वायरल हुआ वीडियो

राष्ट्रपति डोनाल्ड भारत और रूस के बीच हो रही महत्वपूर्ण बैठक पर जरूर नजर बनाए हुए होंगे, लेकिन उनकी नजर अपने ही कदमों पर नहीं है. जी हां इसी वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा है. आपको …

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अमेरिका ने पाक से आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने को कहा…

ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ इस सप्ताह हुई बैठक में इस वर्ष की शुरूआत से सुरक्षा सहायता रोकने और आतंकवादियों के खिलाफ नए सिरे से प्रभावी अभियान के महत्व पर चर्चा की। यह …

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