कारोबार

आज 15 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल पर 14वें दिन इतनी मिली राहत

पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार 14वें दिन भी कटौती हुई है. मंगलवार को पेट्रोल जहां 15 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. वहीं, डीजल की कीमत 11 पैसे प्रति लीटर कम हुई हैं. इंडियन ऑयल कंपनी के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 76.43 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं, मुंबई की बात करें,  तो यहां अब पेट्रोल 85 के नीचे आ गया है. मंगलवार को यहां एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 84.26 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता में 84.26 और चेन्नई में इसकी कीमत 79.33  प्रति लीटर है. डीजल की बात करें, तो यह दिल्ली में आज 67.85 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं, मुंबई की बात करें, तो यहां पर आपको  72.24 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता में 70.40 और चेन्नई में 71.62 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. पेट्रोल की कीमत में 29 मई से मंगलवार तक दिल्ली में 2 रुपये की कटौती हुई है. कोलकाता में यह 1.96 रुपये प्रति लीटर कीमतें कम हुई हैं. मुंबई में 1.98 और चेन्नई में 2.1 रुपये प्रति लीटर की कटौती अब तक हुई है. डीजल भी इस दौरान दिल्ली में 1.46 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है. मुंबई में यह 1.55 प्रति लीटर और कोलकाता में 1.46 और चेन्नई में यह 1.56 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों में राहत मिलने से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी नीचे आई हैं. इससे आम आदमी को हर दिन थोड़ी-थोड़ी राहत मिली है.

पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार 14वें दिन भी कटौती हुई है. मंगलवार को पेट्रोल जहां 15 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. वहीं, डीजल की कीमत 11 पैसे प्रति लीटर कम हुई हैं. इंडियन ऑयल कंपनी के मुताबिक …

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खत्म हो सकती है डायनैमिक फेयर की व्यवस्था, सरकार ने दिए संकेत

राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस से सफर करने वाले लोगों को जल्द ही डायनैमिक फेयर की व्यवस्था से राहत मिल सकती है. सरकार ने कहा है कि वह इस व्यवस्था को लेकर विचार कर रही है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में पिछले 4 साल के दौरान भारतीय रेलवे की उपलब्ध‍ियां गिनाईं. इस दौरान उन्होंने कुछ ट्रेनों में डायनैमिक फेयर सिस्टम को खत्म करने के संकेत भी दिए. उन्होंने कहा, ''सरकार कुछ ट्रेनों में शुरू की गई डायनैमिक  फेयर की व्यवस्था को लेकर फिर से विचार कर रही है. एक समिति की सिफारिशों के आधार पर इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.'' उन्होंने बताया कि फिलहाल कमिटी की तरफ से दिए गए सुझावों पर विचार-विमर्श चल रहा है. क्या है डायनैमिक फेयर डायनैमिक फेयर अथवा फ्लेक्सी फेयर की व्यवस्था भारतीय रेल ने 2016 में शुरू की थी. यह व्यवस्था फिलहाल दुरंतो, राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस में लागू है. इस व्यवस्था के तहत मांग के आधार पर टिकटों का बेस फेयर तय किया जाता है. इसके तहत टिकटों की डिमांड जितनी ज्यादा होगी, उतना ही महंगा उसका टिकट मिलेगा. किसको फायदा होगा? अगर सरकार डायनैमिक फेयर की व्यवस्था को खत्म करने का फैसला लेती है, तो इससे सभी लोगों को एक ही बेस प्राइस पर टिकट मिलेगा. इससे लोगों को डिमांड बढ़ने पर ज्यादा कीमत ट‍िकट के लिए नहीं चुकानी पड़ेगी. बता दें कि रेल मंत्री पीयषू गोयल ने सोमवार को दो नये ऐप लॉन्च किए हैं. इसमें एक रेल मदद और दूसरा, 'मेन्यू ऑन रेल्स' है. रेल मदद ऐप के जरिये आप रेलवे से संबंध‍ित किसी भी मामले की श‍िकायत कर सकते हैं. वहीं, 'मेन्यू ऑन रेल्स' के जरिये आप खाना ऑर्डर कर सकेंगे.

राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस से सफर करने वाले लोगों को जल्द ही डायनैमिक फेयर की व्यवस्था से राहत मिल सकती है. सरकार ने कहा है कि वह इस व्यवस्था को लेकर विचार कर रही है. रेल मंत्री पीयूष गोयल …

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सेंसेक्स 39 अंक बढ़कर 35483 के स्तर पर, फार्मा शेयर्स में हुई खरीदारी

सोमवार के सत्र में भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 39.80 अंक की बढ़त के साथ 35483 के स्तर पर और निफ्टी 19.30 अंक की बढ़त के साथ 10786 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। नेश्नल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स 0.03 फीसद की कमजोरी और स्मॉलकैप 0.20 फीसद की बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। फार्मा शेयर्स में खरीदारी सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो मेटल और रियल्टी को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर बंद हुए हैं। बैंक (0.01 फीसद), ऑटो (0.12 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.10 फीसद), एफएमसीजी (0.32 फीसद), आईटी (0.04 फीसद) और फार्मा (0.50 फीसद) की बढ़त देखने को मिली है। भारतीएयरटेल टॉप गेनर सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो 33 हरे निशान में और 17 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी भारतीएयरटेल, बजाज फाइनेंस, ग्रासिम, अल्ट्रा सीमेंट और जील के शेयर्स में हुई है। वहीं, गिरावट टाटा स्टील, यूपीएल, एचसीएलटेक, पावरग्रिड और आईओसी के शेयर्स में हुई है। शुरुआती मिनटों में भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत बढ़त के साथ देखने को मिली है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 144 अंक चढ़कर 35588 के स्तर पर और निफ्टी 39 अंक की बढ़त के साथ 10807 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स में 0.43 फीसद और स्मॉलकैप में 0.54 फीसद की बढ़त देखने को मिल रही है। रियल्टी शेयर्स में खरीदारी सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी रियल्टी शेयर्स में देखने को मिल रही है। वहीं, बैंक (0.24 फीसद), ऑटो (0.13 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.12 फीसद), एफएमसीजी (0.30 फीसद), आईटी (0.57 फीसद), मेटल (0.70 फीसद) और फार्मा (0.65 फीसद) में बढ़त देखने को मिल रही है। वैश्विक बाजारों का हाल सोमवार के कारोबार में शांघाई एक्सचेंज को छोड़कर सभी एशियाई बाजार हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं। करीब साढ़े आठ बजे जापान का निक्केई 0.30 फीसद की तेजी के साथ 22762, चीन का शांघाई 0.47 फीसद की गिरावट के साथ 3052 और हैंगसेंग 0.24 फीसद की तेजी के साथ 31033 पर एवं ताइवान का कोस्पी 0.34 फीसद की तेजी के साथ 2459 पर कारोबार करते देखे गए। अगर अमेरिकी बाजारों की बात करें तो बीते दिन डाओ जोंस 0.30 फीसद की तेजी के साथ 25316, स्टैंडर्ड एंड पुअर 0.31 फीसद की तेजी के साथ 2779, नैस्डैक 0.14 फीसद की तेजी से साथ 7645 पर बंद हुए हैं। सनफार्मा टॉप गेनर निफ्टी में शुमार शेयर्स की बात करें तो 40 हरे निशान और 10 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी सनफार्मा, ल्यूपिन, डॉ रेड्डी, सिप्ला और गेल के शेयर्स में है। वहीं, गिरावट हिंडाल्को, पावरग्रिड, एचडीएफसी, बीपीसीएल और हिंदपेट्रो के शेयर्स में है।

सोमवार के सत्र में भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 39.80 अंक की बढ़त के साथ 35483 के स्तर पर और निफ्टी 19.30 अंक की बढ़त के साथ 10786 के स्तर …

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घोटालों, एनपीए से हलकान सार्वजनिक बैंकों को 87 हजार करोड़ रुपये का घाटा

