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प्रवीण तोगड़िया का भाजपा पर राम मंदिर मामले में वादाखिलाफी का आरोप

अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने एक बार फिर अयोध्या में राममंदिर का मुद्दा उठाते हुए 21 अक्टूबर को लखनऊ से अयोध्या कूच का एलान किया है। तोगड़िया ने भाजपा पर राममंदिर मामले में वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए देश के करोड़ों हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता व एएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ तोगड़िया ने कहा कि हिमाचल के पालमपुर में वर्ष 1989 में भाजपा ने राममंदिर का प्रस्ताव पारित किया और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 में सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा निकाली। जब पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो भाजपा ने कई पुराने कानून खत्म कर दिए। तीन तलाक, नोटबंदी, जीएसटी आदि मामलों में रातों रात फैसला कर लिए। एससी एसटी एक्ट के मामले में तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी पलटते हुए संसद में विधेयक पारित करा लिया, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के मामले को न्यायालय के भरोसे छोड़ दिया। डॉ तोगड़िया ने कहा कि भाजपा ने अपने लिए 500 करोड़ का कार्यालय बना लिया, लेकिन भगवान राम आज भी फटे तंबू में विराजमान हैं। डॉ तोगड़िया ने कहा कि आगामी 21 अक्टूबर को लखनऊ से अयोध्या कूच करेंगे, जहां 23 अक्टूबर को जनसभा होगी। तोगड़िया ने कहा कि हिंदू अब इस सरकार पर भरोसा नहीं करेगा और अबकी बार हिंदू सरकार का नारा बुलंद करेगा।

अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने एक बार फिर अयोध्या में राममंदिर का मुद्दा उठाते हुए 21 अक्टूबर को लखनऊ से अयोध्या कूच का एलान किया है। तोगड़िया ने भाजपा पर राममंदिर मामले में वादाखिलाफी करने …

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तनुश्री दत्ता के समर्थन में आर्इं शोभा डे, जानिए नाना पाटेकर को लेकर क्या कहा

प्रसिद्ध लेखिका शोभा डे ने बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता और अभिनेता नाना पाटेकर विवाद में तनुश्री का समर्थन किया है। शोभा डे का कहना है कि अगर नाना पाटेकर निर्दोष हैं तो साबित करके दिखाएं। कुमाऊं लिटरेरी फेस्टिवल में पहुंची शोभा डे ने तनुश्री की हिम्मत की दाद देते हुए कहा कि उन्होंने पब्लिसिटी स्टंट के लिए सोशल मीडिया पर खुद के साथ हुए अन्याय को बयां नहीं किया है। अगर वे एक बड़ी स्टार होती तो उनका समर्थन करने के लिए होड़ मची रहती। लेकिन ऐसा नहीं है। उनका कहना है कि तनुश्री ने दस साल पहले भी ये शिकायत की थी। तब उनकी आवाज को दबा दिया गया। जिससे तनुश्री का करियर खत्म हो गया। इसके साथ ही उन्होंने इस विवाद से किनारा काटने पर महानायक अमिताभ बच्चन के रवैये को भी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने इस मामले में बॉलीवुड की चुप्पी को बॉलीवुड कल्चर का हिस्सा करार दिया। इस दौरान जान्हवी प्रसाद, नमिता गोखले समेत तमाम लेखक साहित्यकार मौजूद रहे। कांग्रेस के साथ खड़े रहने का मिला इनाम यह भी पढ़ें क्या था पूरा मामला गौरतलब है कि हाल ही में तनुश्री दत्ता ने हॉलीवुड में चलने वाले एक आंदोलन की तर्ज पर खुलासा करते हुए बताया था कि दस साल पहले फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के सेट पर नाना पाटेकर ने उनके साथ ज्यादती की थीl जिसके बाद एकबार फिर ये मामला लाइमलाइट में दोबारा आ गया।

