अगर आप किसी को चाहते हैं लेकिन उसका आपके प्रति प्यार कम हो गया है तो यह उपाय खास आपके लिए ही है। यह एक छोटा सा तांत्रिक टोटका है जिसे करते ही असर दिखता है। भूख- अदरकर के छोटे छोटे टुकड़े काटकर उन पर नमक लगाकर खाने से 15 मिनट पहले खाएं। स्वाद बढ़ाने के लिए चाहें तो नीबू का रस भी डाल सकते हैं। इन्हें खाने से भूख खुलकर लगेगी।
दस्त- अदरक का रस 2 चम्मच गर्म करके नाभि के आस-पास लगाएं। रस में रुई भिगोकर नाभि पर रख दें। दस्त बंद हो जाएंगे।
गैस- पिसी हुई सोंठ दो चम्मच में स्वादानुसार नमक, कालीमिर्च मिलाकर स्वाद लेते हुए चाटें। उल्टी जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
दूध न पचना- यदि दूध नहीं पचता तो, दूध पीने से दस्त लगते हों तो सोंठ को पीसकर चौथाई चम्मच दूध में मिलाकर पिएं। इससे दूध पच जाएगा।
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खांसी- अदरक का रस 30 ग्राम, शहद 30 ग्राम मिलाकर नित्य तीन बार दस दिन तक पिएं। दमा, खांसी के लिए उपयोगी है। गला बैठ जाए, जुकाम हो जाए तो यह योग लाभदायक है। इसमें खटाई, दही का प्रयोग न करें। दमा में अदरक को घी में तलकर भी ले सकते हैं।
गर्भपात- यदि बार बार गर्भपात होता हो तो नित्य आधा चम्मच सोंठ, चौथाई चम्मच मुलहठी को पाव भर दूध में उबालकर पिएं। गर्भपात की अचानक संभावना हो जाए तो भी इसी प्रकार सोंठ पिए। इससे गर्भपात नहीं होगा।
पेट निकलना- 10 ग्राम अदरक के छोटे छोटे टुकड़े तवे पर डालकर थोड़ा सा पानी डालकर भूनें। भूनते हुए पानी जल जाने के बाद उस पर एक चम्मच घी डालकर सेंके। सिकने पर भोजन से पहले इन्हें खाएं। बढ़ी हुई तौंद अनपने सामान्य आकार में आ जाएगी।