राजनीति

देखते जाइए, परिवारी पार्टियों के कुनबे में राजनीतिक घमासान का क्या होगा अंजाम

हरियाणा के चौटाला परिवार में मचे राजनीतिक घमासान के बीच परिवार आधारित राजनीतिक पार्टियों की लोकतंत्र में भूमिका और उनके भविष्य को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। हरियाणा के अलावा बिहार में लालू प्रसाद यादव के …

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अब CSR के नाम पर नहीं हो सकेगी धांधली, मोदी सरकार कर रही है कड़े नियमों की तैयारी

काश प्रियदर्शी, नई दिल्ली: कॉर्पोरेट मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी इस बात का संकेत दे रही है कि सीएसआर के नाम पर तमाम कंपनियों द्वारा किया जाने वाला फर्जीवाड़ा अब बीते दिनों की बात होने वाला है. मोदी सरकार सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक …

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#MeToo अभियान में फंसे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को अपना इस्तीफ़ा भी देना पड सकता है

#MeToo अभियान के तहत यौन शोषण के आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को इस्तीफा देना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में सरकार सख्त कदम उठा सकती है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रीपद के …

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राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के फ्रांस दौरे पर कसा तंज, साथ ही पीएम को बोला भ्रष्ट

देश में पिछले कई दिनों से राफेल विमान सौदे को लेकर चल रहे विवादों के बीच देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के फ़्रांस दौरे पर जाने को लेकर भी अब देश में राजनीति होनी शुरू हो गई है. इस मामले में …

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केजरीवाल का पीएम मोदी पर तंज- नीरव मोदी और माल्या से दोस्ती और हम पर छापेमारी

देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री कैलाश गहलोत से जुड़े परिसरों पर आज (बुधवार) को आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी के बाद से इस मामले में भी राजनैतिक बहसबाजी शुरू हो गई है. इस मामले में हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी को घेरते हुए उनपर तंज कैसे है . शिवराज पर AAP का आरोप, फर्जी तरीके से बाटें 2300 करोड़ के ठेके दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज इस मामले में अपने ट्वीटर अकाउंट से एक ट्वीट करते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है. अपने इस ट्वीट में केजरीवाल ने केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तंज कस्ते हुए सवाल किया है कि केंद्र सरकार नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों से दोस्तों जैसा व्यवहार करती है तो फिर हमारे साथ छापेमारी जैसी वारदात क्यों ? इतना ही नहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा है कि मोदी जी, आपने मुझ पर सत्येन्द्र पर और मनीष पर भी तो रेड करवाई थीं? उनका क्या हुआ? क्या उस रेड में आपको कुछ मिला? नहीं न, तो अगली रेड करने के पहले कम से कम दिल्ली की जनता से उनके द्वारा चुनी सरकार को निरंतर परेशान करने के लिए माफ़ी तो माँग लीजिए

देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री कैलाश गहलोत से जुड़े परिसरों पर आज (बुधवार) को आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी के बाद से इस मामले में भी राजनैतिक बहसबाजी शुरू हो गई है. इस …

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‘प्रोडक्ट पर स्थानीय भाषा में जानकारी दें एफएमसीजी कंपनियां’

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने एफएमसीजी सेक्टर की कंपनियों से हिंदी और स्थानीय भाषाओं में उत्पादों पर जानकारी छापने का आग्रह किया है। मंत्री का कहना है कि ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए कंपनियों को स्वत: इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में कंपनियों को उनके मंत्रालय के साथ मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए। उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'भारत में बहुत सी भाषाएं बोली जाती हैं। हम अकेले हिंदी को ही प्रोत्साहित नहीं कर सकते। उद्योग जगत को प्रोडक्ट की लेबलिंग के समय हिंदी और उस क्षेत्र में व्यापक रूप से बोली जाने वाली स्थानीय भाषाओं के प्रयोग की दिशा में बढ़ना चाहिए। चीन, जापान और यूरोपीय संघ के देशों में उत्पादों पर लेबल उनकी स्थानीय भाषाओं में लगा होता है। वहीं भारत में हम लगातार इसके लिए अंग्रेजी का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा लगता है, जैसे हमारे पास अपनी कोई भाषा है ही नहीं।' नवरात्रः पीएम मोदी का नौ दिनी उपवास शुरू, बराक ओबामा भी रह गए थे दंग यह भी पढ़ें केंद्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि पानी की बोतल पर हो सकता है कि सारी जानकारी हिंदी और स्थानीय भाषा में नहीं दे पाएं, लेकिन कम से कम ब्रांड का नाम इन भाषाओं में देना चाहिए। हालांकि मंत्री ने सरकार के स्तर पर ऐसी किसी व्यवस्था को अनिवार्य करने की संभावना से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को स्वैच्छिक रूप से यह व्यवस्था अपनानी चाहिए। पासवान ने कहा कि कंपनी की ओर से ग्राहकों को भेजे जाने वाले नोटिस भी स्थानीय भाषाओं में होने चाहिए। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर पासवान ने बताया कि उत्पादों की सुरक्षा व मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नया भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) कानून लाया गया है। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि उत्पादों की गुणवत्ता वैश्विक मानकों से कमतर नहीं हो।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने एफएमसीजी सेक्टर की कंपनियों से हिंदी और स्थानीय भाषाओं में उत्पादों पर जानकारी छापने का आग्रह किया है। मंत्री का कहना है कि ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए कंपनियों को …