प्रसिद्ध लेखिका शोभा डे ने बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता और अभिनेता नाना पाटेकर विवाद में तनुश्री का समर्थन किया है। शोभा डे का कहना है कि अगर नाना पाटेकर निर्दोष हैं तो साबित करके दिखाएं।  कुमाऊं लिटरेरी फेस्टिवल में पहुंची …

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पर्वतारोही बछेंद्रीपाल ने गंगा सफाई के लिए स्कूली बच्चों को किया जागरूक

भारत की महिला पर्वतारोही महिला बछेंद्री पाल ने अपने गंगा सफाई अभियान के दूसरे दिन स्कूली बच्चों को गंगा का महत्व और उसे स्वच्छ बनाए रखने के लिए स्कूली छात्र-छात्राओं को जागरूक किया। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताने के साथ ही बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पर्वतारोही ने अपने गंगा स्वच्छता अभियान के दिन शनिवार को बछेंद्री पाल अपने आठ सदस्य दल के साथ राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमालपुर कलां में पहुंची। यहां उन्होंने भारत सरकार की ओर से स्वच्छ भारत स्वच्छ गंगा मिशन पर छात्र-छात्राओं के बारे में जागरूक किया। उन्होंने भारत और गंगा को स्वस्थ बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव के साथ-साथ अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को विस्तार से उल्लेख करते हुए जीवन में हमेशा आगे बढ़ने के लिए छात्र छात्राओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गंगा के स्वस्थ रहने से ही धरती पर जीवन बचा रहेगा, वरना गंगा नहीं बचेगी तो जीवन भी एक दिन नष्ट हो जाएगा। इसलिए पर्यावरण को बचाकर आने वाले पीढ़ी विरासत में स्वस्थ जीवन देने के लिए गंगा को साफ रखना पड़ेगा। संबोधन के बाद बछेंद्री पाल ने हरी झंडी दिखाकर स्वच्छता रैली को रवाना किया। दिल्ली के बाद अब देहरादून में आंदोलन करेगी भाकियू यह भी पढ़ें इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी बहादराबाद अजय चौधरी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जमालपुर कलां के प्रधानाचार्य अजय शर्मा, प्राथमिक विद्यालय गाड़ोवाली के प्रधानाचार्य श्रीकांत शर्मा, जूनियर हाई स्कूल गाड़ोवाली के प्रधानाचार्य ताहिर अली, बहादरपुर जट्ट के प्रधानाचार्य व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री रवींद्र रोड आदि मौजूद रहे। शाम को बदेंद्रीपाल ने पन्ना लाल इंटर कॉलेज में चल रहे प्रेरणा कोचिंग सेंटर के छात्रों के बीच पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उन्होंने गंगा और पर्यावरण के बारे में जागरूक किया। बच्चों को सफलता के टिप्स भी दिए।

भारत की महिला पर्वतारोही महिला बछेंद्री पाल ने अपने गंगा सफाई अभियान के दूसरे दिन स्कूली बच्चों को गंगा का महत्व और उसे स्वच्छ बनाए रखने के लिए स्कूली छात्र-छात्राओं को जागरूक किया। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन की महत्वपूर्ण …

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कॉलेज में पहले दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान

स्कूल शिक्षा पूरी होने के बाद हमें कॉलेज में जाना होता है। लेकिन आज के इस बढ़ते हुए युग में छात्रों को कॉलेज जाते समय बहुत सी बातों का ज्ञान रखना चाहिए। हम यहां उन छात्रों को कुछ ऐसी बातों …

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आखिर क्या है XIAOMI के इस फ़ोन की खासियत, आज भी है No. 1

शाओमी ने नवम्बर 2017 में अपन अपना बेहतरीन स्मार्टफोन रेडमी 5A लांच किया था। अब तक करीब सैकड़ों फ़ोन लांच हो चुके है। लेकिन अब भी यह फ़ोन बड़ी शान के साथ बिक रहा है। लॉन्चिंग के कई महीनों बाद …

