उत्तरप्रदेश

एसआरएन अस्पताल में बंद है एमआरआइ जांच

यह है मंडल का सबसे बड़ा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल। यहां यदि आपको किसी की एमआरआइ जांच करानी है तो इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यहां पिछले चार दिनों से एमआरआइ की मशीन बंद पड़ी है, यह कब तक चलेगी पता नहीं। प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक मरीज यहां लौट जा रहे हैं। बता दें कि यहां एक टेक्नीशियन पूरी एमआरआइ जांच की व्यवस्था संभाल रहा है। एसआरएन अस्पताल में एमआरआइ की जांच के लिए मरीज व तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर तो मरीज की एमआरआइ जांच कराने के लिए पर्ची पर लिखकर भेज देते हैं लेकिन वहां यह जांच ही नहीं हो पाती है। दूर दराज से आने वाले मरीजों को इसके लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है। बुधवार को सुनील कुमार एमआरआइ कराने पहुंचे थे लेकिन उन्हें यह बताकर वापस कर दिया गया कि अभी एमआरआइ नहीं हो पाएगी। ऐसे में सुनील का पर्चा जमाकर लिया गया और इसके लिए पांच सिंतबर को बुलाया गया। एसआरएन में एक माह से बंद है कंट्रास्ट एमआरआइ यह भी पढ़ें यहां स्थिति यह है कि एक टेक्निशियन पूरे एमआरआइ की जांच करता है और उसकी रिपोर्ट भी बनाता है। इन दिनों आलम यह है कि चार दिनों से एमआरआइ नही हो पा रही है। मरीज अपनी यह शिकायत दर्ज कराने के लिए अस्पताल के अधिकारियों से गुहार लगाते हैं लेकिन यहां उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है। रेडियोडायग्नोसिस डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके गुप्ता काफी दिनों से छुट्टी पर चल पर रहे हैं। इस विभाग की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। 'मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते यहां एमआरआइ जांच में परेशानी होती है। इसे शीघ्र ही चालू कराया जाएगा। ' डॉ.एके श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक

यह है मंडल का सबसे बड़ा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल। यहां यदि आपको किसी की एमआरआइ जांच करानी है तो इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यहां पिछले चार दिनों से एमआरआइ की मशीन बंद पड़ी है, यह कब तक …

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वाट्सएप और ई-मेल से तामील होंगे समन

अदालतों से जारी होने वाले समन, वारंट और नोटिस अब ई-मेल, वाट्सएप और मैसेज के जरिये भी तामील हो सकेंगे। जनपद न्यायाधीश आरके गौतम द्वारा दिए एक आदेश के बाद कानपुर का पहला वाट्सएप समन एक पक्षकार को तामील भी कराया गया। ऐसा होने से पक्षकारों के हाजिर होने में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा और सुनवाई जल्द शुरू हो सकेगी। पक्षकार भी तामीली से इंकार नहीं कर सकेंगे। इस मामले में हुआ आदेश विजय नगर निवासी नारायन दत्त त्रिपाठी ने एचडीएफसी बैंक से जनवरी 2014 में लोन लिया था। इस मामले में आर्बीटेशन हुआ तो अवार्ड पारित हो गया। इस अवार्ड की धनराशि के लिए एचडीएफसी ने जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में वसूली के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। यहां से समन तामील किया गया। चूंकि पक्षकारों को समन तामील होने में काफी वक्त लगता इसलिए न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से समन तामील करने का प्रार्थना पत्र दिया गया। पूर्व डीजीसी सिविल पीयूष शुक्ल ने बताया कि जनपद न्यायाधीश ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए। विपक्षी पक्ष को वाट्सएप से समन तामील भी हो गया। कानपुर में थाने में सुनवाई न होने पर समस्या करें वाट्सएप यह भी पढ़ें समन तामील होने में लगता वक्त दरअसल सिविल के साथ ही फौजदारी के मामलों में समन, वारंट तामील कराना सबसे बड़ा काम है। समन, वारंट तामील होने में अधिक समय लगने से सुनवाई प्रभावित होती है। पूर्व डीजीसी सिविल बताते हैं कि इस आदेश के बाद समन तामीली में लगने वाला वक्त खत्म हो जाएगा और सुनवाई जल्द शुरू हो सकेगी। उन्होंने बताया कि रूटीन में जैसे समन वारंट भेजे जा रहे हैं, वह उसी तरह भेजे जाते रहेंगे। वादी, प्रतिवादी सभी कर सकेंगे पैरवी अधिवक्ता हितों के लिए कार्य करें यह भी पढ़ें पूर्व डीजीसी बताते हैं कि इस आदेश का लाभ वादी के साथ प्रतिवादी को भी मिलेगा। दोनों ही नोटिस का तामील इस माध्यम से करा सकेंगे। उनके अधिवक्ताओं को भी समन तामील कराने का अधिकार होगा।

अदालतों से जारी होने वाले समन, वारंट और नोटिस अब ई-मेल, वाट्सएप और मैसेज के जरिये भी तामील हो सकेंगे। जनपद न्यायाधीश आरके गौतम द्वारा दिए एक आदेश के बाद कानपुर का पहला वाट्सएप समन एक पक्षकार को तामील भी …

