दीपावली के बाद से मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी है। तापमान में गिरावट के साथ ही धुएं व धूल के कण दृश्यता भी प्रभावित कर रहे हैैं। मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि हवा की रफ्तार बढऩे के बाद दृश्यता स्पष्ट होने लगेगी। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विभाग ने गुरुवार को अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री व न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम रहा। मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. नौशाद खान ने बताया कि चार नवंबर तक धुएं व धूल के कण छाए रहेंगे। उसके बाद हवा की रफ्तार तेज होने के साथ ही यह साफ होना शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर के बाद पारा तेजी से गिरने लगेगा, फिलहाल सुबह व शाम के वक्त तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। इस हफ्ते से रात में ठंड और बढ़ेगी।
सीएसए के पूर्व मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि यह गेहूं बुवाई का यह मुफीद समय है। गेहूं बुवाई के लिए वातावरण में नमी की मात्रा उपयुक्त है। अच्छी पैदावार के लिए नवंबर के पहले हफ्ते तक किसानों को बुवाई शुरू कर देनी चाहिए।