वित्त वर्ष 2018 में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 87,370 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है. घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा घाटा हुआ है. कुल 21 सार्वजनिक बैंकों में से सिर्फ दो इंडियन बैंक और विजया बैंक ही वित्त वर्ष 2017-18 में मुनाफा कमा सके हैं. भारतीय बैंकिंग सेक्टर एनपीए, घोटालों और जालसाजी जैसे मर्ज से हलकान है. 2017-18 में इंडियन बैंक ने 1,259 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाया है और विजया बैंक को 727 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. इस तरह नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा करीब 13,600 करोड़ रुपये के घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक को 2017-18 में 12,283 करोड़ रुपये का भारी घाटा हआ है. इसके बाद आईडीबीआई बैंक को 8,237.93 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इसके पिछले वित्त वर्ष में भी इस बैंक को 5,158.14 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई को भी इस दौरान 6,547.45 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. हालांकि उसका घाटा पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम हुआ है. 2016-17 में एसबीआई को 10,484 करोड़ रुपये का घाटा हआ था. 8 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ एनपीए दिसंबर 2017 तक के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय बैंकिंग सेक्टर का एनपीए बढ़कर 8.31 लाख करोड़ रुपये हो गया है. कमजोर वित्तीय आंकड़ों की वजह से ही सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों को रिजर्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) ढांचे के तहत लाना पड़ा है. इसके तहत बैंकों द्वारा और लोन देने तथा विस्तार करने पर कई तरह के अंकुश लगाए जाते हैं.

वित्त वर्ष 2018 में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 87,370 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है. घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा घाटा हुआ है. कुल 21 सार्वजनिक बैंकों में से सिर्फ दो इंडियन …

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विप्रो बोर्ड में शामिल होने वाले तार‍िक प्रेमजी कॉल सेंटर में कर चुके हैं काम

देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स अजीम प्रेमजी के छोटे बेटे तारिक प्रेमजी अब विप्रो एंटरप्राइजेस से जुड़ गए हैं. उन्हें नॉन-एग्जीक्यूट‍िव डायरेक्टर के तौर पर बोर्ड में शामिल किया गया है. वह पिछले हफ्ते ही विप्रो बोर्ड से जुड़े हैं.अपने पिता अजीम प्रेमजी की तरह ही तारिक प्रेमजी भी लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करते हैं. तार‍िक प्रेमजी विप्रो एंटरप्राइजेस से जुड़ने से पहले विप्रो ग्रुप के दो एनजीओ अजीम प्रेमजी फि‍लैंथेरिपिक इनिश‍िएटिव्स और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के साथ मिलकर काम कर चुके हैं. तारिक ने बेंगलुरु के सेंट जोसेफ कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने कॉल सेंटर में भी काम किया. उसके बाद वह प्रेमजी इन्वेस्ट से जुड़े. बता दें कि पिछले शुक्रवार को ही कंपनी ने तार‍िक को बोर्ड मेंबर बनाने की घोषणा की थी. बता दें कि अजीम प्रेमजी देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स हैं. फोर्ब्स के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 17.2 अरब डॉलर (करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये) है. अजीम प्रेमजी ने भी फैमिली बिजनेस संभालने के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी. वह स्टैनफर्ड यूनिवर्स‍िटी में पढ़ते थे. उन्होंने 1966 में फैम‍िली का कुक‍िंग बिजनेस संभाने के लिए कॉलेज छोड़ा था.

देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स अजीम प्रेमजी के छोटे बेटे तारिक प्रेमजी अब विप्रो एंटरप्राइजेस से जुड़ गए हैं. उन्हें नॉन-एग्जीक्यूट‍िव डायरेक्टर के तौर पर बोर्ड में शामिल किया गया है. वह पिछले हफ्ते ही विप्रो बोर्ड से जुड़े …

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वीडियोकॉन लोन विवाद: चंदा कोचर के ख‍िलाफ अमेरिकी बाजार नियामक ने भी शुरू की जांच