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एटीएस की टॉप लिस्ट में आया कानपुर

पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों के लिए फंड जुटाने वाले मॉड्यूल के सरगना रमेश शाह की जड़ें कानपुर परिक्षेत्र में भी होने के पर्याप्त सुबूत मिले हैं। कानपुर एटीएस के डीएसपी मनीष सोनकर की टीम ने इन्हीं सुबूतों व इनपुट के बाद रमेश को पुणे से पकड़ा। रमेश की गिरफ्तारी के बाद कानपुर सुरक्षा एजेंसियों की टॉप लिस्ट में आ गया है। गिरफ्तार किया गया रमेश लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा था। शहर में आतंकियों के पुराने कनेक्शन के चलते महाराष्ट्र से रमेश शाह के पकड़े जाने के बाद स्थानीय खुफिया को अलर्ट कर दिया गया है। वैसे भी आयुध निर्माणियों के साथ ही प्रौद्योगिकी संस्थान, एयरपोर्ट और गैस प्लांट सरीखे अहम संस्थानों की वजह से कानपुर स्लीपिंग मॉड्यूल्स की सक्रियता का केंद्र बन गया है। खुफिया रिपोर्ट और शहर में पकड़े गए आतंकी, पाकिस्तान एजेंट और नक्सली से इसकी पुष्टि भी होती है। रमेश भी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को पैसा व उनकी जरूरत का सामान उपलब्ध कराता था। कानपुर परिक्षेत्र में उसकी सक्रियता की बात खुरासान माड्यूल पकड़े जाने के बाद सामने आई। एटीएस सूत्रों के मुताबिक शहर में पाकिस्तानी एजेंट, स्लीपिंग मॉड्यूल्स की गतिविधियों और टेरर फंडिंग के पुख्ता सुबूत के बाद एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) टीम की गतिविधियां बढ़ा दी गई हैं। सात मार्च 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास हुए विस्फोट का मास्टर माइंड गौस मोहम्मद, मो. दानिश व आतिफ जाजमऊ के रहने वाले हैं। मुठभेड़ में मारा गया सैफुल्लाह भी इसी इलाके का था। इनके साथियों में सैयद मीर हुसैन कन्नौज का है। गौस शहर में खुरासान माड्यूल के माध्यम से आतंकियों की पाठशाला चला रहा था, जिसमें शहर व आसपास के करीब 75 लोग शामिल हो रहे थे। हालांकि एटीएस उन्हें मुख्यधारा में वापस ले आई। इसके बाद से एटीएस शहर के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों व सुनसान स्थानों पर बने धार्मिक स्थलों पर नजर बनाए हुए है। आतंकी की तलाश में एटीएस की छापेमारी यह भी पढ़ें शहर में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी -11 सितंबर 2009 को आइएसआइ एजेंट इम्तियाज सचेंडी से गिरफ्तार। -27 सितंबर 2009 को बिठूर से आइएसआइ एजेंट वकास की गिरफ्तारी। ब्लैक लिस्ट होंगे कानपुर के ट्रांसगंगा सिटी में काम कर रहे ठेकेदार यह भी पढ़ें -18 सितंबर 2011 को रांची निवासी आइएसआइ एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को एटीएस ने गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के आरोप में रेलबाजार से किया गिरफ्तार। -जुलाई 2012 में सेंट्रल स्टेशन से फिरोज नाम के संदिग्ध की गिरफ्तारी। -अप्रैल 2014 को पटना में विस्फोट करने वाले एक संदिग्ध को पनकी स्टेशन के पास से एटीएस ने पकड़ा। -मार्च 2017 में भोपाल में ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले आतंकी गिरोह खुरासान माड्यूल के तीन आतंकी गिरफ्तार।

पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों के लिए फंड जुटाने वाले मॉड्यूल के सरगना रमेश शाह की जड़ें कानपुर परिक्षेत्र में भी होने के पर्याप्त सुबूत मिले हैं। कानपुर एटीएस के डीएसपी मनीष सोनकर की टीम ने इन्हीं सुबूतों व इनपुट …

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‘दिल्ली के साथ दूसरे शहरों के लिए भी हो सीधी फ्लाइट’

