शिवानी गुसाईं सिखा रहीं हैं केदारनाथ पर ट्रैकिंग
शिवानी गुसाईं सिखा रहीं हैं केदारनाथ पर ट्रैकिंग

शिवानी गुसाईं सिखा रहीं हैं केदारनाथ पर ट्रैकिंग

उत्‍तरकाशी: साल 2001 में महज 13 वर्ष की उम्र में पैराग्लाइडिंग के जरिये आसमान की सैर कर दुनिया में अपना हौसला दिखाने वाली शिवानी गुसाईं अब एक पेशेवर पर्वतारोही बन चुकी हैं। शिवानी ने माउंटेन एडवेंचर क्लब (मैक) की स्थापना की है। इस क्लब से अब तक तीन हजार से भी अधिक युवा जुड़ चुके हैं। मैक के जरिये शिवानी ने नवंबर 2014 में 46 युवक-युवतियों को केदारनाथ की ट्रैकिंग कराई। तब से वह हर वर्ष केदारनाथ पर ट्रैकिंग करवा रही हैं। शिवानी तमाम साहसिक खेलों में महारथ हासिल कर चुकी हैं। यही नहीं, उत्तरकाशी में एडवेंचर टूरिच्म को बढ़ावा देने में भी जुटी हुई है।शिवानी गुसाईं सिखा रहीं हैं केदारनाथ पर ट्रैकिंग

 पौड़ी जिले के कफोलस्यूं गांव में जन्मीं शिवानी फिलहाल महिला तकनीकी संस्थान देहरादून में सेवारत हैं। शिवानी के नाम सबसे बड़ी उपलब्धि आठ जनवरी 2001 को दर्ज हुई। तब 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने  पौड़ी के निकट कंडारा की पहाड़ी से पैराग्लाइडिंग कर आसमान की सैर की और विश्व की सबसे कम आयु की पैराग्लाइडर बनी। इस उपलब्धि के लिए उन्हें लिम्का बुक में भी स्थान मिला। 

साल 2004 में शिवानी को पैराग्लाइडिंग एडवेंचर के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (उत्कृष्ट कार्यों के लिए) मिला। वह महज पैराग्लाइडिंग तक ही सीमित नहीं रहीं, बल्कि पर्वतारोहण, राफ्टिंग और स्कीइंग में भी महारथ हासिल की। वर्तमान में शिवानी उत्तराखंड कयाकिंग-केनोइंग एशोसिएशन की कोषाध्यक्ष भी हैं।

उत्तरकाशी में दे रही एडवेंचर टूरिच्म को बढ़ावा

शिवानी कहती हैं कि उत्तरकाशी में एडवेंचर टूरिच्म के तहत जल क्रीड़ा, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण व पैराग्लाइडिंग की अपार संभावनाएं हैं। वह जिला प्रशासन के साथ पैराग्लाइडिंग के लिए स्थान तलाशने में जुटी हैं। फिलहाल पैराग्लाइडिंग के लिए चिन्यालीसौड़ व वरुणावत को चयनित किया गया है। 

 

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