स्टेशन से बाहर निकलते ही उसने अपनी बेटी लिपिका को ढूंढना शुरू कर दिया। उसके काफी ढूंढने के बाद जब बच्ची नहीं मिली तो उसे याद आया कि लगता है वह अपनी बेटी को ट्रेन में ही छोड़ आया है। आरपीएफ अधिकारियों के प्रयास से बच्ची सुरक्षित मिल गयी। दरअसल बच्ची लिपिका ट्रेन में सो रही थी। अधिकारियों ने तुरंत कार्यवाही कर छह वर्षीय बच्ची को एक घंटे में ढूंढकर पिता को सौंप दिया।

जल्दी-जल्दी के चक्कर में छह वर्षीय बेटी को ट्रेन में ही भूल गया पिता, फिर हुआ ये जाने

आज की भागदौड भरी जिंदगी में अक्सर ट्रेन में सामान छूटने की खबर तो हम सबने सुनी हैं, लेकिन क्या कोई पिता इतना जल्दी में भी हो सकता है कि वो अपनी फूल सी बच्ची को ही भूल जाये। जी हां कुछ ऐसा ही किया है साईनगर दादर एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा करने वाले एक पिता ने ये पिता अपनी छह वर्षीय बेटी को ट्रेन में ही भूल गया, गनीमत ये रही कि आरपीएफ अधिकारियों की मदद से बच्ची को सुरक्षित उसके पिता के पास पहुंचा दिया गया। 

स्टेशन से बाहर निकलते ही उसने अपनी बेटी लिपिका को ढूंढना शुरू कर दिया। उसके काफी ढूंढने के बाद जब बच्ची नहीं मिली तो उसे याद आया कि लगता है वह अपनी बेटी को ट्रेन में ही छोड़ आया है। आरपीएफ अधिकारियों के प्रयास से बच्ची सुरक्षित मिल गयी। दरअसल बच्ची लिपिका ट्रेन में सो रही थी। अधिकारियों ने तुरंत कार्यवाही कर छह वर्षीय बच्ची को एक घंटे में ढूंढकर पिता को सौंप दिया।

आरपीएफ अधिकारियों के अनुसार वीरवार की शाम कल्याण स्टेशन से उन्हें एक फोन आया कि एक यात्री की छह वर्षीय बेटी ट्रेन में ही रह गयी है। सूत्रों के अनुसार बेटी का पिता 30 वर्षीय ओमप्रकाश हरीपाल यादव डोंबीवली में रहता है वह शिरडी से कल्याण जा रहा था और जैसी ही ट्रेन कल्याण पहुंची यादव अपनी पत्नी और सारे सामान के साथ स्टेशन पर उतर गया।

स्टेशन से बाहर निकलते ही उसने अपनी बेटी लिपिका को ढूंढना शुरू कर दिया। उसके काफी ढूंढने के बाद जब बच्ची नहीं मिली तो उसे याद आया कि लगता है वह अपनी बेटी को ट्रेन में ही छोड़ आया है। आरपीएफ अधिकारियों के प्रयास से बच्ची सुरक्षित मिल गयी। दरअसल बच्ची लिपिका ट्रेन में सो रही थी। अधिकारियों ने तुरंत कार्यवाही कर छह वर्षीय बच्ची को एक घंटे में ढूंढकर पिता को सौंप दिया। 

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