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बंदिशों में रहकर अब काम करेंगी इन 5 राज्‍यों की सरकारें, वजह बनी EC की घोषणा

पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के साथ ही इन राज्‍यों में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही राज्‍य में नेताओं समेत सरकारों पर कई तरह की पाबंदियां लागू हो जाएंगी। लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले यह विधानसभा चुनाव काफी अहम मानें जा रहे हैं। बहरहाल, हम सभी के लिए यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर चुनाव आचार संहिता क्‍या होती है और इसमें किस तरह की पाबंदियां सरकार, प्रशासन और नेताओं पर लागू होती हैं। चुनाव आचार संहिता का अर्थ चुनाव आचार संहिता का मतलब चुनाव आयोग के वे दिशा-निर्देश होते हैं जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। आयोग से उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है और उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। जांच में दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। पर्यवेक्षक रखेंगे नजर इस दौरान राजनीतिक दलों के आचरण और सभी क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है। इस दौरान मुख्यमंत्री या मंत्री न तो कोई घोषणा कर सकते हैं और न ही किसी तरह का शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन भी नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद सभी के लिए अलग-अलग नियम हैं। आईये अब इनसे जुड़े नियमों पर नजर डाल लेते हैं:- सामान्य नियम : 1- कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले। 2- राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत। 3- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। 4- मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि। 5- किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें। किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें। 6- राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों। मोदी और पुतिन के सामने बेटे को खड़ा देख रो पड़ी मां.. कहा हमारी हैसियत ही क्या यह भी पढ़ें राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम 1- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें। 2- सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें। 3- सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए। धमकी के बावजूद नक्सल प्रभावित कोंटा में बिखर रहा चुनावी रंग यह भी पढ़ें जुलूस संबंधी नियम 1- जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें। 2- जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो। 3- राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें। 4- जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए। 5- जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके। मतदान के दिन संबंधी नियम 1- मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं। कैंप पसाधारण होने चाहिए। 2- मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करना बेहद जरूरी है। अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दे। 3- मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो। 4- मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए। अजमेर से मोदी का करारा वार, कहा- विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा सकी कांग्रेस यह भी पढ़ें ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री-मंत्री 1- शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर) 2- विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति 3- परियोजना या योजना की आधारशिला 4- सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन बिहार में धन संकट झेल रही कांग्रेस, सूद के पैसे से किसी तरह चल रही गाड़ी यह भी पढ़ें अधिकारियों के लिए नियम 1- शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे। 2- मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे। 3- चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे। 4- जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे। 5- राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे। सत्ताधारी दल के लिए नियम 1- कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें। 2- मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें। 3- इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें। 4- सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो। हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं। 5- विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो। इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा। 6- सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।

पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के साथ ही इन राज्‍यों में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही राज्‍य में नेताओं समेत सरकारों पर कई तरह की पाबंदियां लागू …

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LG ने लॉन्च किया 5 कैमरे वाला धांसू स्मार्टफोन, जानें फीचर्स

अब मार्केट में 5 कैमरे वाला स्मार्टफोन भी बाजार में आ गया है। आपको बता दें कि इस स्मार्टफोन को साउथ कोरिया की कम्पनी LG ने जारी कर दिया है। कंपनी अन्य प्रोडक्ट्स के साथ  मोबाइल भी बनाती है। हाल …

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PANASONIC का धमाका, ELUGA X1 PRO हुआ भारत में लांच

हाल ही में Panasonic Eluga X1 और Eluga X1 Pro को डुअल रियर कैमरा सेटअप और नौच डिस्प्ले के साथ बाजार में उतर दिया है। दोनों ही स्मार्टफोन स्टेनलेस बॉडी के साथ है और इसके फ्रंट डिस्प्ले पर 2.5D कर्व्ड ग्लास …

