त्रिपुरा में बुधवार को टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या कर दी गई थी, जब वह IPFT के कार्यकर्ताओं द्वारा सड़क जाम करने की घटना की रिपोर्टिंग कर रहा था । इस घटना को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने प्रेस की आजादी की हत्या बताया, जबकि CPM ने हत्या का आरोप BJP-RSS पर लगाया है।
बता दें कि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में पत्रकार शांतनु भौमिक की उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब वह IPFT के कार्यकर्ताओं द्वारा सड़क जाम की घटना की रिपोर्टिंग कर रहे थे। उसी वक्त भीड़ ने तेजधार हथियार से उन पर हमला कर दिया था। चूंकि उस समय धरना प्रदर्शन IPFT के कार्यकर्ता ही कर रहे थे, लिहाजा शांतनु की हत्या का आरोप भी उन्हीं लोगों पर है।
पेस क्लब ऑफ इंडिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 27 साल के पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या IPFT के कार्यकर्ताओं ने की है। फेडरेशन ने सरकार से मांग की है कि इस घटना पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए, और दोषियों को उनके गुनाह की सजा मिलनी चाहिए, किसी को भी नहीं बख्शा जाना चाहिए । कहा गया है कि घटना के वक्त शांतुन अपनी ड्यूटी कर रहा था, इसी तरह से किसी पत्रकार का कत्ल करना मतलब पत्राकारिता की आवाज को कुचलना है। ये घटना प्रेस की आजादी का गला घोटने के बराबर है।
जबकि शातंनु की हत्या को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है, जिसकी हत्या का आरोप IPFT के कार्यकर्ताओं पर हैं। जबकि राज्य की CPM सरकार का कहना है कि पत्रकार की हत्या BJP-RSS के लोगों ने की है । उनका कहना है कि राज्य में 2018 में फरवरी में चुनाव होने हैं इसलिए बीजेपी ऐसा कर रही है। त्रिपुरा में वाम मोर्चा सरकार ने पूरे राज्य में IPFT के हिंसक विरोध के बाद 10 से ज्यादा जगहों पर धारा 144 लागू कर दी है। मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी को निर्देश दिया । पत्रकार की हत्या की जांच करने के लिए भी कहा है।