हेल्थ फॉर ऑल स्कीम के लिए इनकम क्राइटेरिया के सुझाव को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा लगाए गए आरोप पर उपराज्यपाल ऑफिस कहना है कि हमेशा सरकार के पॉजिटिव कदम का समर्थन किया गया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने प्लानिंग और फाइनैंस डिपार्टमेंट की सिफारिशों के आधार पर इनकम क्राइटेरिया का सुझाव दिया था, लेकिन इस मामले में कई सूचनाएं गलत दी गई हैं।
उपराज्यपाल ऑफिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी सरकार के पास असीमित संसाधन नहीं है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि सरकारी संसाधनों का पहले गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए उपयोग करें। यह बात चकित करने वाली है कि चुनी हुई सरकार पॉश कॉलोनियों में रहने वाले अमीर लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है।
कहा गया है कि सरकार सही इनकम लेवल चुनने के लिए स्वतंत्र है, जो इस योजना से मिडिल क्लास और गरीबों को बाहर नहीं करता है। मीडिया में आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने की कठिनाइयों के बारे में मुद्दों को उठाया गया है। यह ध्यान देने की बात है कि उपराज्यपाल की तरफ से इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कभी आय प्रमाण पत्र की शर्त नहीं लगाई है। सरकार को लोगों पर भरोसा करना चाहिए और आय प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए