दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए अपनी जमीन देने वाले जिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। उन्हें अब प्रशासन तहसीलों में शिविर लगाकर मुआवजा बांटेगा। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने किसानों को जल्द मुआवजा बांटने के आदेश जारी किए हैं। एडीएम प्रशासन ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर जल्द ही तहसीलों में शिविर लगाकर करीब 700 किसानों को करीब 402 करोड़ का मुआवजा बांटा जाएगा। केंद्र सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की इन दोनों परियोजनाओं के लिए हजारों किसानों की जमीनें अधिगृहीत की गई थीं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए करीब 3600 किसानों की जमीन ली गई, जिनमें से बहुत से किसानों को अभी तक जमीनों का मुआवजा नहीं मिला। ये किसान काफी समय से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे थे।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए ली गई किसानों की जमीनों के मामले में अब नया खुलासा हुआ है। कहा जा रहा है कि एनएचएआइ ने किसानों को दी गई जमीन की अधिसूचना से ज्यादा हिस्से पर कब्जा किया है। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी से शिकायत करते हुए किसानों ने अतिरिक्त जमीन से कब्जा हटाने की मांग की। डासना से लेकर मेरठ के परतापुर तक बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे के लिए करीब 3600 किसानों की जमीन खरीदी जा रही है। किसानों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए एनएचएआइ की ओर से किसानों को दी गई जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना भी दिखाई। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए एडीएम फाइनेंस राजेश कुमार यादव को इसकी जांच कर जल्द रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। उधर एनएचएआइ को भी इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।