कंगना ने कहा, ‘बॉलिवुड में हीरो के मुकाबले हिरोइन की फीस कम है, जिसकी लड़ाई लड़ने की कोशिश मैं काफी समय से कर रही हूं। पूरी दुनिया बराबरी का काम और मेहनताना न मिलने के भेदभाव से जूझ रहा है, लेकिन इसी बॉलिवुड में कुछ हिरोइन ऐसी भी हैं जो अपने इंटरव्यू के दौरान कहती रहती हैं कि जब हम बॉक्स ऑफिस पर ओपनिंग नहीं दिलवा सकते तो हम क्यों भला बराबरी के काम और मेहनताने की लड़ाई लड़ें। यह सब इतने छोटे विचार के लोग हैं, उनको पता नहीं है कि इस तरह की गलत बातें करके वह आने वाली पीढ़ी को हीन भावना से भर रही हैं।’
कंगना आगे कहती हैं, ‘हां मैं यह मानती हूं की मेरे पास 30 सालों का अनुभव और दर्शकों के साथ 30 सालों का मेरा रिश्ता नहीं है, लेकिन पिछले 10 सालों में मैंने जो साख बनाई है उससे मुझे मेरी सैलरी के रूप में दिया जाना चाहिए। मैं सिर्फ ऐक्टर और ऐक्ट्रेस की बात नहीं कर रही हूं, कुछ सुपरस्टार की बात छोड़ दें तो परदे के पीछे जो लोग काम करते हैं और दूसरे सभी क्षेत्रों में भी काम और सैलरी का भुगतान सही तरह से किया जाना चाहिए। साल में सिर्फ 365 दिन ही होते हैं और एक लड़के की तरह मैं भी पूरे 365 दिन काम करती हूं… ऐसे में यह कहना और सोचना तो एकदम गलत है कि आप लड़की हैं तो ज्यादा पैसे कैसे मांग सकती हैं, आपकी उतनी पहुंच नहीं है। आपको क्या पता, हो सकता है अगले 30 सालों में मेरी पहुंच हो जाए।’
बराबरी की फीस के अलावा कंगना ने आने वाले दिनों में बॉलिवुड हीरो की तरह फिल्म में रॉयल्टी की मांग भी करेंगीं। जिसकी तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है। वह कहती हैं, ‘मर्दों के मुकाबले बार-बार खुद को कम आंकने की जो बातें हैं, सबसे ज्यादा औरतें ही करतीं हैं। मुझे लगता है, एक औरत ही दूसरी औरतों की दुश्मन ज्यादा है। मैं तो अपनी अगली फिल्म से रॉयल्टी की मांग भी करूंगी। बहुत सी ऐक्ट्रेस इस मामले में बात नहीं करतीं हैं और इस बात से मुझे बहुत कष्ट होता है।’
इन दिनों कंगना अपनी रिलीज़ हुई फिल्म ‘सिमरन’ के प्रचार-प्रसार में जुटी हैं। ‘सिमरन’ में कंगना के ऐक्टिंग की एक बार फिर से खूब तारीफ हो रही है। फिल्म का निर्देशन हंसल मेहता ने किया है। फिल्म में कंगना एक ऐसी आजाद खयाल तलाकशुदा महिला का किरदार निभा रही हैं, जिसे जुए और चोरी की लत है।
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