भारत की पेट्रोनेट एलएनजी ने अमेरिका की तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) डेवलपर टेल्यूरियन इंक से 5० लाख टन एलएनजी के लिए लूसियाना स्थित एक सहायक कंपनी ड्रिफ्टवुड होल्डिंस में इक्विटी इनवेस्टमेंट के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता शनिवार को ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तेल सेक्टर के सीईओज से मुलाकात से इतर हुआ। साल 2016 में लॉन्च एलएनजी उद्योग की प्रमुख कंपनी शेरिफ सौकी, टेल्यूरियन एलएनजी ने अप्रैल में कंपनी के प्रस्तावित ड्रिफ्टवुड एलएनजी निर्यात टर्मिनल को बनाने का परमिट प्राप्त किया था। प्रतिवर्ष 2.76 करोड़ मीट्रिक टन एलएनजी तक का उत्पादन करने के लिए ड्रिफ्टवुड एलएनजी का डिजायन बनाया गया है और इसका परमिट लिया गया है।
पेट्रोनेट ड्रिफ्टवुड होल्डिंग में निवेश करेगा जिससे पेट्रोनेट को प्रोजेक्ट के पहले चरण या दूसरे चरण से प्रतिवर्ष 50 लाख टन एलएनजी खरीदने का अधिकार मिल जाएगा। टेल्यूरियम और पेट्रोनेट का लक्ष्य समझौतों का लेनदेन 31 मार्च 2020 तक पूरा करने का होगा।
पीएम मोदी ने ऑयल सेक्टर के 16 सीईओ से वार्ता की
ह्यूस्टन आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सबसे पहले तेल सेक्टर के 16 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर सार्थक वार्ता की। बैठक से पहले मोदी ने तेल सेक्टर के सीईओज के साथ फोटो खिंचवाई। इस दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री कायार्लय ने ट्वीट करते हुए कहा, “भारत-अमेरिका मित्रता को और सशक्त करते हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे पहला कार्यक्रम ऊर्जा सेक्टर के सीईओज से मुलाकात करना है। भारत और अमेरिका इस क्षेत्र में विविधता पूर्ण सहयोग चाहते हैं।”
इससे इतर भारत की पेट्रोनेट एलएनजी ने अमेरिका की तरलीकृत प्राकृति गैस (एलएनजी) डेवलपर टेल्यूरियन इंक से 50 लाख टन एलएनजी के लिए लूसियाना में स्थित एक सहायक कंपनी ड्रिफ्टवुड होल्डिंस में इक्विटी इनवेस्टमेंट के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ह्यूस्टन में ऊर्जा क्षेत्र के शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ राउंडटेबल वार्ता की। उन्होंने कहा, “वार्ता में ऊर्जा सुरक्षा के लिए साथ काम करने और भारत तथा अमेरिका के बीच आपसी निवेश संभावनाओं का प्रसार करने पर फोकस रहा।”
ह्यूस्टन अमेरिका की तेल और गैस राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। भारत और अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए पिछले साल अमेरिका-इंडिया स्ट्रेटेजिक एनर्जी पार्टनरशिप पर हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिका ने 2017 में भारत को क्रूड ऑयल बेचना शुरू किया था, और एक प्रमुख स्रोत बन रहा है। अमेरिका से आपूर्ति वित्त वर्ष 2018-19 में चार गुनी से ज्यादा बढ़कर 64 लाख टन हो चुकी है। अमेरिका से आपूर्ति के पहले सत्र वित्त वर्ष 2017-18 में सिर्फ 14 लाख टन आपूर्ति हुई थी। भारत ने नवंबर 2018 से मई 2019 तक अमेरिका से प्रतिदिन 1,84,000 बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा है।