कानपुर से बेहतर विमान सेवा के सुझावों के साथ सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा से दिल्ली में चर्चा की। सांसद ने कहा कि व्यापारिक व औद्योगिक दृष्टि से देश के महत्वपूर्ण केंद्र कानपुर को हवाई मानचित्र पर सिर्फ दिल्ली नहीं, अन्य शहरों से भी जोड़ें। यहां प्रमुख शहरों से व्यापारियों और यात्रियों का आना जाना होता है। कानपुर को दिल्ली के अलावा बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई और कोलकाता की सीधी फ्लाइट से भी जोड़ें, क्योंकि सिर्फ दिल्ली से जुड़ने से कानपुर को कोई लाभ नहीं होगा। निर्मल गंगा के लिए दूसरे जिलों की भी निगहबानी यह भी पढ़ें डा. जोशी ने दिल्ली की फ्लाइट के समय को असुविधाजनक बता उसमें बदलाव के लिए कहा। नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री को सलाह दी कि तीन जुलाई को फ्लाइट के उद्घाटन के मौके पर कानपुर आने पर वह प्रमुख व्यापारिक संगठनों और प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ बैठक कर यह सुझाव जरूर लें कि कानपुर से दिल्ली के अलावा अन्य किन-किन शहरों के लिए फ्लाइट हो। सांसद ने शहर में हवाई अड्डे का विस्तार कर स्वतंत्र हवाई अड्डा बनाने की बात भी रखी। ----------------------- शहर में लागू हो विमान बनाने की योजना आज आजाएंगे दूसरे जनपदों के जोड़े यह भी पढ़ें सांसद डॉ. जोशी ने कहा कि देश में हवाई जहाज विशेषकर घरेलू उड़ानों के लिए विमान बनाने की योजना शहर में लागू की जाए। शहर में ¨हदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस क्षेत्र में वर्षो से कार्य कर रहा है। कानपुर में आइआइटी भी है, इसलिए यह छोटे जहाजों के निर्माण का अच्छा केंद्र बन सकता है। ------------ स्पाइस जेट की फ्लाइट से आएंगे जयंत सिन्हा तीन जुलाई को चकेरी एयरपोर्ट पर दिल्ली की फ्लाइट का उद्घाटन होगा। उस दिन दिल्ली से स्पाइस जेट की फ्लाइट से नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा कानपुर आएंगे। उनके साथ सभी यात्रियों का स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी रहेंगे। स्पाइस जेट ने आधिकारिक रूप से फ्लाइट की घोषणा कर दी है। फ्लाइट की बुकिंग भी शुरू हो चुकी है। एयरपोर्ट के दोबारा शुरू होने पर चकेरी एयरपोर्ट को सजाने, संवारने का काम शुरू हो गया है। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने फ्लाइट के उद्घाटन के मौके पर आने वाले वीआइपी को देखते हुए बैठक की। बैठक में एयरपोर्ट निदेशक जमील खालिद भी शामिल रहे। ------------------- एयर ओडिसा की फ्लाइट फिलहाल नहीं जिलाधिकारी ने बताया कि एयर ओडिसा की फ्लाइट फिलहाल नहीं है। स्पाइस जेट की फ्लाइट के बाद ही एयर ओडिसा की दिल्ली-कानपुर-वाराणसी फ्लाइट शुरू होगी। इसकी तिथि बाद में घोषित होगी।

कानपुर से बेहतर विमान सेवा के सुझावों के साथ सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा से दिल्ली में चर्चा की। सांसद ने कहा कि व्यापारिक व औद्योगिक दृष्टि से देश के …

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राजधानी के इन प्रतिष्ठानों में नहीं आग से बचाव के इंतजाम, मुकदमे भी तमाम

