पैनल के सदस्यों में से एक ने बताया कि पैनल अपनी अगली बैठक में विदेश नीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा। बैठक के अगले महीने आयोजित होने की संभावना है।
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार सीमा पर हालात और डोकलाम गतिरोध समेत भारत-चीन संबंधों, म्यांमार के साथ संबंध और रोहिंग्या मुद्दे उन विषयों में शामिल है जिन्हें पैनल द्वारा चर्चा के लिए चुना गया है।
पैनल ने अपने एक वर्षीय एजेंडे के लिए चर्चा के जिन विषयों को चुना है उनमें एनआरआई के मताधिकार, ब्रेक्जिट के मद्देनजर यूरोपीय संघ का संकट और भारत पर इसके असर तथा ई-पासपोर्ट जारी करने समेत पासपोर्ट जारी करने की प्रणाली का निष्पादन शामिल है।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने जुलाई में डोकलाम गतिरोध के बारे में पैनल को बताया था। दो दशकों के सबसे गंभीर गतिरोध के बाद भारत और चीन ने अगस्त में एक समझौता करके इस विवाद को समाप्त किया था। यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने से एक सप्ताह पहले हुई थी।