बाढ़ की तबाही झेल रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर राहत व बचाव कार्य में मदद मांगी और दूसरे दिन इंडियन एयर फोर्स का सबसे बड़ा कार्गो प्लेन C 17 एनडीआरएफ के 450 जवानों, 60 नाव और अन्य जरूर सामान लेकर पटना एयरपोर्ट पर पहुंच गया।
यह पहला मौका नहीं है जब C 17 का इस्तेमाल आपदा के समय किया गया हो। नेपाल और उत्तराखंड से लेकर जम्मू कश्मीर तक इस विमान ने हजारों लोगों की जान बचाई है।

जंग हो या आपदा C 17 प्लेन हमेशा देश की सेवा के लिए तैयार रहता है। नोटबंदी के बाद जब पूरे देश में बैंकों को नई करेंसी कम पड़ रही थी तब इस प्लेन से रुपए भेजे गए थे।
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25 अप्रैल 2015 को नेपाल में आए भूकंप के समय भारत सरकार ने इससे राहत सामग्री पहुंचाई थी। प्राकृतिक आपदा के अलावा जंग के समय भी यह प्लेन बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाता है।
लड़ाई होने पर बड़ी संख्या में सैनिकों को टैंक, तोप और दूसरे हथियारों के साथ मोर्चे पर जल्द से जल्द तैनात करना जरूरी होता है। यह प्लेन इस काम के लिए ही बना है। इससे सेना टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को चीन की सीमा से लगे लद्दाख जैसी ऊंची जगह तक पहुंचा सकती है।
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इस प्लेन में इतनी क्षमता है कि जंग के लिए पूरी तरह से तैयार 300 सैनिकों को अंडमान निकोबार से लेकर लेह तक पहुंचा सकता है। इस प्लेन से सेना को यह सामर्थ्य मिलता है कि वह सैनिकों को तेजी से सीमा पर तैनात कर सके। पिछले साल इस प्लेन ने चीन सीमा से सिर्फ 29 km पहले अरुणाचल प्रदेश के मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड पर उतरकर अपनी काबिलियत साबित की थी। 6200 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस एयरपोर्ट का लैंडिंग सरफेस सिर्फ 4200 फीट लंबा है।
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