राजधानी स्थित होटलों समेत सैकड़ों व्यवसायिक प्रतिष्ठान आग के मुहाने पर हैं। ऐसे सर्वाधिक खतरनाक 41 प्रतिष्ठानों के खिलाफ न्यायालय में मुकदमे भी चल रहे हैं। इनके अलावा सैकड़ों प्रतिष्ठान ऐसे हैं जिन्हें अग्निशमन विभाग, उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत 3/4 की नोटिस दे चुका है। खास बात यह है कि नोटिस देने के बाद निजी स्वार्थवश अथवा प्रतिष्ठान मालिकों के रसूख के आगे जिम्मेदार कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध गए। जिसका खामियाजा होटल एसएसजे और विराट इंटरनेशनल में अग्निकाड के दौरान छह लोगों को जान गवाकर भुगतना पड़ा। राजधानी में 60 फीसद होटलों के पास एनओसी नहीं, धड़ल्ले से हो रहे संचालित यह भी पढ़ें शहर के सबसे खतरनाक होटल और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को चिन्हित कर पहले उन्हें अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत 3/4 की नोटिस दी गई थी। इसके बाद भी तय समय पर जब उन्होंने फायर फाइटिंग व्यवस्थाएं नहीं कराई तो उनके खिलाफ सीजीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अभय भान पाडेय, चीफ फायर ऑफीसर। ये हैं शहर के सर्वाधिक खतरनाक प्रतिष्ठान: - होटल पंजाब इन : गुरुनानक मार्केट चारबाग - उदय राज पैलेस : छन्नी लाल चौराहा राजधानी में अवैध होटलों पर छापेमारी, दो सीज-गिरफ्त में मैनेजर यह भी पढ़ें - बीडी इंटरनेशनल : चारबाग - होटल विश्वनाथ : चारबाग - होटल शर्मा, न्यू शर्मा : चारबाग - होटल चरन : विधान सभा रोड - होटल राज : विधान सभा रोड इनके खिलाफ चल रहे मुकदमे : भवन का नाम - बनाम अंसल सिटी सेंटर - बीसी राय गुलमर्ग अपार्टमेंट - ताहिरा रिजवी शगुन पैलेस - दीपक अरोड़ा यूपीटेक बिल्डिंग - सरजू प्रसाद राज होटल - कमल जायसवाल दोसिया टावर - वहीदुल हसन शर्मा होटल - सतीश शर्मा न्यू शर्मा होटल - सीके शर्मा एएफ टावर - मो. शोएब फारूक सेंटर कोर्ट - वीरेंद्र के थापर दशमेश अपार्टमेंट - गुरुप्रीत सिंह आनंद अपार्टमेंट - मोहनदास लधानी राज अपार्टमेंट - राकेश सिंह होटल एनएस काटीनेंटल - सुरेंद्र सैनी होटल छेदीलाल वैश्य - राजकुमार वैश्य होटल मंदाकिनी मेजबान - डॉ. रईस ब्लू फाउंटेन - दिनेश गोयल प्लाजा - राधेलाल अग्रवाल जेम्स कोर्ट अपार्टमेंट - नीरज रस्तोगी दिलकश अपार्टमेंट - वीरेंद्र उर्फ टीटू डब्लू आर अपार्टमेंट - मोनिस इकबाल न्यू जनपथ कॉम्प्लेक्स - अनिल गौड़ एसएस अपार्टमेंट - सलीम खान गंगा सागर अपार्टमेंट - मोनिस इकबाल पीएस काटीनेंटल - पवन कुमार गर्ग सफायर कोर्ट अपा. - नीरज रस्तोगी बाबे अपार्टमेंट - कलाम अहमद गोपाल अपार्टमेंट - राकेश गुप्ता प्लाट संख्या 817 - आकाश अग्रवाल पायनियर कॉम्पलेक्स - जनपाल सिंह लोरपुर रेजीडेंसी - सुधीर हलवासिया नरही अपार्टमेंट - शशि अग्रवाल होटल अवध क्लार्क - महाप्रबंधक श्रीराम टावर - प्रबंधक निदेशक गौरी अपार्टमेंट - अजय बहल सरन चेंबर - भूषण थापर वाइएमसीए बिल्डिंग - विष्णु भगवान रीजेंसी प्लाजा - रीजेंसी इंडस्ट्रीज होटल प्रीमियर - अरशद अहमद सिद्दीकी

राजधानी स्थित होटलों समेत सैकड़ों व्यवसायिक प्रतिष्ठान आग के मुहाने पर हैं। ऐसे सर्वाधिक खतरनाक 41 प्रतिष्ठानों के खिलाफ न्यायालय में मुकदमे भी चल रहे हैं। इनके अलावा सैकड़ों प्रतिष्ठान ऐसे हैं जिन्हें अग्निशमन विभाग, उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण और …

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एलडीए में ऑनलाइन नामातरण 15 अगस्त से, अब नहीं खाने होंगे प्राधिकरण के धक्के

एलडीए में संपत्तियों के नामातरण की सुविधा अगले दो महीने में ऑनलाइन होगी। आजादी की वर्षगाठ के मौके पर 15 अगस्त से ये सुविधा प्राधिकरण आवंटियों को देगा। इसमें घर बैठे ही आवंटी म्यूटेशन की सारी प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। ऑनलाइन फीस भी जमा होगी। इसके बाद में नामातरण होने के बाद संपत्ति पर नाम बदल जाएगा। साथ ही इसका पत्र भी आवंटी को उपलब्ध करवा दिया जाएगा। एलडीए के अधिकृत ट्विटर अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी गई है कि 15 अगस्त से ये सुविधा आवंटियों के लिए उपलब्ध होगी, जिसकी मदद से हजारों लोगों को अपने काम के लिए प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अभी जिस तरह से ऑनलाइन मानचित्र पास करना प्राधिकरण ने शुरू किया ठीक उसी तर्ज पर नामातरण भी होंगे। प्राधिकरण के कंप्यूटर सिस्टम प्रभारी एसबी भटनागर ने बताया कि 15 अगस्त से एलडीए के वेब पोर्टल के जरिये नामातरण किया जा सकेगा। इसमें लोग पोर्टल पर नामातरण संबंधित सभी कागज आवेदन के साथ अपलोड करेंगे। आगे उसमें अगर कोई सुधार या आपत्ति होगी तो वह एलडीए की ओर से बताई जाएगी। सभी कागज और औपचारिकताएं पूरी होने पर कास्टिंग कर के राशि जमा की जाएगी। इसके बाद प्रकाशन की कार्यवाही पूरी कर के नामातरण कर दिया जाएगा। प्रदूषण रोकने में भी मदद करेगा एलडीए, अब करना होगा इन नियमों का पालन यह भी पढ़ें लखनऊ(जागरण संवाददाता)। एलडीए में संपत्तियों के नामातरण की सुविधा अगले दो महीने में ऑनलाइन होगी। आजादी की वर्षगाठ के मौके पर 15 अगस्त से ये सुविधा प्राधिकरण आवंटियों को देगा। इसमें घर बैठे ही आवंटी म्यूटेशन की सारी प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। ऑनलाइन फीस भी जमा होगी। इसके बाद में नामातरण होने के बाद संपत्ति पर नाम बदल जाएगा। साथ ही इसका पत्र भी आवंटी को उपलब्ध करवा दिया जाएगा। एलडीए के अधिकृत ट्विटर अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी गई है कि 15 अगस्त से ये सुविधा आवंटियों के लिए उपलब्ध होगी, जिसकी मदद से हजारों लोगों को अपने काम के लिए प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अभी जिस तरह से ऑनलाइन मानचित्र पास करना प्राधिकरण ने शुरू किया ठीक उसी तर्ज पर नामातरण भी होंगे। प्राधिकरण के कंप्यूटर सिस्टम प्रभारी एसबी भटनागर ने बताया कि 15 अगस्त से एलडीए के वेब पोर्टल के जरिये नामातरण किया जा सकेगा। इसमें लोग पोर्टल पर नामातरण संबंधित सभी कागज आवेदन के साथ अपलोड करेंगे। आगे उसमें अगर कोई सुधार या आपत्ति होगी तो वह एलडीए की ओर से बताई जाएगी। सभी कागज और औपचारिकताएं पूरी होने पर कास्टिंग कर के राशि जमा की जाएगी। इसके बाद प्रकाशन की कार्यवाही पूरी कर के नामातरण कर दिया जाएगा।

