बता दें कि स्मृति ईरानी की दो बहनें भी हैं, इव सबका बचपन दिल्ली में बीता वहीं उन्होंने स्कूल की पढ़ाई की। एक बार स्मृति ईरानी के माता-पिता ने एक पंडित को भविष्यवाणी करने के लिए अपने घर बुलाया। पंडित ने बताया कि स्मृति की दोनों बहनों की जिंदगी काफी अच्छी चलेगी, वह सब सही निर्णय लेंगी लेकिन स्मृति के बारे में उन्होंने कह दिया कि स्मृति का भविष्य अंधकारमय है।
इसके बावजूद भी स्मृति के दिमाग में कुछ कर दिखाने की चाह थी। स्मृति ईरानी प्रशासन कर्मचारी या फिर पत्रकार बनना चाहती थीं। उनके पिता ने कहा कि वह प्रशासन कर्मचारी या पत्रकार उनके बस की नहीं है। फिर उन्होंने कुछ और बड़ा करने की सोची, उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और मुबई चली गईं।
स्मृति ईरानी ने मिस इंडिया के कॉन्टेस्ट में भाग लिया जहां उसको निराशा हाथ लगी। वहां उनके साथ कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा था। उन्होंने टीवी सीरियल के लिए ऑडिशन देने शुरू कर दिए वहां भी बात नहीं बनी। स्मृति ईरानी ने अपने पिता से लोन लिया हुआ था जो उन्हें चुकाना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने बांद्रा के मैकडॉनल्ड्स में पोछा लगाना और टेबल साफ करने जैसा काम किया।
उसके बाद स्मृति ईरानी को पहला ब्रेक मिला उन्होंने वहां काम किया और फिर वह प्रोड्यूजर शोभा कपूर की नजरों में आईं। जहां से उनको ‘क्योंकि..सास भी कभी बहू थी’ सीरियल के लीड रोल ‘तुलसी’ के किरदार के लिए साइन कर लिया गया। इस सीरियल से स्मृति ईरानी ने नाम कमाया और ये सीरियल 8 सालों तक चला। जब यह सीरियल खत्म हुआ तक उन्होंमे राजनीति में कदम रखा।