अन्तर्राष्ट्रीय

चीन: सोशल क्रेडिट सिस्टम में 169 लोग फेल, ट्रेन-प्लेन में नहीं कर पाएंगे सफर

बहुचर्चित सोशल क्रेडिट सिस्टम के नियमों पर खरा ना उतरने के बाद चीन ने करीब 169 लोगों को ब्लैक लिस्ट किया है. अब इन सभी लोगों को देश में फ्लाइट या ट्रेन में सफर जैसी सुविधा प्राप्त नहीं हो पाएगी, इन सभी के नाम वेबसाइट पर सार्वजनिक भी कर दिए गए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी की पहचान को सार्वजनिक किया गया है. अगर आप सार्वजनिक स्थानों पर नियमों का उल्लंघन करते हैं, बैंकिंग लेन-देन में गड़बड़ी करते हैं या फिर सरकार के नियमों का भी उल्लंघन करते हैं तो सोशल क्रेडिट सिस्टम के तहत आपकी रेटिंग कम हो जाती है. जिसके बाद ये कड़ा फैसला लिया गया है. चीन ने 2013 में इस क्रेडिट सिस्टम की शुरुआत की थी, जल्द ही इसके तहत देश के सभी नागरिकों को लाया जाएगा. इस सिस्टम ने सरकार की ओर से कई जगह कैमरे और अन्य तरह के सॉफ्टवेयर इंस्टाल किए हुए हैं जो आपकी गतिविधियों पर नज़र रखते हैं. अभी इसमें 169 लोगों के नाम दिए गए हैं, बताया जा रहा है कि ये लिस्ट मासिक तौर पर अपडेट होगी. चीन में यह सिस्टम 2014 से काम कर रहा है, लेकिन 2020 तक इसके तहत पूरी जनसंख्या कवर हो जाएगी. वहीं खराब रेटिंग वालों को ब्लैकलिस्ट भी किया जा रहा है. अभी तक क्या हुआ असर... - अभी तक के आंकड़ों को मानें तो करीब 9 मिलियन (90 लाख) लोगों को खराब रेटिंग मिली है. इन्हें ये खराब रेटिंग उनके कोर्ट केस या डिफॉल्ट के आधार पर मिली है. खराब रेटिंग वालों के एअर टिकट लेने पर पाबंदी लगा दी गई है. - इसके अलावा करीब 3 मिलियन (30 लाख) लोगों को खराब क्रेडिट परफॉर्मेंस के आधार पर ही ट्रेन की टिकट लेने से भी बैन कर दिया गया.

बहुचर्चित सोशल क्रेडिट सिस्टम के नियमों पर खरा ना उतरने के बाद चीन ने करीब 169 लोगों को ब्लैक लिस्ट किया है. अब इन सभी लोगों को देश में फ्लाइट या ट्रेन में सफर जैसी सुविधा प्राप्त नहीं हो पाएगी, …

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पीएम मोदी के बयान से खुश है चीन, कहा- साथ काम करने को तैयार

पीएम नरेंद्र मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में चीन-भारत के संबंधों को लेकर कई सकारात्‍मक बातें कही थीं. अब चीन ने भी इन बातों का स्‍वागत किया है. पीएम मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में कहा था, 'भारत और चीन के साथ मिलकर काम करने से एशिया और दुनिया का भविष्‍य बेहतर होगा.' बता दें, पीएम के इस बयान का चीन ने स्‍वागत किया है और भारत के साथ काम करने की इच्छा भी जताई है. चीन के विदेश मंत्रायल के प्रवक्‍त ने कहा कि, 'हम ऐसी सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना करते हैं. दोनों देश अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर सकारात्‍मक हैं. चीन भारत के साथ काम करने को तैयार हैं.' गौरतलब है कि, पीएम मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में कहा था कि दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाले इन दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है. भारत और चीन आपस के मुद्दों को सुलझाने के लिए विचार कर रहे हैं. बता दें, अप्रैल के अखि‍री हफ्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय अनौपचारिक दौरे पर चीन गए थे. वहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ करीब नौ घंटे बिताए थे. इस बीच दोनों नेताओं ने एक साथ चाय की चुस्की ली और लंच किया. हालांकि इस मीटिंग में न तो कोई समझौता हुआ और न ही दोनों नेताओं ने ज्वॉइंट स्टेटमेंट जारी किया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में चीन-भारत के संबंधों को लेकर कई सकारात्‍मक बातें कही थीं. अब चीन ने भी इन बातों का स्‍वागत किया है. पीएम मोदी ने शांगरी-ला डायलॉग में कहा था, ‘भारत और चीन के साथ …

