भारतीय जनता पार्टी ने बिहार मिशन 2019 की तैयारी पर मंथन करना शुरू कर दिया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और जदयू मिलकर बिहार के चुनावी रण में उतरेंगी. अमित शाह ने गुरूवार को पार्टी की बिहार कोर ग्रुप के नेताओं के साथ बैठक की. जातिय समीकरणों की बात करें तो आरजेडी -कांग्रेस के मुकाबले में भाजपा का गठबंधन ज्यदा मजबूत दिखाई नजर आता है. लोकसभा चुनाव में भाजपा की बिहार में 22 से 25 सीटों पर है.
सूत्रों के मुताबिक रालोसपा के जहानाबाद सांसद अरूण कुमार 2019 में बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ने की जुगत में भिड़ा रहे हैं. वहीं, लोजपा के वैशाली सांसद रामाकिशोर सिंह और खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर का पार्टी से मोहभंग हो चुका है और नए आशियाने की तालाश में हैं. ऐसे में बीजेपी 23-25 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव सहयोगियों के सामने लाएगी.
उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जीतन राम मांझी को हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के बीजेपी में विलय का ऑफर दे चुके हैं. जीतन राम मांझी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से अपने बेटे संतोष मांझी को एमएलसी बना कर बिहार के मंत्रिपरिषद् में शामिल करने की गुहार लगा चुके हैं.
मांझी की मांगों को पूरा करने के लिए अमित शाह सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं.2019 लोकसभा के करीब होने पर अमित शाह कोई दांव खेल सकते हैं जिससे मांझी को साधा जा सके. जीतन राम मांझी को गवर्नर बनाने की रणनीति पर भी अमित शाह विचार कर रहे हैं.
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भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में बिहार में 22 सीटें जीती थीं और उसके सहयोगियों ने नौ सीटें. उसी चुनाव में जदयू 40 में से महज दो सीटें ही जीत पाया था. बता दें कि जदयू ने 2013 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था.
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