भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शंकर सनातन धर्म के तीन आधार स्तंभ हैं। इन तीनों के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों को लेकर विवाद है। मुसलमानों को चाहिए कि वह सांप्रदायिक सौहार्द का प्रदर्शन करते हुए तीनों मंदिरों से अपने अधिकार का दावा वापस लें। अगर ऐसा हुआ तो वह 300 मस्जिदें बनवाकर देंगे। यह कहना है कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर का।
मोतीझील में चल रही रामकथा के दौरान उन्होंने शुक्रवार को राम मंदिर के मुद्दे पर पत्रकारों से वार्ता की। कहा, कानून पर उन्हें भरोसा है लेकिन इससे भी अधिक भरोसा मुझे अपने राम पर है। अदालत राम मंदिर के पक्ष में ही निर्णय सुनाएगी। ङ्क्षहदुओं ने बड़ा दिल करते हुए बंटवारे के वक्त मुसलमानों को पाकिस्तान दिया था, अब बारी उनकी है। वह बड़ा दिल करें और अयोध्या, मथुरा और काशी से अपना दावा वापस ले लें। उन्होंने सरकार से मांग की कि बच्चे अभी सिंधु घाटी सभ्यता से इतिहास पढ़ते हैं। देश का इतिहास महज तीन हजार नहीं बल्कि कई हजार साल पुराना है।
बच्चों को कम से कम रामायण काल से देश का गौरवशाली इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए। राम मंदिर के खिलाफ फैसला आने पर क्या रणनीति होगी, इस सवाल पर कहा कि पहले तो ऐसा होगा नहीं, दूसरा यह फैसला साबित करेगा कि हम विश्व के सामने कैसी मिसाल पेश करने जा रहे हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की या एक बर्बर आक्रांता की। देवकी नंदन ठाकुर से पूछा गया कि क्या वह राम मंदिर मुद्दे के सहारे राजनीति में आना चाहते हैं तो उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि जो जिसका काम है, वही करे।
विकास का मार्गदर्शन सनातन धर्म की देन
सनातन धर्म के अनुयायियों ने देश को विनाश नहीं अपितु विकास का मार्ग दिखाया। सच्चाई व ईमानदारी से काम करते हुए प्रभु का मनन करना मानव को सनातन धर्म ने ही सिखाया। प्रभु के समक्ष मानव का सच्चे मन से किया गया संकल्प कभी अधूरा नहीं होता। ये बातें शुक्रवार को विश्व शांति सेवा समिति द्वारा मोतीझील मैदान में चल रही श्रीराम कथा में कथावाचक देवकी नंदन महाराज ने कहीं। महाराज ने श्रीराम कथा का पाठ करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम अकेले भारत के नहीं अपितु वे पूरी दुनिया को मानवता व सच्चाई का पाठ पढ़ाने वाले परमात्मा हैं। समस्त देशवासियों को अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की स्थापना के लिए ईश्वर का मनन करना चाहिए। इस अवसर पर सांसद सत्यदेव पचौरी, वीरेंद्र गुप्ता, विपिन बाजपेई, सतीश गुप्ता, शिव शरण वर्मा, राम गोपाल, सुरेंद्र नाथ, संजीत मंडल आदि उपस्थित रहे।