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ब्रिटेन: मस्जिद में लगाई आग, कुछ देर बाद गुरुद्वारे का दरवाजा फूंका

ब्रिटेन में एक गुरुद्वारे और मस्जिद में आग लगाई दी गई. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक बीस्टन में हार्डी स्ट्रीट पर ‘जामा मस्जिद अबू हूरैरा मॉस्क’ और लेडी पीट लेन पर ‘गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था गुरुद्वारे’ में आग लगा दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद के मुख्य गेट पर स्थानीय समयानुसार सुबह करीब तीन बजकर 45 मिनट पर आग लगा दी गई. इसके कुछ मिनट बाद ही गुरुद्वारे के दरवाजे पर आग लगा दी गई. ‘सिख प्रेस संघ’ ने बताया कि गुरुद्वारे के दरवाजे पर पेट्रोल से भरी बोतल में आग लगा दी गई, जिससे स्मोक अलार्म बज गया. इसके तुरंत बाद ही दमकल विभाग की गाड़ियों तथा पुलिस को बुलाया गया और आग पर काबू पा लिया गया. ‘लीड्स डिस्ट्रिक्ट सीआईडी’ के जासूस निरीक्षक रिचर्ड होम्स ने कहा कि हम दोनों घटनाओं के करीब स्थानों पर होने और लगभग एक समय पर हमला होने के चलते इन्हें जुड़ा हुआ मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि जांच अभी प्रांरभिक स्तर पर है, हमें यह भी लगता है कि धार्मिक स्थलों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया. हम आगजनी की दोनों घटनाओं को घृणा अपराध के तौर पर देख रहे हैं. होम्स ने कहा कि हम दोनों इलाकों की सीसीटीवी फुटेज की जांच सहित व्यापक स्तर पर पूछताछ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से हम इस प्रकृति के अपराधों की गंभीरता से जांच करते हैं. अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे.

ब्रिटेन में एक गुरुद्वारे और मस्जिद में आग लगाई दी गई. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक बीस्टन में हार्डी स्ट्रीट पर ‘जामा मस्जिद अबू हूरैरा मॉस्क’ और लेडी पीट लेन पर ‘गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था गुरुद्वारे’ में आग लगा दी …

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बपतिस्मा करवा रहे पादरी पर मगरमच्छ का हमला, हुई मौत

अफ्रीका में बपतिस्मा (ईसाई धर्म की दीक्षा के समय किया जाने वाला एक संस्कार) के दौरान एक अनहोनी घटना घट गई. झील के किनारे अपने शिष्यों के साथ खड़े पादरी पर मगरमच्छ ने अचानक हमला कर दिया, हमले में घायल हुए पादरी की मृत्यु मौके पर ही हो गई. यह घटना पूर्वी अफ्रीकन देश इथियोपिया की है. जहां पादरी दोशो एश्हेते अपने 80 भक्तों के साथ रविवार को अबाया झील के किनारे बपतिस्मा करा रहे थे. तभी झील से एक खूंखार मगरमच्छ ने अचानक उन पर हमला कर दिया. हमले की वजह से पादरीबुरी तरह घायल हो गए, जिस कारण मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई. हांलाकि, पादरी को बचाने के लिए स्थानीय मछुआरों ने भरपूर कोशिश की, लेकिन वो उनकी जान बचाने में नाकामयाब रहे. पादरी दोशो को मगरमच्छ ने पैरों, पीठ और हाथों पर बुरी तरह जख्मी कर दिया. जिस प्रजाति के मगरमच्छ ने पादरी पर हमला किया था, वह मगरमच्छ विश्व की सबसे लंबी नदी नील में पाया जाता है. इस प्रजाति के मगरमच्छ बड़े होने पर लगभग 20 फीट तक हो सकते है. यह अपने प्रजाति में सबसे खूंखार प्राणी भी माना जाता है.