एलडीए में संपत्तियों के नामातरण की सुविधा अगले दो महीने में ऑनलाइन होगी। आजादी की वर्षगाठ के मौके पर 15 अगस्त से ये सुविधा प्राधिकरण आवंटियों को देगा। इसमें घर बैठे ही आवंटी म्यूटेशन की सारी प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। …

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राजधानी में गहराया बिजली संकट, पब्लिक त्रस्त

राजधानी में गहराया बिजली संकट

राजधानी में बिजली संकट गर्मी के साथ बढ़ रहा है। तापमान बढ़ने से ट्रासफार्मर फुंक रहे हैं और एरियर बंच कंडेक्टर एबीसी जल रहीं हैं। विजय नगर फीडर एबीसी डैमेज होने से बंद रहा, जबकि आलमबाग के चित्रगुप्त नगर और …

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कश्मीर में बंधक बनाकर यूपी के नौजवानों से कराई गई पत्थरबाजी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बेरोजगारों को बढिय़ा रोजगार देने के नाम पर कश्मीर में पत्थरबाजी कराई गई है। कश्मीर में पत्थरबाजी का उत्तर प्रदेश से कनेक्शन सामने आया है। रोजगार की तलाश में पुलवामा गए प्रदेश के बागपत व सहारनपुर के कुछ नौजवानों ने उनसे पत्थरबाजी में शामिल होने के दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने यहां बताया कि सहारनपुर और बागपत जिलों के रहने वाले छह लड़के सिलाई का काम करने के लिए पुलवामा गे थे। उन्हें वहां 20 हजार रुपये प्रति माह वेतन पर काम करने के लिए रखा गया था, लेकिन उनका आरोप है कि उनसे वहां पत्थरबाजी का काम भी लिया जाता था। काम के बाद थके लोगों को जब पत्थरबाजी करने को कहा जाता था तो यह लोग मजबूरी में पत्थरबाजी भी करते थे। अगर न करते तो इन लोगों को पगार नहीं मिलती थी। इसके बाद इस काम से त्रस्त होकर यह सभी लोग अपने घर लौट आए। डीजीपी ने कहा कि युवा अपने साथ सिलाई की डिजायन भी लेकर आए हैं। ऐसे में हम इसे बहुत विवेकपूर्ण तरीके से देखेंगे और इसमें एटीएस जांच करेगी। उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी पर आजमगढ़ समेत कई जगह बवाल यह भी पढ़ें पुलवामा से लौटकर आए बागपत निवासी एक युवक ने दावा किया है कि उसे तथा कुछ अन्य लड़कों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह पर सिलाई का काम कराने के लिए बुलाया गया था। कुछ दिन तक तो सब ठीक रहा, मगर बाद में दूसरे कामों में लगा दिया गया। हमसे पथराव भी कराया जाता था। एसएसबी परीक्षा देने से रोकने पर पथराव, आगजनी यह भी पढ़ें बागपत के पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने बताया कि पुलवामा से लौटकर आए एक अन्य युवक ने पूछताछ में बताया है कि उन्हें फैक्ट्री में रखा गया था। एक बार वहां कोई घटना हुई तो वहां काम कर रहे मजदूर पत्थरबाजी में शामिल हो गए थे। उनसे भी ऐसा करने को कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया और वहां से भाग आए। सहारनपुर के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि लगभग सात-आठ युवक कश्मीर गए थे और युवकों के सभी दावों की गहराई से जांच कराई जा रही है। बागपत के रहने वाले अंकित का दावा है कि वहां पहले कुछ दिन तो सही रहा, फिर उनसे कहा जाता था कि मुंह पर कपड़ा बांध लो और सड़क पर जाकर सुरक्षा बलों पर पथराव करो। सहारनपुर के रहने वाले बबलू ने कुछ और ही दावा किया है. बबलू का कहना है कि जनवरी में वे कुछ और युवकों के साथ कश्मीर में सिलाई का काम करने वाली कंपनी में नौकरी के लिए गया. बबलू के मुताबिक एक-डेढ़ महीने तक तो सब सही रहा और उनके घर वालों के खाते में 30-30 हजार रुपये जमा भी कराए गए. लेकिन उसके बाद उनके साथ बुरा बर्ताव करना शुरू कर दिया गया। उनसे बंधकों की तरह साफ-सफाई और कारों की धुलाई का काम करवाया जाने। पैसे देना भी बंद कर दिया गया। विरोध करने पर धमकी दी जाने लगी कि चोरी के आरोप में फंसा दिया जाएगा। बबलू ने पत्थरबाजी के लिए दबाव बनाने की बात को भी कहा है। ऐसा माहौल देखकर वह वहां पर अन्य लोगों के साथ मैं भी बहुत डर गया और घर वापस जाने की ठान ली। मेरठ के एडीजी प्रशांत कुमार, सहारनपुर