लखनऊ। ऐशबाग ईदगाह में इस बार ईद में मुस्लिम महिलाओं ने भी नमाज अता की। ईदगाह स्थित बारादरी में महिलाएं पुरुषों के साथ नमाज अदा करती थीं लेकिन इस बार उनके लिए अलग व्यवस्था की गई थी। ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली के मुताबिक महिलाओं के लिए ईदगाह में नमाज पढ़ना मना नही है।
हर बार औरतें ईदगाह में नमाज पढ़ने आती है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम होती है। इस बार मुसलमानों के प्रति जो माहौल बना हुआ है, उसे ध्यान में रखकर यह व्यवस्था की गई है। आज देश भर में यह विवाद हो रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग ‘औरतों को बराबरी का हक नही देते, उन्हें मर्दो से कम मानते हैं’, ऐसे लोगो को यह बताने की जरुरत है कि मजहब-उल- इस्लाम में औरत और मर्द को बराबर का हक दिया गया है, और यह पैगाम देने के लिए ईद से बेहतर दिन कोई और नही हो सकता है।
मुस्लिम महिलाओं के लिए लिहाज से तैयब हॉल में इंतजाम
ऐशबाग ईदगाह के अंदर बने तैयब हॉल के अंदर औरतें नमाज अदा करेंगी। पर्दे के लिहाज से औरतों के लिए तैयब हॉल में इंतजाम किए गए हैं। इस हाल में जाने के लिए रास्ता भी अलग रखा गया है, यहां पर मर्द नहीं जा सकेंगे। औरतों को मर्दो के गेट से अंदर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि इस बार औरतों की तादाद हजार के ऊपर जाने की उम्मीद हैं, जिसके लिए खास इंतजाम भी किए गए है। हाल की पीछे टेंट भी लगाया गया है। इसके अलावा पानी का भी इंतजाम किया गया।
औरतें ईदगाह के बारादरी में अदा करती थीं नमाज
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि हर साल ईदगाह में औरतें आती थी लेकिन बहुत कम तादाद में होती थी, ईदगाह में तैयब हॉल के आगे बने बारादरी में औरतें नमाज अदा करती थी।
ढाका व मदीने में हुए हमले का विरोध किया
ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ढाका व मदीने में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इस्लाम में ऐसे लोगो के लिए कोई जगह नहीं है। ईद की नमाज के बाद इस हमले में मारे गए लोगों के लिए दुआएं मगफिरत की जाएगी।