अफ्रीका में बपतिस्मा (ईसाई धर्म की दीक्षा के समय किया जाने वाला एक संस्कार) के दौरान एक अनहोनी घटना घट गई. झील के किनारे अपने शिष्यों के साथ खड़े पादरी पर मगरमच्छ ने अचानक हमला कर दिया, हमले में घायल हुए पादरी …

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वैज्ञानिकों ने बनाई इंसानो जैसी ‘इलेक्‍ट्रानिक’ स्किन, जो बिना छुए एक दूसरे से कर सकती है कम्‍यूनीकेशन!

साउथ कोरिया के वैज्ञानिकों ने लैब में एक ऐसी इलेक्‍ट्रानिक स्किन बनाने का दावा किया है, जो नए जमाने के हाईटेक और सॉफ्ट रोबोट्स को पहनाई जाएगी। यह स्किन जैसा इलेक्‍ट्रानिक सिस्‍टम बहुत ही पतला, मुलायम, और काफी हल्‍का है। साथ ही एक स्किन वायरलेस तकनीक से कम्‍यूनीकेशन भी कर सकती है। यानि कि इस स्किन के द्वारा सॉफ्ट रोबोट्स को दूर से ही एक्‍टीवेट किया जा सकता है। नए जमाने के सॉफ्ट रोबोट्स को इंसानी लुक और फील देगी यह ई-स्किन साउथ कोरिया की सियोल नेशनल यूनीवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च के बाद इस ई-स्किन को विकसित किया है। वास्‍तव में यह स्किन जोड़े में विकसित की गई है। ताकि ये आपस में कम्‍यूनीकेशन कर सकें। इस ई-स्किन में इंसानी त्‍वचा की तरह लचीलापन मौजूद है। साथ ही इस पर प्रिंटिंग भी की जा सकती है। यानि कि इसके द्वारा रोबोट्स को बेहतरीन कपड़ों जैसा लुक भी दिया जा सकता है। हॉस्पिटल सरकारी, मरीजों की लाचारी प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर इंसानी अहसास और तकनीक का अनोखा संगम है ये ई-स्किन वैज्ञानिकों के मुताबिक सेंस्‍टीविटी के स्‍तर पर यह ई-स्किन बहुत हद तक इंसानों जैसी है, यानि कि कोई इसे छुए तो यह ई-स्किन महसूस कर सकती है। दूसरे तकनीकी स्‍तर पर यह और भी कमाल की है, क्‍योंकि इस ई-स्किन को छूकर संबधित रोबोट को एक्‍टीवेट किया जा सकता है। कहने का मतलब यह है कि अगर कोई उसे छुए तो रोबोट उसे एक्‍टीवेशन कमांड के रूप में एक्‍सेप्‍ट कर लेगा। यही नहीं रिसर्च टीम का कहना है कि इस ई-स्किन द्वारा एक साथ तमाम सॉफ्ट रोबोट्स को बिना कुछ कहे सिर्फ टच द्वारा या वायरलेस कमांड द्वारा भी एक्‍टीवेट किया जा सकता है। सच में आने वाले भविष्‍य में इस ई-स्किन से लैस इंसानी शक्‍ल सूरत वाले रोबोट बिना इंसानों की ही तरह छुने की भाषा भी समझ सकेंगे और बिना किसी वर्चुअल कमांड के भी अपने काम को अंजाम दे सकेंगे।

साउथ कोरिया के वैज्ञानिकों ने लैब में एक ऐसी इलेक्‍ट्रानिक स्किन बनाने का दावा किया है, जो नए जमाने के हाईटेक और सॉफ्ट रोबोट्स को पहनाई जाएगी। यह स्किन जैसा इलेक्‍ट्रानिक सिस्‍टम बहुत ही पतला, मुलायम, और काफी हल्‍का है। …

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दुनिया के पहले मिनी सैटेलाइट्स जोर शोर से चल पड़े मंगल की ओर!

