डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को कारोबार के दौरान रुपय फिर धड़ाम हो गया और यह ऐतिहासिक गिरावट के साथ फिलहाल कारोबार कर रहा है.
बुधवार को रुपया 42 पैसे गिरकर 70.52 के स्तर पर पहुंच गया है. यह पहली बार है, जब रुपया एक डॉलर के मुकाबले इतना कमजोर हुआ है. आयातकों की तरफ से महीने के आखिर में यूएस डॉलर की डिमांड बढ़ने की वजह से रुपया धड़ाम हो गया है.
इससे पहले बुधवार की सुबह भी रुपये ने गिरावट के साथ शुरुआत की. आज एक डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे गिरकर खुला है. आयातकों की तरफ से डॉलर की मांग बढ़ने का असर रुपये पर देखने को मिल रहा है.
मंगलवार की बात करें तो रुपये ने इस दिन मजबूत शुरुआत की. बंद होने के दौरान भी यह 6 पैसे की मजबूती के साथ बंद हुआ. मंगलवार को रुपया एक डॉलर के मुकाबले 70.16 के स्तर पर बंद होने में कामयाब रहा.
मंगलवार को जिस यूएस-मेक्सिको डील के चलते वैश्विक बाजार में तेजी आई थी. उस डील को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है.
रुपये के कमजोर होने का असर कहीं न कहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है. दरअसल पहले कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही हैं. ऐसे में रुपये में गिरावट की वजह से तेल कंपनियों की लागत भी बढ़ रही है.
इसका सीधा असर तेल कंपनियों के खर्च बढ़ने के तौर पर सामने आ रहा है. इसकी वजह से लगातार देश में पेट्रोल और डीजलकी कीमतों में बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी है.
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