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सांसदों के इस्‍तीफे के बाद इस जगह नहीं होंगे उपचुनाव : चुनाव आयोग

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ओपी रावत ने कहा कि आंध्र प्रदेश में सांसदों के इस्‍तीफे 4 जून को स्‍वीकार हुए हैं। लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को खत्‍म हो रहा है। लोकसभा के लिए एक साल से कम समय बचा है। उपचुनाव के लिए एक साल से कम समय बचा है, इसलिए आंध्र प्रदेश में उप चुनाव नहीं होंगे। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग के मुद्दे पर 6 अप्रैल, 2018 को वाईएसआर कांग्रेस के पांच लोकसभा सदस्यों ने स्पीकर सुमित्रा महाजन को इस्तीफा सौंप दिया।पार्टी के पांच सांसदों- वारा प्रसाद राव वेलगापल्ली, वाई वी सुभा रेड्डी और पी वी मिधुन रेड्डी, वाईएस अविनाश रेड्डी और सदन में पार्टी के नेता एम राजमोहन रेड्डी ने इस्तीफा दिया था।

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ओपी रावत ने कहा कि आंध्र प्रदेश में सांसदों के इस्‍तीफे 4 जून को स्‍वीकार हुए हैं। लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को खत्‍म हो रहा है। लोकसभा के लिए एक साल से कम समय बचा है। …

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… तो इसलिए पेट्रोल व डीजल की दरें घटाने से कतरा रही है पंजाब सरकार