सुदूर अंतरिक्ष में नासा के इनसाइट मार्सलैंडर की मॉनिटरिंग करने के लिए भेजे गए दुनिया के पहले मिनी सैटेलाइट्स सफलतापूर्वक मंगल यानी लाल ग्रह की ओर बढ़ रहे हैं। यह जानकारी नासा ने दी है। बता दें कि पिछले महीने …

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सिंगापुर में ट्रंप और किम की सुरक्षा करेंगे बहादुर गोरखा, दुनिया में 5 देशों के सुरक्षा बलों में हैं शामिल

जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन इस महीने सिंगापुर में मिलेंगे, तो उनकी रक्षा वहां स्थित गोरखा टुकड़ी करेगी। वे वहां खुखरी और असाॅल्ट राइफल्स के साथ तैनात होंगे। बता दें कि नेपाली गोरखाओं को दुनिया का सबसे बहादुर योद्धा माना जाता है। राजनयिकों के मुताबिक, वैसे तो दोनों नेता अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा टीम लाएंगे, लेकिन गोरखा टुकड़ी और स्थानीय पुलिस शिखर सम्मेलन, सड़कों और होटलों की सुरक्षा में तैनात होगी। बता दें कि इससे पहले गोरखाओं को इस सप्ताह की शुरुआत में शांगरी-ला होटल की सुरक्षा में तैनात देखा गया था, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमरीकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और अन्य क्षेत्रीय मंत्री मौजूद थे। पारंपरिक हथियार है खुखरी सिंगापुर पुलिस द्वारा चुने गए गोरखा बटालियन बेल्जियम में बनी हुई एफएन एससीएआर राइफल और पिस्टल जैसे आधुनिक हथियारों से लैस है। लेकिन इन सभी हथियारों के बावजूद गोरखा अपने साथ खुखरी जरूर रखते हैं। दरअसल, ये उनका पारंपरिक हथियार है और उनका मानना है कि जब भी खुखरी म्यान से बाहर आती है तो इसे किसी न किसी का खून ज़रूर चाहिए होता है। सिंगापुर आर्म्ड फोर्सेस के एक्सपर्ट टिम हक्सले ने कहा। 'गोरखा लोग स्पेशल ऑपरेशन के लिए ट्रेंड होते हैं, इसलिए उन्हें इस हाई लेबल मीटिंग के लिए तैनात किया जाएगा।  सिंगापुर मलेशिया बॉर्डर पर काम देखा गया हक्सले ने बताया कि गोरखा सिंगापुर पुलिस के लिए काफी महत्त्वपूर्ण हैं। कई तनावभरी स्थितियों में गोरखाओं ने सिंगापुर की रक्षा की है और सिंगापुर मलेशिया बॉर्डर पर भी इनका जबरदस्त काम देखा गया है। हालांकि सिंगापुर पुलिस के प्रवक्ता ने इसको लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। पारंपरिक रूप से गोरखा लोगों को सेना में ब्रिटिश द्वारा भर्ती किया जाता था। इस समय गोरखा भारत, नेपाल, ब्रिटिश, ब्रुनेई, और सिंगापुर की सशस्‍त्र बलों में काम करते हैं। भारत और ब्रिटेन की सेना में गोरखा टुकड़ी है जबक‍ि स‍िंगाुर और ब्रुनेई की पुल‍िस में गोरखा शाम‍िल हैं। गोरखा मूल रूप से नेपाल के हैं इसल‍िए इनकी यहां के सेना और पुल‍िस दोनों में मौजूदगी है। इन लोगों ने विश्व युद्ध से लेकर फाॅकलैंड आइलैंड के साथ साथ हाल ही में अफगानिस्तान में भी युद्ध लड़ा है।

जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन इस महीने सिंगापुर में मिलेंगे, तो उनकी रक्षा वहां स्थित गोरखा टुकड़ी करेगी। वे वहां खुखरी और असाॅल्ट राइफल्स के साथ तैनात होंगे। बता दें कि नेपाली गोरखाओं को दुनिया …

