नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के वडोदरा में देश का पहला राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन विश्वविद्यालय (एनआरटीयू) स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी है. कंपनी कानून, 2013 की धारा 8 के तहत रेल मंत्रालय एक गैर-लाभकारी कंपनी का गठन करेगा. मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह कंपनी इस प्रस्तावित विश्वविद्यालय का प्रबंधन करेगी. यह परियोजना पिछले तीन साल से लंबित थी. बयान में कहा गया है कि कंपनी विश्वविद्यालय को वित्तीय और ढांचागत सहयोग उपलब्ध कराएगी. साथ ही यह विश्वविद्यालय के लिए कुलाधिपति और प्रति- कुलपति की नियुक्ति करेगी.
बयान में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड में पेशेवर और शिक्षाविद् शामिल होंगे. इस पर प्रबंधन करने वाली कंपनी का दखल नहीं होगा और इसे शैक्षणिक और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूर्ण स्वायत्तता होगी. अधिकारियों ने कहा कि विश्वविद्यालय की योजना नई अध्यापन तथा प्रौद्योगिकी एप्लिकेशंस के इस्तेमाल की है. मसलन सैटेलाइट आधारित ट्रैकिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान तथा आर्टिफिशन इंटेलिजेंस आदि.
बयान में कहा गया है कि भारतीय रेल की वडोदरा, गुजरात की राष्ट्रीय अकादमी (एनएआईआर) की मौजूदा जमीन और ढांचे का इस्तेमाल विश्वविद्यालय के लिए किया जाएगा. विश्वविद्यालय के लिए इसमें उसी के हिसाब से अनुकूल बदलाव किया जाएगा. पूर्ण नामांकन के बाद विश्वविद्यालय में 3,000 विद्यार्थी होंगे. नए विश्वविद्यालय का वित्तपोषण पूर्ण रूप से रेल मंत्रालय करेगा.
सरकार की ओर से बयान में कहा गया, ‘सरकार अप्रैल 2018 तक सभी स्वीकृतियां देने तथा जुलाई-2018 में पहला शैक्षिक सत्र शुरू करने की दिशा में काम कर रही है। प्रधानमंत्री द्वारा पेश यूनिवर्सिटी स्थापना का प्रेरक विचार नए भारत की दिशा में रेल और परिवहन क्षेत्र में बदलाव का अग्रदूत होगा।’ बयान में कहा गया है कि रेल मंत्रालय कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा आठ के अंतर्गत लाभ नहीं कमाने वाली कंपनी बनाएगा, जो प्रस्तावित यूनिवर्सिटी की मैनेजमेंट कंपनी होगी। नए विश्वविद्यालय की फंडिंग पूरी तरह रेल मंत्रालय करेगा।