वीड‍ियोकॉन लोन विवाद में फंसी आईसीआईसीआई बैंक और इसकी प्रमुख चंदा कोचर की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सीबीआई और मार्केट रेग्युलेटर सेबी के जांच शुरू करने के बाद अब अमेरिका मार्केट रेग्युलेटर भी इस मामले में कूद गया है. इसी बीच, देश में इस मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी सीबीआई भी विदेशी जांच एजेंसियों से भी सहयोग मांगने की तैयारी कर रही है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अमेरिका का मार्केट रेग्युलेटर स‍िक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) इस मामले पर करीब से नजर बनाए हुए है. सूत्रों के मुताबिक एसईसी इस मामले में चंदा कोचर पर लगे अनियमितता बरतने के आरोपों की जांच कर रहा है. एसईसी इस मामले में मार्केट रेग्युलेटर सेबी से भी जानकारी मांगने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक अमेरिकी शेयर बाजार में भी लिस्टेड है. सेबी इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है. सेबी भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच में जुटा हुआ है. अमेरिकी मार्केट रेग्युलेटर के जांच शुरू करने की खबर आने के बाद बैंक के शेयरों में गिरावट नजर आ रही है. सेंसेक्स पर बैंक के शेयर 0.12 फीसदी की कटौती के साथ कारोबार कर रहे हैं. पिछले हफ्ते ऐसी रिपोर्ट आई थी कि आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने सेबी से इस मामले में जवाब देने के लिए और समय मांगा है. बताया गया है कि इस मामले में बैंक ने बाजार नियामक को लिखा है. इसमें सेबी से पूछा गया है कि आख‍िर बैंक और चंदा कोचर को किन आरोपों के आधार पर यह नोटिस जारी किया गया है

वीड‍ियोकॉन लोन विवाद में फंसी आईसीआईसीआई बैंक और इसकी प्रमुख चंदा कोचर की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सीबीआई और मार्केट रेग्युलेटर सेबी के जांच शुरू करने के बाद अब अमेरिका मार्केट रेग्युलेटर भी इस मामले …

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Exclusive: OLX पर इंडियन आर्मी और CISF के नाम पर ठगे जा रहे हैं लोग

आपने फ़ेमस जिंगल ‘OLX करो, आगे बढ़ो’ तो सुना ही होगा. ज्यादातर लोग ज़रूरत का सामान खरीदने या अपना पुराना सामान बेचने के लिए OLX करते हैं. तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस पोर्टल का इस्तेमाल लोगों को …

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उम्र कुछ भी हो, कम निवेश में ये हैं करोड़पति बनने के तीन तरीके

हर कोई अमीर बनना चाहता है. हर किसी की जिंदगी में एक लक्ष्य होता है कि दिन-रात मेहनत करके वो जो कमाता है, सभी खर्चे के बाद जो पैसे बचते हैं उससे ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सके. इस लक्ष्य …

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चार साल बाद RBI ने इन मजबूरियों के चलते बढ़ाया रेपो रेट