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भ्रष्टाचार के मामले में मलेशिया के पूर्व पीएम नजीब की पत्नी से तीन घंटे पूछताछ

 मलेशिया में अरबों डॉलर के हुए घोटाले की जांच पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की पत्नी रोसमा मंसूर तक पहुंच गई है। देश की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने सरकारी वित्त कोष 1मलेशिया डेवलपमेंट बिरहाद (1एमडीबी) में अरबों डॉलर के घोटाला मामले में उनसे सोमवार को तीन घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की। बता दें कि साल 2009 से पिछले माह तक मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे नजीब पर अरबों डॉलर के घोटाले का आरोप है। इन घोटालों के चलते ही उन्हें पिछले महीने हुए आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। नोटों से भरे कई बैग, आभूषण और महंगे हैंडबैग बरामद हुए इसके बाद 92 वर्षीय महातिर मुहम्मद देश के प्रधानमंत्री बने। नई सरकार ने घोटालों की जांच के आदेश दिए। इस कड़ी में नजीब के घर पर छापे मारे गए जिसमें नोटों से भरे कई बैग, आभूषण और महंगे हैंडबैग बरामद हुए थे। रोसमा महंगे हैंडबैग की शौकीन हैं। वह लक्जरी शॉपिंग के लिए विदेश दौरे पर जाने के लिए जानी जाती हैं। वह नजीब की दूसरी पत्नी हैं। 66 वर्षीय रोसमा तीन गाडि़यों के काफिले के साथ भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी के मुख्यालय पर पहुंचीं।  नजीब रजाक से भी इस मामले में पूछताछ की थी पूछताछ पूरी होने के बाद उनके वकीलों ने बताया कि जांचकर्ताओं ने तीन घंटे तक चली पूछताछ के दौरान उनके बयान दर्ज किए। इसके पहले मलेशिया भ्रष्टाचार रोधी आयोग के खुफिया निदेशक अब्दुल रजाक ने कहा था कि रोसमा से उनके बैंक खातों और नकदी के स्रोतों के बारे में पूछताछ की जाएगी। बता दें कि इससे पहले मलेशिया की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक से भी इस मामले में पूछताछ की थी। नजीब से पूछताछ के लिए मलेशिया भ्रष्टाचार रोधी कमीशन (एमएसीसी) ने उन्हें पुत्रजया शहर स्थित अपने मुख्यालय पर बुलाया था।  शुकरी अब्दुल के निगरानी में इस घोटाले की जांच गौरतलब है कि एमएसीसी के प्रमुख शुकरी अब्दुल के निगरानी में इस घोटाले की जांच चल रही है और शुकरी मलेशिया में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रवैया के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है कि मलेशिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री मुहम्मद महातिर ने उन्हें दोबारा इस भ्रष्टाचार की जांच का जिम्मा सौंपा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुकरी 2015 में उस टीम के भी सदस्य रह चुके हैं, जो नजीब के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कर रही थी। शुकरी ने मीडिया को बताया कि जब नजीब देश में प्रधानमंत्री के रूप में काम कर रहे थे तब उन्होंने अपने खिलाफ जांच को प्रभावित करने की पूरी कोशिश की, उनके टीम पर कई तरह से दबाव डाला। उनका उत्पीड़न तक किया गया। उन्होंने बताया कि उस वक्त उनके चश्मदीद गवाह को भी अगवा कर लिया गया। भारी दबाव को देखने के बाद शुकरी ने 2016 में सेवानिवृत्त होने का निर्णय लिया था।

 मलेशिया में अरबों डॉलर के हुए घोटाले की जांच पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की पत्नी रोसमा मंसूर तक पहुंच गई है। देश की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने सरकारी वित्त कोष 1मलेशिया डेवलपमेंट बिरहाद (1एमडीबी) में अरबों डॉलर के घोटाला मामले में …

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यूएस आर्मी सोल्जर्स को मिलने वाला है तीसरा हाथ! इससे कई गुना बढ़ जाएगी उनकी ताकत

