सड़क हादसे के बाद 20 मिनट रोड पर पड़े रहे लड़के, लोगों ने मदद के बजाए चढ़ा दी गाड़ी

दिल्ली में नवरात्र के पहले दिन बाइक से जा रहे 3 दोस्त एक सड़क हादसे का शिकार हो गए। बता दें यह हादसा तब हुआ जब 3 दोस्त छतरपुर मंदिर दर्शन करने के लिए जा रहे थे। जिनमें से 2 की तो मौत हो गई लेकिन तीसरा अस्पताल में जिंदगी-मौत के बीच झूल रहा है। मरने वालों में मनीष (19) और कन्हैया (19) हैं, जबकि गोलू (19) गंभीर रूप से घायल है। तीनों का घर उत्तम नगर, मोहन गार्डन के विकास कुंज इलाके में है।

तीनों लड़कों के परिजनों ने बताया कि दोनों की जान बचाई जा सकती थी। अगर सड़क पर पड़े इन तीनों दोस्तों में से कन्हैया को कोई अनजान वीकल रौंदते हुए न भागता और आसपास से गुजरने वाले तमाशबीन नहीं बने रहते। हादसे के करीब 20 मिनट बाद एक अच्छे इंसान ने अपनी कार में मनीष को अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां कोई सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं था। इस कारण उसका ठीक से इलाज नहीं हो सका।

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गुरुवार देर रात करीब 11 बजे साउथ-वेस्ट दिल्ली के कैंट थाना इलाके से होकर तीनों दोस्त एक बाइक से छतरपुर मंदिर जा रहे थे। इनके एक दोस्त कमलेश ने बताया कि हम 12 दोस्त 4 बाइक से छतरपुर मंदिर जा रहे थे। मनीष की बाइक उनसे कुछ आगे निकल गई थी। उस पर मनीष, कन्हैया और गोलू थे। पुराना नांगल गांव के पास पंखा रोड फ्लाइओवर से जब वे उतर रहे थे, तब उन्हें पता लगा कि एक बाइक पर सवार उनके कुछ दोस्त रॉन्ग साइड पर सड़क पर गिरे हुए हैं। उनके बाकी दोस्त भी वहां पहुंच गए। उन्होंने देखा कि कन्हैया के ऊपर से कोई गाड़ी गुजर गई थी। उसके शरीर का एक हिस्सा बुरी तरह जख्मी था। मनीष डिवाइडर के पास पड़ा हुआ था। कन्हैया की सांसें नहीं चल रहीं थीं लेकिन मनीष और गोलू जिंदा थे। गोलू बोलने की कोशिश कर रहा था लेकिन बोल नहीं पा रहा था।

इसके बाद सारे दोस्त आने जाने वाली गाड़ियों से मदद के लिए रुक गए लेकिन किसी ने अपनी कार या ऑटो को नहीं रोका। करीब 20 मिनट बाद एक शख्स ने मनीष को अपनी कार में लिटाया। सब उसे लेकर माता चानन देवी अस्पताल ले गए। इसके कुछ देर बाद ही घायल गोलू को भी माता चानन देवी अस्पताल ले आया गया। गोलू के बड़े भाई रंजय और मनीष के पिता रंजीत कुमार ने बताया कि अस्पताल में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं था। आरोप है कि इस कारण घायलों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल सका।

अस्पताल ले जाने के करीब 15 मिनट बाद मनीष ने वहां दम तोड़ दिया। रंजय ने आरोप लगाया कि गोलू का इलाज शुरू करने से पहले अस्पताल ने उनसे 40 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा गया। उनके पास तुरंत पैसे नहीं थे। इलाज शुरू न होने पर वह गोलू को एम्स ट्रॉमा ले गए। उसकी हालत नाजुक है।

परिवार का आरोप है कि इस मामले में दिल्ली कैंट थाना पुलिस जांच में लापरवाही बरत रही है। आरोप है कि जब किसी ने एक्सिडेंट होते देखा ही नहीं तो फिर पुलिस उनसे यह कैसे कह रही है कि उनकी बाइक स्लिप हुई थी। बाइक की हालत देखकर लगता है कि इसे किसी गाड़ी ने टक्कर मारी है। इससे वे लोग रॉन्ग साइड पर जा गिरे। परिजनों का कहना है कि मौके पर कुछ सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। अगर पुलिस उनकी छानबीन करेगी तो पता लग जाएगा कि यह दुर्घटना कैसे हुई। 

 

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