भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट अपनी प्रतिद्वंदी स्नैपडील को खरीदने की तैयारी में पहले से ही है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब स्नैपडील के बोर्ड ने इस अधिग्रहण के लिए हरी झंडी दे दी है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि यह डील 900 से 950 मिलियन डॉलर (लगभग 61 अरब रुपये) में की तय की गई है.
इस डील को फाइनल को फाइनल करने के लिए स्नैपडील के शेयर धारकों को अप्रूवल देना होगा. हालांकि अभी तक न तो स्नैपडील और न ही फ्लिपकार्ट की तरफ से इस अधिग्रहण पर आधिकारिक बयान आया है.
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हाल ही में खबर आई थी कि स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट द्वारा दिया जाने वाला 700-800 मिलियन डॉलर का ऑफर ठुकराया है. आपको बता दें कि स्नैपडील काफी समय से नुकसान में है और कंपनी का सबसे बड़ा इन्वेस्टर सॉफ्टबैंक इसे बेचने के पक्ष में है.
हालांकि स्नैपडील के फाउंडर और आला अधिकारियों के न चाहने और बोर्ड के कुछ सदस्यों की नामंजूरी की वजह से यह डील नहीं हो पा रही थी. लेकिन जब बोर्ड ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है तो जल्द ही इस पर आखिरी फैसला आ सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्लिपकार्ट और स्नैपडील का विलय तीन चरणों में किया जाएगा. पहले सॉफ्टबैंक स्नैपडील और इसके इन्वेस्टर्स से स्टेक खरीदेगा जो इस कंपनी का सबसे बड़ा निवेशक है. निवेशकों में कलारी कैपिटल शामिल है. इसके बाद सॉफ्टबैंक इसे फ्लिपकार्ट को देगा और आखिर चरण में फ्लिपकार्ट अपने बिजनेस में स्नैपडील को मिला लेगा.
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