इस्लामाबाद: पाकिस्तान की संसद ने हिंदुओं की शादी को क़ानूनी मान्यता देने वाले विधेयक मंजूरी दे दी. बता दे कि लंबी प्रक्रिया के बाद इस विधेयक को पारित किया गया है. यह दूसरा मौका है जब नेशनल असेंबली ने इसे पारित किया है.
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इस विधेयक को पिछले साल सितंबर में पारित किया गया था, लेकिन इसे फिर से पारित करना था क्योंकि सीनेट ने बीते फरवरी महीने में इसमें कुछ संशोधन को स्वीकृति दी थी.
जिस स्वरूप को दोनों सदनों ने मंजूरी दी है उसमें ‘शादी परथ’ शामिल है जो मुसलमानों के निकाहनामे से मिलता-जुलता है. इस विधेयक के कानूनी रूप लेने के बाद हिंदू महिलाएं अपनी शादी का दस्तावेजी सबूत हासिल कर सकेंगी.
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आपको बता दे कि नियमों के अनुसार विधेयक के समान स्वरूप को दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाना जरूरी है और फिर इसे हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है.
गौरतलब है कि नए राष्ट्रीय विधेयक में सिंध सरकार के क़ानून के एक प्रावधान को शामिल किया गया है जो कहता है कि पति-पत्नी में से किसी भी एक व्यक्ति के धर्म परिवर्तन करने पर शादी खत्म की जा सकती है.