लखनऊ। उपचुनाव में गोरखपुर व फूलपुर के नतीजों ने सोशल मीडिया में मानो तूफान ला दिया। एक साल से दिल में बातें दबाये लोगों का गुबार फूट पड़ा तो भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नसीहत देने वाले भी कम नहीं थे। लोगों ने हार की समीक्षा अपने अंदाज में की। मौका देख तंज कसने और चुटकी काटने में भी सोशल मीडिया के धुरंधरों ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
राम नाम के ट्विटर हैैंडल ने जहां योगी को सांप-छछूंदर वाला बयान याद दिलाते हुए पूछा कि अब वहीं वाला सांप सूंघ गया क्या…?, तो नतीजों को एक लाइन में समेटते हुए दाऊ दयाल देशमुख ट्वीट में कहते हैैं – बुआ-बबुआ का वोट, भाजपा पर चोट’। वैशाली पाटील ने ईद वाले बयान पर चुटकी काटी- ‘योगी जी मालूम है कि आप ईद नहीं मनाते, मातम तो मनाते हो…, आज मना लेना मातम’, तो डीएन यादव केवल चार शब्दों के ट्वीट से चुटकी काटते हुए कहते हैैं- ‘फूलपुर से फूल गायब…।’ ओनली तुषार के ट्विटर हैैंडल से चुटकी ली गई कि चिंता मत करिये जो भी गैर भाजपाई उम्मीदवार चुनाव जीत रहे हैैं, उन सबको भाजपा में शामिल करा लिया जाएगा।
मुनींद्र पांडेय भाजपा का विकास गिनाते हुए ट्वीट में कहते हैैं- ‘भाजपा को यह समझना चाहिए कि कारपोरेट सेक्टर जैसा विशाल हेडक्वार्टर, हर जिले में कार्यालय और दुनिया में किसी भी राजनीतिक दल से ज्यादा कार्यकर्ता का मतलब भारत का विकास नहीं है।’
ऑक्सीजन कमी से मरे बच्चों को श्रद्धांजलि
दूसरी तरफ शारिक अंसार गोरखपुर के नतीजे को पिछले साल यहीं के मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे से जोड़ते हुए कहते हैैं- ‘गोरखपुर आज ऑक्सीजन की कमी से मारे गए सैकड़ों बच्चों को श्रद्धांजलि दे रहा है।’ इसी से जुड़ा एहसान खान का ट्वीट है- ‘जब गोरखपुर में कमल भी मुरझा जाए तो समझ लीजिए वहां ऑक्सीजन की कितनी कमी है…।’ उपचुनाव के नतीजों से सामाजिकता का संदेश निकालते हुए महेश ब्रजनंदन ने ट्वीट किया- ‘नतीजे सुबूत हैैं कि बहुसंख्यक आबादी धर्मनिरपेक्ष सामाजिक सौहाद्र्र की पक्षधर है। एकजुटता जरूरी है। बहिन जी और अखिलेश जी ने यह कर दिखाया।’ रोहित का ट्वीट कहता है कि नरेश अग्रवाल का जाना सपा के लिए शुभ साबित हुआ तो कवि कुमार विश्वास का ट्वीट कहता है कि लंपट नरेशों की अमानत से जमानत तक न बचेगी।
हार में भी दिख रही उम्मीद
उप चुनाव के नतीजे भाजपा को झटका देने वाले हैैं, लेकिन इसमें उम्मीद की किरण देखने वाले भी कम नहीं हैैं। अंकित गुप्ता ट्वीट में ऐसा ही एक समीकरण बता कर भाजपा को हौसला बंधाते हैैं कि दिल्ली उपचुनाव हारा तो गुजरात जीता, राजस्थान उपचुनाव हारा तो त्रिपुरा जीता, अब यूपी उपचुनाव हारा तो… सिद्धारमैया तो गयो। इसी तरह नतीजों के रुझान के बाद सपा-बसपा की उमंग पर अथर्व राज ने ट्वीट कर तंज किया- ‘बरसात हुई है, नाले उफान पर हैैं।
आज गंगा तो क्या समुद्र को भी चैलेंज कर देंगे।’ रिया मावी सोशल मीडिया पर हिंदुओं के आलस को हार की वजह ठहराते हुए कहती हैैं कि सब यही मान कर घर बैठे रहे कि योगी तो जीत ही जाएंगे, जबकि बाकियों ने बड़ी संख्या में निकल कर वोट डाल दिया। अनिल तिवारी इसे योगी नहीं, भाजपा की हार ठहराते हुए कहते हैैं- ‘गोरखपुर में सिर्फ मठ ही जीत सकता है, यह बात आज भाजपा के शीर्ष नेताओं को समझ आ गई है। वहां भाजपा नहीं, सिर्फ मठ है।’