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आम आदमी पार्टी ने इस युवा को बनाया सीएम पद का उम्मीदवार

छत्तीसगढ़ में चुनावी महासमर का बिगूल बज चुका है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही चुनाव की तारीखें तय हो चुकी हैं। अब राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इस सूची के साथ ही आम आदमी पार्टी ने कांकेर निवासी कोमल हुपेंडी को पार्टी की ओर से सीएम पद का उम्मीदवार बनाया है। 37 वर्षीय हुपेंडी मूल रूप से कांकेर जिले के मुंगवाल गांव के एक आदिवासी कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। : Advertisement: : Know More Powered By एमए तक शिक्षा हासिल कर चुके कोमल छत्तीसगढ़ राज्य सेवा के 2005 बैच अधिकारी रहे हैं। वे सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद पर साल 2016 तक कार्यरत रहे और फिर इन्होंने नौकरी छोड़कर राजनीति का रूख किया। कोमल ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनजीवन पर दो पुस्तकें भी लिखी हैं।

छत्तीसगढ़ में चुनावी महासमर का बिगूल बज चुका है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही चुनाव की तारीखें तय हो चुकी हैं। अब राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले आम आदमी …

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पहले चरण में जम्मू-कश्मीर में 11 जिलों में निकाय चुनावों के लिए मतदान संपन्न हुआ..

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में राज्य के 11 जिलों में स्थानीय निकाय चुनावों के प्रथम चरण का मतदान संपन्न हो गया है। पहले चरण में जम्मू नगर निगम के सभी 75 वाडों सहित कुल 422 वाडों के लिए हो रहे चुनाव …

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प्रधानमंत्री मोदी की सांपला रैली, भरेगी जाट आन्दोलन के जख्मों को….

हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा जाट आरक्षण आंदोलन के जख्मों को भरने की कवायद में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 9 अक्टूबर काे सांपला रैली जाटों के हरे जख्मों पर मरहम …

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बंदिशों में रहकर अब काम करेंगी इन 5 राज्‍यों की सरकारें, वजह बनी EC की घोषणा

पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के साथ ही इन राज्‍यों में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही राज्‍य में नेताओं समेत सरकारों पर कई तरह की पाबंदियां लागू हो जाएंगी। लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले यह विधानसभा चुनाव काफी अहम मानें जा रहे हैं। बहरहाल, हम सभी के लिए यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर चुनाव आचार संहिता क्‍या होती है और इसमें किस तरह की पाबंदियां सरकार, प्रशासन और नेताओं पर लागू होती हैं। चुनाव आचार संहिता का अर्थ चुनाव आचार संहिता का मतलब चुनाव आयोग के वे दिशा-निर्देश होते हैं जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। आयोग से उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है और उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। जांच में दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। पर्यवेक्षक रखेंगे नजर इस दौरान राजनीतिक दलों के आचरण और सभी क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है। इस दौरान मुख्यमंत्री या मंत्री न तो कोई घोषणा कर सकते हैं और न ही किसी तरह का शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन भी नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद सभी के लिए अलग-अलग नियम हैं। आईये अब इनसे जुड़े नियमों पर नजर डाल लेते हैं:- सामान्य नियम : 1- कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले। 2- राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत। 3- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। 4- मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि। 5- किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें। किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें। 6- राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों। मोदी और पुतिन के सामने बेटे को खड़ा देख रो पड़ी मां.. कहा हमारी हैसियत ही क्या यह भी पढ़ें राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम 1- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें। 2- सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें। 3- सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए। धमकी के बावजूद नक्सल प्रभावित कोंटा में बिखर रहा चुनावी रंग यह भी पढ़ें जुलूस संबंधी नियम 1- जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें। 2- जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो। 3- राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें। 4- जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए। 5- जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके। मतदान के दिन संबंधी नियम 1- मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं। कैंप पसाधारण होने चाहिए। 2- मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करना बेहद जरूरी है। अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दे। 3- मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो। 4- मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए। अजमेर से मोदी का करारा वार, कहा- विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा सकी कांग्रेस यह भी पढ़ें ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री-मंत्री 1- शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर) 2- विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति 3- परियोजना या योजना की आधारशिला 4- सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन बिहार में धन संकट झेल रही कांग्रेस, सूद के पैसे से किसी तरह चल रही गाड़ी यह भी पढ़ें अधिकारियों के लिए नियम 1- शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे। 2- मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे। 3- चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे। 4- जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे। 5- राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे। सत्ताधारी दल के लिए नियम 1- कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें। 2- मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें। 3- इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें। 4- सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो। हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं। 5- विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो। इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा। 6- सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।

पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के साथ ही इन राज्‍यों में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही राज्‍य में नेताओं समेत सरकारों पर कई तरह की पाबंदियां लागू …

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