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है और इसके चलते भारत में महंगाई बेलगाम होती दिखाई दे रही है. इसी एक संकेत को आधार मानते हुए केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया. रेपो रेट में इस इजाफे पर रिजर्व बैंक गवर्नर समेत समिति के सभी 6 सदस्यों की मुहर लगी. यानी आरबीआई समिति का मानना है कि मौजूदा समय में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियों को देखते हुए यह कदम उठाया जाना जरूरी था. हालांकि रिजर्व बैंक के इस फैसले ने बाजार को चौंकाने का काम किया क्योंकि लंबे समय से बाजार को सस्ते ब्याज दरों की उम्मीद बंधी हुई थी जिससे देश में कारोबारी तेजी का रास्ता साफ किया जा सके. जानें रिजर्व बैंक की तीन दिन तक चली बैठक के बाद कैसा बताया गया देश और दुनिया का आर्थिक स्वास्थः- विकसित अर्थव्यवस्थाओं से खराब संकेत अप्रैल में रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा से लेकर जून समीक्षा तक वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में विस्तार जारी है हालांकि इस विस्तार की रफ्तार प्रभावित हुई है और यह पहले से कमजोर पड़ी है. विकसित अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका में नरम निजी खर्च और हाउसिंग सेक्टर में कम निवेश के चलते साल की शुरुआत कमजोर रही है. हालांकि माना जा रहा है कि रोजगार और रिटेल सेल के आंकड़ों में सुधार के चलते अमेरिका में स्थिति अच्छी हो सकती है. वहीं मौजूदा साल में यूरो क्षेत्र का प्रदर्शन खराब रहा है. यूरो क्षेत्र में कमजोर उत्पादन आंकड़े और खराब होती कारोबारी भावना आने वाले दिनों में परेशानी का सबब बन सकती है. इनके अलावा, जापान में पहली तिमाही के दौरान आर्थिक सिकुड़न दर्ज हुई है हालांकि दूसरी तिमाही में सुधार की संभावना है. उभरती अर्थव्यवस्थाओं से मिला-जुला संकेत प्रमुख उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में आर्थिक गतिविधि काफी लचीली रही हैं. चीनी अर्थव्यवस्था ने पहली तिमाही में मजबूत गति कायम रखी. औद्योगिक उत्पादन पर हाल ही के आंकड़े और पीएमआई दर्शाता है कि दूसरी तिमाही में वृद्धि के स्थिर रहने की संभावना है. वहीं रूसी अर्थव्यवस्था में वर्ष 2017 के अंत में नरमी के बाद आने वाले सालों में बढ़ोतरी की संभावना है. दोनों विनिर्माण और सेवाओं के पीएमआई में अप्रैल में बढोतरी हुई. दक्षिण अफ्रीका में, राजनीतिक स्थिरता आने से वृद्धि संभावनाओं में सुधार हुआ है. ऐसा उपभोक्ता विश्वास, विनिर्माण पीएमआई और खुदरा बिक्री के आंकड़ों से दिखाई दे रहा है. इसके विपरीत, ब्राजील से उच्च बेरोजगारी और नरम औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़े दर्शाते हैं कि मंदी का प्रभाव बना हुआ है. भौगोलिक-राजनीतिक तनाव से अनिश्चितता का माहौल वैश्विक व्यापार वृद्धि में मजबूती बनी हुई है, हालांकि भौगोलिक-राजनीतिक तनाव से हाल ही में निर्यात आदेशों और हवाई माल भाड़े में गिरावट आई है. बढ़े हुए भौगोलिक-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतें 24 मई तक तेजी से बढ़ी किंतु इसके बाद पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस द्वारा आपूर्ति को सहज करने की संभावनाओं से कीमतों में नरमी आई. रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण मूल धातु विशेषकर एल्यूमिनियम की कीमतें बढ़ गई. मजबूत डॉलर के कारण स्वर्ण ने बिक्री दबाव देखा है हालांकि पिछले सप्ताह में यूरो क्षेत्र में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण इस धातु में सुधार हुआ. इन कारणों से दुनिया की कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सामने महंगाई का खतरा खड़ा हो गया है. घरेलू अर्थव्यवस्था में जीडीपी रफ्तार संभालने की कवायद घरेलू मोर्चे पर केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) ने 31 मई को वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के लिए राष्ट्रीय आय लेखों के तिमाही अनुमान और वर्ष 2017-18 के लिए अनंतिम अनुमान जारी किए. वर्ष 2017-18 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.7 प्रतिशत अनुमानित की गई है जो 28 फरवरी को जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमानों से 0.1 प्रतिशत अंक ज्यादा है. बंपर फसल और ग्रामीण आवास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के जोर के चलते विशेषकर उन्नत ग्रामीण मांग के कारण निजी अंतिम उपभोग व्यय में काफी अधिक बढ़ोतरी से इस वृद्धि को सहारा मिला है. तिमाही आंकड़े दर्शाते हैं कि वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.7 प्रतिशत से बढ़ी जो पिछली सात तिमाहियों में सबसे तेज गति है. सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) वृद्धि चौथी तिमाही तक लगातार तीन तिमाहियों में बढ़ी. सामान्य मॉनसून से आ रही सबसे बड़ी राहत रिजर्व बैंक ने आपूर्ति पक्ष पर, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के अनुमानों को भी बढ़ाया है जिनमें वर्ष के दौरान खाद्यान्न और बागवानी में अब तक के सबसे अधिक उत्पादन द्वारा सहायता मिली. तिमाही आधार पर, वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में कृषि वृद्धि तेजी से बढ़ी है. 16 अप्रैल को भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सामान्य दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है जिसकी 30 मई को पुनः पुष्टि की गई. यह कृषि क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है. मौसम और कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि इस साल सामान्य मॉनसून देश में खरीफ पैदावार के लिए बेहद अहम है और अनुमान है कि इस पैदावार के सहारे देश में किसानों को अच्छी आमदनी देखने को मिलेगी जिसका सीधा असर देश में आर्थिक गतिविधि को तेज करने में देखने को मिलेगा. कोयला, सीमेंट उत्पादन तेज, बिजली सुस्त रिजर्व बैंक के मुताबिक औद्योगिक वृद्धि में भी मजबूती आई है जो विनिर्माण के मजबूत निष्पादन को दर्शा रही है. यह चौथी तिमाही में लगातार तीन तिमाहियों में तेज हुई है. विनिर्माण फर्मों द्वारा क्षमता उपयोग वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में काफी बढ़ा जैसा कि रिज़र्व बैंक को उम्मीद थी. कोयले के उत्पादन में तेज विस्तार के कारण आठ मुख्य उद्योगों का उत्पादन अप्रैल में तीव्र हुआ जो 42 महीनों के अपने उच्च स्तर पर पहुंच गया. सीमेंट उत्पादन ने भी अप्रैल में लगातार छह महीनों के लिए दुहरी अंकों में वृद्धि दिखाई दी है. हालांकि विद्युत उत्पादन में कमी देखने को मिली है. रिजर्व बैंक ने बताया कि नए घरेलू आदेशों और निर्यात के सहारे मई में विनिर्माण पीएमआई लगातार दसवें महीने तेज रफ्तार दिखा रही है. सर्विस सेक्टर ने सरकार को किया है निराश व्यापार, होटल, परिवहन और संचार तथा वित्तीय सेवाओं जैसे कुछ संघटकों में कम वृद्धि के कारण सेवा क्षेत्र की वृद्धि नीचे की ओर संशोधित की गई है. हालांकि आंकड़ों में यह मजबूत ही दिखाई दे रही है. निर्माण कार्यकलाप ने नई श्रृंखला (आधार 2011-12) में चौथी तिमाही में उच्चतम वृद्धि दर्ज की. हालांकि देश में ट्रैक्टरों और दुपहिया वाहनों की बढ़ती बिक्री ग्रामीण मांग की मजबूती दर्शाती है. वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी अप्रैल में तेज हुई. रेलवे के राजस्व अर्जन मालभाड़ा ट्रैफिक में वृद्धि हुई जिसका कारण कोयले, उर्वरकों और सीमेंट में बढ़ोतरी है. यात्री वाहनों की बिक्री वृद्धि तेज हुई लेकिन अप्रैल में लागतार तीसरे महीने के लिए बंदरगाह ट्रैफिक में गिरावट दर्ज हुई है.