अमरीकी सेना द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक वीडियो फुटेज में एक सैनिक भारी भरकम मशीन गन लेकर शूटिंग की प्रैक्टिस कर रहा है इस दौरान उसकी कमर पर एक तीसरा हाथ इस मशीन गन को सपोर्ट दे रहा है इसे देखकर ऐसा लगता है कि वह कोई एलियन है लेकिन सच तो यह है कि यूएस आर्मी अपने सैनिकों की क्षमता को बढ़ाने और सटीक निशाना लगाने के लिए उन्हें एक तीसरा हाथ देने का मन बना रही है। इसके लिए टेस्टिंग का दौर जारी है। यूएस आर्मी न्‍यूज सर्विस की वेबसाइट के मुताबिक इस तीसरे हाथ को नाम दिया गया है 'थर्ड आर्म'। इसका वजन 4 पाउंड से ज्यादा नहीं है लेकिन सैनिक की कमर पर फिट किया गया यह आर्म सैनिक द्वारा पकड़ी जाने वाली किसी भी भारी मशीन गन का ज्यादातर वजन खुद उठा लेता है। भारत सीमा पर आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस से लैस सैनिक तैनात कर रहा चीन, जानें अमेरिका ने क्‍यों छोड़ी यह तकनीक भविष्‍य में सोल्‍जर्स की क्षमताएं बढ़ाने में होगी मददगार डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक यूएस आर्मी में सैनिकों द्वारा उठाए जाने वाली कई मशीनगनों का वजन 27 पाउंड तक है ऐसे में यह 'थर्ड आर्म' उन मशीनगनों का वजन उठाने में सैनिकों को अच्छा सपोर्ट दे रहा है। आर्मी ने बताया है कि यूएस सोल्जर्स पर टेस्ट किए जा रहे हैं इस 'थर्ड आर्म' में बैटरी की जरूरत नहीं है और यह हैवी वेपन का वजन उठाने में सैनिक की काफी मदद कर रहा है। इस 'थर्ड आर्म' के बारे में मेकेनिकल इंजीनियर डैम बैकले कहते हैं कि टेस्टिंग के दौरान हमने तमाम सैनिकों से बात की और उनके अनुभव को जाना सैनिकों ने कहा कि यह 'थर्ड आर्म' इस्तेमाल में दिक्कत बन रहा है उनके हाथों की मूवमेंट को रोक रहा है इसके बाद इस आर्म की शिकायतों को दूर कर लिया गया। जयपुर का युवक अमेरिकी सेना में, एक साल की सैलरी 1.2 करोड़ रुपये डेलीमेल ने लिखा है कि वास्तव में यूएस आर्मी अपने सैनिकों को आयरन मैन की तरह भविष्य की नई फिजिकल पावर देना चाहते है। इसमें सैनिकों के पैर पर एक फ्रेम बंधा होगा और उसकी एक बेल्ट सैनिक की कमर पर फिट होगी। यूएस आर्मी बैटरी, कंप्यूटर और मोटर की मदद से सैनिकों की पावर बढ़ाना चाहती है, ताकि उसके सैनिक आसानी से हैवी वेपंस को हैंडल कर सकें और दुश्मनों पर सटीक गोलीबारी कर सकें। बता दें कि अभी यूएस आर्मी द्वारा टेस्ट किया जा रहा यह 'थर्ड आर्म' पूरी तरह ट्रायल फेस में है और सैनिकों के हाथों में आने में इसे अभी लंबा वक्त लग सकता है।

अमरीकी सेना द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक वीडियो फुटेज में एक सैनिक भारी भरकम मशीन गन लेकर शूटिंग की प्रैक्टिस कर रहा है इस दौरान उसकी कमर पर एक तीसरा हाथ इस मशीन गन को सपोर्ट दे …

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पाकिस्तानी सेना ने दी गीदड़ भभकी, परमाणु संपन्न देश होने का भरा दंभ

पाकिस्तान ने एक बार फिर जहरीली जुबान का इस्तेमाल किया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान भी परमाणु संपन्न देश है, इसलिए भारत को समझना होगा कि वो कहां जाना चाहता है. …

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