के एसएसपी बबलू कुमार और बागपत के एसपी जयप्रकाश सिंह के मुताबिक कश्मीर से लौटे युवकों ने जो दावे किए हैं, उनकी जांच कराई जा रही है। जांच में जो सामने आएगा, उसी के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। कश्मीर में पत्थरबाजी से पश्चिमी यूपी के कथित कनेक्शन से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। बागपत और सहारनपुर से युवक कश्मीर के पुलवामा के लस्तीपुरा में सिलाई-कढ़ाई का काम करने गए थे। इनके मुताबिक, उनके मास्टर को 45,000 रुपये और बाकी युवकों को 20,000 रुपये महीना वेतन देना तय किया गया था। बागपत जिले की बड़ौत तहसील के गुराना रोड निवासी पीडि़त मास्टर नसीम और अंकित का दावा है कि वहां के बुरे हालात से निकलने के लिए उन्होंने एक स्थानीय व्यक्ति से कश्मीर से निकालने के लिए मदद मांगी जिसने बदले में दस हजार रुपए की मांग की। नसीम ने अपने घर से दस हजार रूपये मंगवाये और साथियों के साथ किसी तरह घर वापस पहुंचा। नसीम और उसके साथियों का दावा है कि उन्हें कश्मीर से धमकी भरे फोन मिल रहे है। ढिकाना में ताबड़तोड़ दबिश से पहले ही अंकित फरार कश्मीर में पत्थरबाजों की कैद से छूटकर साथियों के साथ भागे बड़ौत के नसीम से पूछताछ के लिए खुफिया एजेंसियां कोतवाली में डेरा डाले हुए हैं। पूछताछ बढ़ते ही नसीम ने बयान बदलना शुरू कर दिया है। उसने खुफिया एजेंसियों को बताया कि फैक्ट्री मालिक को फंसाने के लिए यह अफवाह फैलाई गई थी कि वह उस पर सेना पर पत्थरबाजी करने का दबाव बनाता था। पुलिस ने नसीम के घर छापेमारी कर उसके पासपोर्ट आदि जब्त कर लिए हैं। तीन दिन से कोतवाली में बैठा नसीम बेहद ही शातिर नजर आ रहा है। उसने पहले बयान दिया था कि वह छह साथियों के साथ कश्मीर के पुलवामा में सिलाई का काम करने एक फैक्ट्री में गया था, लेकिन फैक्ट्री मालिक आतंकवादियों से एनकाउंटर के दौरान उनसे सेना पर पत्थरबाजी करने का दबाव बनाता था। इस बयान पर बागपत से तक हड़कंप मच गया था। नसीम के साथ उसका परिवार भी था। दो महीने तक सब ठीक चलता रहा और पैसे भी वक्त पर मिले लेकिन उसके बाद एक दिन उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जो उसने सोचा भी नहीं था। सेना एक एनकाउंटर कर रही थी, नसीम को फिरन (कश्मीरी कपड़े) पहना कर वहां भेज दिया गया और बाकी कश्मीरियों के साथ पत्थरबाजी करने को कहा गया। नसीम ने इंकार कर दिया तो उसके साथ मारपीट की गई। नसीम ने बातें अपने साथियों और परिवार को बताईं। तय हुआ कि यहां से भाग कर वापस अपने शहर पहुंचा जाए, लेकिन सबसे बड़ी परेशानी पैसे की थी। नसीम के अपने परिवार से पैसे मंगाए और हवाई टिकट कराए। इसके बाद वह अपने सभी साथियों और परिवार को लेकर एयरपोर्ट पर पहुंचा। वहां से दिल्ली और फिर बड़ौत। घर पहुंच कर उसने पुलिस को पूरी बात बताई। पुलिस और स्थानीय खुफिया विभाग ने पूछताछ शुरू की तो वह बयान बदलने लगा। नसीम और सहारनपुर में पकड़े गए साथियों के बयान को देखकर खुफिया एजेंसियों ने बड़ौत कोतवाली में दिन भर डेरा डाले रखा और नसीम से गहनता से पूछताछ की। नसीम ने स्वयं पर शिकंजा कसते देखा तो कल उसने बयान बदलते हुए एजेंसियों के सामने दावा किया कि फैक्ट्री मालिक के मना करने के बावजूद ईद पर वह अपने साथियों के साथ घर आ गया तो फैक्ट्री मालिक ने उन पर 20 लाख रुपए का कपड़ा चोरी करने का आरोप लगा दिया, जिसके बाद उसने बागपत और सहारनपुर के साथियों को उस पत्थरबाजी के लिए दबाव बनाने का आरोप मढ़ दिया। नसीम के साथ कश्मीर से लौटा उसका साथी अंकित निवासी ढिकाना भी गायब हो गया है। एसपी जयप्रकाश ने बताया कि नसीम से पूछताछ जारी है। अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा गया है। वह दो बार विदेश में काम की तलाश में गया था।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बेरोजगारों को बढिय़ा रोजगार देने के नाम पर कश्मीर में पत्थरबाजी कराई गई है। कश्मीर में पत्थरबाजी का उत्तर प्रदेश से कनेक्शन सामने आया है। रोजगार की तलाश में पुलवामा गए प्रदेश के बागपत व सहारनपुर …