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है और इसके चलते भारत में महंगाई बेलगाम होती दिखाई दे रही है. इसी एक संकेत को आधार मानते हुए केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को प्रमुख नीतिगत …

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सस्ता होगा सामान- महंगाई से मिलेगी राहत? GST को लेकर होगी बड़ी घोषणा

एक देश और एक टैक्स की व्यवस्था 'जीएसटी' को लागू हुए जुलाई में एक साल पूरा हो जाएगा. उससे पहले सरकार इसको लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है. केंद्र सरकार के एक मंत्री ने यह बात कही है. ऐसे में उम्मीद है कि यह घोषणा कई सामान का टैक्स रेट घटाने को लेकर हो सकती है. अगर ऐसा होता है, तो आम आदमी के लिए कई सामान सस्ता हो जाएगा. दिल्ली एसएमई फाइनेंस समिट के 7वें संस्करण में बोलते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने यह बात कही. कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ''जल्द ही सरकार जीएसटी को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है.'' उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद कई सामान के टैक्स रेट कम करने को लेकर विचार कर रही है. जल्द ही सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई घोषणा की जा सकती है. केंद्रीय राज्यमंत्री के इस बयान के बाद पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी के तहत लाने की उम्मीद को भी बल मिला है. गुरुवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के प्रयास चल रहे हैं. बता दें कि मौजूदा समय में जीएसटी में 4 टैक्स स्लैब हैं. इसमें 5%, 12%, 18% और 28 फीसदी शामिल है. इससे पहले जनवरी में जीएसटी परिषद ने 54 सेवाओं और 29 सामान के जीएसटी रेट में कटौती की थी. अब देखना होगा कि सरकार की तरफ से होने वाली यह बड़ी घोषणा कब होती है और यह आम आदमी को कितनी राहत देती है.

एक देश और एक टैक्स की व्यवस्था ‘जीएसटी’ को लागू हुए जुलाई में एक साल पूरा हो जाएगा. उससे पहले सरकार इसको लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है. केंद्र सरकार के एक मंत्री ने यह बात कही है. ऐसे में …

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