मुगल शासक शाहजहां द्वारा 361 साल पहले बनाई गई जामा मस्जिद का भविष्य खतरे में है। मस्जिद का बाहरी कलेवर दिखने में जितना आकर्षक है, संरक्षण के अभाव में वह अंदर से उतना ही अति कमजोर और भयानक खंडहर जैसा है। आलम यह है कि देश की इस धरोहर में कभी भी कोई अनहोनी भी घट सकती है।
मस्जिद के तीनों गुंबद, मीनारों और दीवारों में दरारों की सूचना के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और सरकार के अधिकारियों ने मस्जिद का फौरी तौर पर जायजा तो लिया, लेकिन सप्ताह भर से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद मस्जिद की जमीनी हकीकत को जानने की किसी ने भी जहमत नहीं उठाई।
ऐसे में जामा मस्जिद की दिल्ली एडवाइजरी काउंसिल के लिए यहां पर पर्यटकों की सुरक्षा चिंता का बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जामा मस्जिद की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश के दौरान अमर उजाला को दिल्ली एडवाइजरी काउंसिल के महासचिव सयेद तारिक बुखारी ने मस्जिद के अति संवेदनशील हिस्सों का जायजा करवाया।
पड़ताल के बीच उन्होंने मस्जिद के तीनों गुंबद की आंतरिक स्थिति दिखाई। गुंबद के अंदर छत पर कई जगहों पर लाल पत्थर में करीब दो इंच से लेकर पांच इंच तक की कई दरारें पड़ गई हैं।
हालांकि ये दरारें मस्जिद के बाहरी कलेवर पर महज बारीक लाइन जैसी दिख रही हैं। दरारों से बरसाती पानी रिसने की वजह से गुंबद की छत कमजोर हो गई है और ढलाननुमा दीवारों से पलस्तर उतर रहा है। मस्जिद की हालत अंदर से ऐसी है, जैसे खंडहर की होती है।
उन्होंने बताया कि मस्जिद के गुंबद बेहद कमजोर हो चुके हैं और बरसात के समय में पानी गुंबदों से रिसकर मस्जिद के अंदर तक आ जाता है। वहीं मस्जिद की दोनों मीनारों की दीवारों में भी कई जगहों पर दरारें पड़ चुकी हैं।
दीवारों से लाल पत्थर की परतें छूटकर गिरने लगी हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले इस मस्जिद की मरम्मत 10 साल पहले एएसआई द्वारा करवाई गई थी। इस मामले के प्रकाश में आने पर करीब एक सप्ताह पहले एएसआई, दिल्ली वक्फ बोर्ड और सरकार के अधिकारियों ने मस्जिद का रुख किया।
सयेद बुखारी का कहना है कि मस्जिद को देखने की खानापूर्ति करने के बाद यहां पर किसी भी विभाग का कोई इंजीनियर मस्जिद की असली हालत को जांचने के लिए नहीं भेजा गया, जिससे यहां पर पर्यटकों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।
अधिकारी बोले-एएसआई टीम रिपोर्ट तैयार कर रही: जामा मस्जिद के संरक्षण के बारे में जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जनसंपर्क अधिकारी देवकी नंदन डिमरी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि दिल्ली एएसआई टीम जामा मस्जिद की रिपोर्ट तैयार कर रही है और कुछ ही दिन में रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।