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पासपोर्ट विवाद में ट्विस्ट, अधिकारी ने कहा- नोएडा की महिला को लखनऊ से कैसे दे देता पासपोर्ट

सूबे की राजधानी लखनऊ में हाईप्रोफाइल पासपोर्ट मामले में नया ट्विस्ट आ गया है। नोएडा के निवासी हिंदू महिला तथा मुस्लिम पति को भले ही लखनऊ में पासपोर्ट दे दिया गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर अधिकारी विकास मिश्रा की ईमानदारी की मिसाल दी जा रही है। लखनऊ में नोएडा निवासी एक हिंदू-मुस्लिम दंपति को हाथों-हाथ पासपोर्ट मिल गया। इस मामले में पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारियों ने तुरंत दंपति का पासपोर्ट जारी किया और मीडिया के सामने आकर सफाई दी। इस बीच पासपोर्ट विभाग के जिस अधिकारी विकास मिश्रा पर बदसलूकी का आरोप लगा है, उन्होंने भी सफाई दी और कहा कि जो हो रहा है वो गलत हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमें धर्म से कोई मतलब नहीं, हमें तो पासपोर्ट के मैनुअल के मुताबिक फैसला लेना होता है, जिसमें आवेदक की जानकारी की कॉलम वाइज पुष्टि करनी होती है। उस फैसले के तहत निवेदक को अपना नाम स्पष्ट करना चाहिए था क्योंकि उस पर उनका पुराना नाम था। गलत पते पर लेना चाहती थीं पासपोर्ट सीनियर सुपरीटेंडेंट विकास मिश्रा ने कहा- मैंने नियम का पालन किया, हर नोटिस का जवाब दूंगा यह भी पढ़ें आरोपी अधिकारी ने कहा कि निवेदक नोएडा की रहने वाली थीं, उन्हें गाजियाबाद में अप्लाई करना चाहिए था। उन्होंने तथ्य को छिपाया और लखनऊ का पता दिखाकर पासपोर्ट लेने के लिए निवेदन किया जो कि गलत था। उन्होंने कई गलत जानकारी दी। विकास मिश्रा ने कहा कि आप हमारे पासपोर्ट के वेबसाइट पर मौजूद फॉर्म को देखेंगे तो पाएंगे कि वहां एक कॉलम है कि 'हैव यू एवर चेंज योर नेम' मतलब क्या आपने कभी अपने नाम में बदलाव किया है। तन्वी को कॉलम में हां करते हुए पुराना नाम देना चाहिए था। जैसे ही वो हां में जवाब देतीं तो सिस्टम से ऑटोमेटिक एक तहकीकात होती, जिसके बाद उनसे उनके पुराने नाम की मांग की जाती। सीएम योगी आदित्यनाथ दो को जाएंगे मॉरीशस, बनवाया डिप्लोमेटिक पासपोर्ट यह भी पढ़ें नाम शामिल नहीं करवाना चाहती थीं आवेदक महिला विकास मिश्रा ने नाम के सवाल पर कहा कि नाम पूछने पर दंपति ने निकाहनामा दिखाया जिसमें सादिया हसन नाम था लेकिन उस नाम को वो आवेदन पत्र में शामिल नहीं कराना चाहती थीं। इसके बाद मैंने उनसे आवेदन पत्र में नाम चढ़ाने के लिए आग्रह किया तो उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। इसके बाद हमने मामले को एपीओ अधिकारी के पास भेज दिया। उन्होंने दंपति से पूछा कि आप नोएडा में रहती हैं तो पता चढ़ाने के लिए क्यों मना कर रही हैं। दंपति ने वहां भी मना कर दिया। जिसके बाद एपीओ ने उनकी फाइल को यहां के पॉलिसी सेंटर भेज दिया। मैंने कोई भी अभद्र व्यवहार नहीं किया विकास मिश्रा ने कहा कि अभद्रता तथा चिल्लाने का आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि मैं उनके ऊपर नहीं चिल्लाया बल्कि वो यहां दफ्तर में चिल्ला रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने हमें धमकी भी दी कि हम सक्षम लोग हैं, हम पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज करवाएंगे। हम नोएडा में जरूर रहते हैं लेकिन हम लखनऊ के पते पर रिपोर्ट लिखवा लेंगे जिसके बाद आपको गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। ट्रांसफर तथा नोटिस जारी होने के बारे में उन्होंने कहा कि अगर कोई नोटिस मिली है तो हम उसका जवाब देंगे, ट्रांसफर की किसी कार्रवाई की जानकारी हमारे पास नहीं है। इस