नैनीताल: हाईकोर्ट ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवा में क्षेतिज आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया। कोर्ट के फैसले से राज्य आंदोलनकारी और सरकार को बड़ा झटका लगा है। 
राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नोकरियो में 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण का मामला अदालत में विचाराधीन था। इस संबंध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर पिछले साल फैसला आया तो न्यायाधीशों की राय अलग अलग थी। जस्टिस सुधांशु धुलिया की कोर्ट का मत था कि राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देना असंवैधानिक है तो जस्टिस यूसी ध्यानी की कोर्ट ने आरक्षण को विधिसम्मत घोषित किया था।
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ ने मामला तीसरी बेंच को रेफर कर दिया था। पिछले दिनों कोर्ट इस मामले में सुनवाई पूरी कर चुकी है। बुधवार को न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने इस मामले में अपराह्न ढाई बजे निर्णय सुनाया गया। इसमें क्षेतिज आरक्षण को असंवैधानिक बताया।
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