केंद्र सरकार के बाद पेट्रोल व डीजल की दराें में कमी करने के बाद हरियाणा सहित कई राज्‍यों ने अपनी आेर से इनकी कीमतों में कटौती की। यहां तक की चंडीगढ़ प्रशासन ने भी इसमें अपनी ओर से कमी कर दी। ऐसे में पंजाब सरकार से भी राज्‍य में पेट्राेल और डीजल की कीमतों में कमी किए जाने की उम्‍मीद की जा रही है। लेकिन, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार इसको लेकर ऊहापोह की हालत में है। एेसे कुछ कारण है कि पंजाब सरकार यह कदम उठाने से हिचक रही है। खस्‍ता आर्थिक हालत से परेशान राज्‍य सरकार को केंद्र सरकार द्वारा पेट्रो कीमतों में 2.50 प्रति लीटर की कमी करने से करीब 2750 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान होगा। ऐसे में दर में और कमी करने का फैसला लेना उसके लिए बेहद कठिन है। इसके साथ ही राज्य सरकार का आरोप है कि केंद्र ने बेहद चालाकी से राज्यों पर बोझ डाल दिया है। हरियाणा सरकार के बाद चंडीगढ़ प्रशासन के भी पेट्रो कीमत में कमी करने से कैप्‍टन सरकार पर दबाव बढ़ा अब आप तक पंजाब सरकार पहुंचाएगी जाम, शराब कारोबार अपने हाथ में लेगी यह भी पढ़ें केंद्र अौर हरियाण्‍ाा सरकार द्वारा पेट्राेल व डीजल की दरें घटाने के बाद पंजाब में भी उपभोक्ताओं को कीमतें घटाए जाने की उम्‍मीद थी। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इस संबंध में शुक्रवार को राज्‍य के वित्‍तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल व वित्त और टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की, लेकिन पेट्रोल व डीजल पर वैट कम करने के बारे में कोई फैसला नहीं हो सका। दरअसल राज्य की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार फैसला नहीं कर पा रही है। पेट्रोलियम के दाम प्रति लीटर एक रुपये कम करने पर राज्य सरकार को साल भर में 1100 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। यह भी पढ़ें: दो यु‍वतियों में हुआ प्‍यार तो लिंग परिवर्तन करा शादी की, अब आई यह मुसीबत चंडीगढ़ में और 1.50 रुपये घटीं पेट्रो कीमतें, पंजाब सरकार पर बढ़ा दबाव यह भी पढ़ें मुक्खमंत्री ने अधिकारियों को वैट कम करने से राज्य के खजाने पर पडऩे वाले असर और दूसरे राज्यों के टैक्स का तुलनात्मक अध्ययन करके रिपोर्ट देने को कहा है। अब सोमवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री ने वित्त और टैक्सेशन विभाग के मंत्रियों व अधिकारियों की बैठक बुलाई है जिसमें उपभोक्ताओं को राहत देने का फैसला लिया जा सकता है। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के मुताबिक आशा है कि लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी। वित्त और टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों की मीटिंग में तर्क दिया गया है कि केंद्र सरकार ने बेहद चालाकी से पेट्रोल में राहत का ज्यादातर बोझ राज्यों पर डाल दिया है। केंद्र ने पेट्रोलियम पदार्थों पर लगी स्पेशल एक्साइज ड्यूटी कम करने की बजाए 1.50 रुपये तक की एक्साइज ड्यूटी कम की है और एक रुपया पेट्रोल के बेस प्राइस में कम करने को पेट्रोलियम कंपनियों से कहा है। घर के बाहर से बच्चा गायब, बेदर्द पुलिस बुजुर्ग नानी से बोली- खुद खोज लो यह भी पढ़ें यह भी पढ़ें: चंडीगढ़ में और 1.50 रुपये घटीं पेट्रो कीमतें, पंजाब सरकार पर बढ़ा दबाव एक्साइज ड्यूटी में जो कमी की गई है उसमें से 42 फीसद हिस्सा राज्यों का भी कम होगा। केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी में एकत्रित टैक्सों में 42 फीसद राज्यों को मिलता है। यानी 1.50 रुपये में से 63 पैसे राज्यों के खाते से जाएंगे। इसी तरह एक रुपये का बोझ पेट्रोलियम कंपनियों पर भी डाल दिया गया है। हॉकी लेजेंड बलबीर सिंह सीनियर का हाल जानने पहुंचे खेल मंत्री, बेटी ने लगाई यह गुहार यह भी पढ़ें इसमें भी तीस पैसे राज्यों के खाते से जाएंगे क्योंकि बेस प्राइस पर 30 फीसद से ज्यादा वैट लगा हुआ है। मीटिंग में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल, सीएम के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार, चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एमपी सिंह शामिल थे। यह भी पढ़ें: संघर्ष ने इस महिला को बना दिया फौलाद, दूसरों की पीड़ा हर जीत रही मन एक बेसबॉल बैट से खेलते हैं ये 40 खिलाड़ी, फिर भी जीत लाते हैं मेडल यह भी पढ़ें पड़ोसी राज्यों का बढ़ेगा राजस्‍व पंजाब में रोजाना डीजल की 400 करोड़ लीटर और पेट्रोल की 200 करोड़ लीटर बिक्री होती है। हरियाणा व चंडीगढ़ में कीमतें कम न होतीं तो पंजाब में पेट्रोल की बिक्री 20 फीसद और बढ़ जाती। चंडीगढ़ व हरियाणा में पंजाब के मुकाबले पेट्रोल सात से नौ रुपये तक सस्ता है। मुख्यमंत्री ऑफिस यह मानता है कि टैक्स में कमी के कारण पड़ोसी राज्यों को रेवेन्यू ट्रांसफर होता है, लेकिन पंजाब में प्रति लीटर एक रुपये की कमी करने पर राज्य सरकार को साल भर में 1100 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। पंजाब की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार इस नुकसान को झेलने की स्थिति में नहीं है।

केंद्र सरकार के बाद पेट्रोल व डीजल की दराें में कमी करने के बाद हरियाणा सहित कई राज्‍यों ने अपनी आेर से इनकी कीमतों में कटौती की। यहां तक की चंडीगढ़ प्रशासन ने भी इसमें अपनी ओर से कमी कर …

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