प्रकरण में जो भी हो रहा है वह गलत हो रहा है। सब कुछ नियम के खिलाफ विकास मिश्र ने भी अंतरजातीय विवाह किया है। विकास मिश्र ने कहा कि एक तो तन्वी का पता नोएडा का था। इस पर उनको गाजियाबाद पासपोर्ट सेवा केंद्र में अप्लाई करना चाहिए था। दूसरा पासपोर्ट मैन्यूअल 2016 के तहत यदि अंतरजातीय विवाह करने पर आवेदक को एक घोषणा पत्र पर केवल इतना लिखना होता है कि उसने जिससे शादी की है उसका नाम व पता यह है। पासपोर्ट एक्ट 1967 के तहत नाम बदलने पर पासपोर्ट के आवेदन में लगे एक बाक्स में सही का निशान लगाकर दूसरा नाम भी जोडऩा पड़ता है। यहां तक कि घर का नाम भी बताया जाता है। जिससे एक आदमी के अलग नाम से पासपोर्ट न बन सकें। तन्वी के पति का नाम मुस्लिम होने पर मैंने यहीं कहा था कि यदि अंतरजातीय विवाह हुआ है तो उनको दूसरा नाम बताना चाहिए। तन्वी ने निकाह के बाद धर्म परिवर्तन कर लिया था। उनका नाम निकाहनामा में सादिया असद था। ऐसे में नाम आवेदन पर बढ़ाने के लिए उनको एपीओ के पास भेजा था। यह भी कहा था कि मैं नियम नहीं तोड़ सकता। यदि एपीओ स्वीकृति दे देंगे तो मैं आपके आवेदन की प्रक्रिया को मंजूर कर लूंगा। पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने कहा कि इससे पहले विकास मिश्र के किसी और पासपोर्ट आवेदक के साथ अभद्रता करने की शिकायत नहीं मिली है। ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #ISupportVikasMishra लखनऊ में पासपोर्ट ऑफिस, रतन स्क्वायर में अधिकारी विकास मिश्रा को हिंदू-मुस्लिम कपल को धर्म के नाम पर अपमानित करने के कथित आरोप में गोरखपुर ट्रांसफर कर दिया गया। विकास मिश्रा का पक्ष मीडिया में आने के बाद सोशल मीडिया पर वे ट्रेंड होने लगे। विकास मिश्रा का पक्ष सामने आने पर उनके समर्थन में ट्विटर पर एक मुहिम छिड़ गई और हैशटैग #ISupportVikasMishra ट्रेंड होने लगा। ट्विटर पर कई नामी हस्तियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पीएमओ और विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए विकास के समर्थन में आवाज उठाया। किसी ने कहा कि अफसर अपनी ड्यूटी कर रहा था। किसी को पासपोर्ट जारी करने से पहले कई तरह की जांच की जाती है, ये उसी का हिस्सा है। ऐसे में अफसर पर की गई कार्रवाई सही नहीं है। वहीं, मामले पर लोकप्रिय गायिका मालिनी अवस्थी ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकारी नियम की एक प्रक्रिया है। पासपोर्ट के लिए तो और भी गहन गंभीर प्रक्रिया है। मामले की पूरी जांच बिना अफसर को हटाना ठीक नहीं। फिल्ममेकर अशोक पंडित ने लिखा कि विकास मिश्रा के पक्ष को भी सुनने की जरुरत है, जिसे मामले में पक्षकार बनाया गया है। वह अर्थपूर्ण सवाल उठा रहे हैं। एक ही महिला के दो नाम उपयोग करने पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें दस्तावेजों की जांच का पूरा हक है। हमें कैसे पता की तन्वी जो आरोप लगा रही हैं वह सही है। पासपोर्ट बनवाने के लिए वे झूठ भी बोल सकती हैं। इसके साथ ही ट्विटर पर लोगों ने विकास मिश्रा के तबादले और तन्वी को घंटे के भीतर बिना जांच के पासपोर्ट जारी करने पर भी सवाल उठाए।

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सहकारिता विभाग में हुई भर्तियों की एसआइटी जांच शुरू

समाजवादी पार्टी के शासनकाल में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के साथ ही अन्य आयोग ने भी भर्ती में घालमेल किया था। अब सहकारिता विभाग के अधीनस्थ संस्था में हुई सभी नियुक्तियों की विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने विधिवत जांच …

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