लखनऊ। अलीगढ़ के पूर्व सपा विधायक राकेश सिंह सहित छह आरोपितों के कब्जे से विदेशी असलहे बरामद करने के बाद एसटीएफ अब सीमा पर से हथियार लाने वाले कनेक्शन खंगालने में जुटी है। इस कड़ी में मिजोरम के कई युवक जांच एजेंसियों के संदेह के घेरे में आ गए हैं। उनके बारे में गहनता से छानबीन की जा रही है। एसटीएफ की एक टीम मिजोरम में तस्कर इशान के भाई उवैस की तलाश में गई थी, लेकिन अब तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। एसटीएफ अधिकारियों को उम्मीद है कि उवैस के पास से और प्रतिबंधित बोर के असलहे बरामद हो सकते हैं। म्यामार सीमा पार से असलहों की खेप मिजोरम निवासी अलबर्ट के पास आती थी, जो उन्हेंं उवैस को उपलब्ध कराता था।
मिजोरम का कनेक्शन की तलाश
जांच एजेंसियों को आशंका है कि पिछली खेप में और अधिक संख्या में असलहे आए थे। उवैस ने कई असलहे मिजोरम में अपने पास ही रख लिए थे। हालांकि उवैस के अब तक पकड़े न जाने से तस्करों का दिल्ली से मिजोरम का कनेक्शन पूरी तरह से उजागर नहीं हो सका है। दूसरी ओर म्यामार सीमा पार का कनेक्शन जानने के लिए एसटीएफ अलबर्ट की तलाश कर रही है। दोनों ही कडिय़ां बेहद अहम हैं, जिनके जरिये ही इस गिरोह से जुड़े अन्य चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। अलबर्ट के एक करीबी के बारे में पुलिस को कई जानकारियां मिली हैं। ध्यान रहे, एसटीएफ ने पूर्व विधायक को गिरफ्तार करने के बाद लखनऊ से अलीगढ़ के क्वार्सी थानाक्षेत्र निवासी नागेंद्र प्रताप सिंह उर्फ ठाकुर, संभल के मोहल्ला चौधरी सराय निवासी इशान चौधरी उर्फ उफक, मु.अनीस उर्फ शिबली, सुबूर अनवर व दिल्ली के जामिया नगर क्षेत्र निवासी वसीम अहमद को पकड़ा था।
उवैस का संपर्क तस्करों से था
पूर्व विधायक की गिरफ्तारी के बाद शिकंजे में आए सभी आरोपियों के पास से अवैध विदेशी असलहे बरामद हुए थे। इनमें कई असलहे प्रतिबंधित बोर नाइन एमएम के थे। इशान का भाई उवैस काफी दिनों से मिजोरम में रह रहा था। सीए कर रहे उवैस का सीधा संपर्क असलहा तस्करों से था और वही डील करता था। आशंका है कि एसटीएफ द्वारा गिरोह के पकड़े जाने के बाद उवैस मिजोरम से बाहर जा चुका है। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह का कहना है कि कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनकी मदद से उवैस व अन्य की तलाश कराई जा रही है।