रेलवे में डिमांड और सप्लाई के बीच अंतर होने के चलते रोजाना बड़ी संख्या में यात्रियों को राजधानी एक्सप्रेस में कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता। ऐसे में एयर इंडिया का चेयरमैन रहते हुए लोहानी ने योजना बनाई थी कि अगर ऐसे लोगों की कॉन्टैक्ट डीटेल्स एयर इंडिया को रेलवे मुहैया कराए तो उन यात्रियों को फ्लाइट में सीट ऑफर की जा सकती है। इसके लिए पैसा भी ज्यादा नहीं खर्च करना होगा। लोहानी ने कहा, ‘राजधानी AC-II के किराए और हवाई किराए में बहुत ज्यादा फर्क नहीं होता।’
हालांकि दूसरी तरफ सरकार एयर इंडिया को प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी भी कर रही है। बताया जा रहा है कि मामला आखिरी चरण में है। ऐसे में यह देखना होगा कि एयर इंडिया फिर से रेलवे को ऐसा प्रस्ताव देती है या नहीं।
एयर इंडिया से जुड़े एक शख्स ने कहा, ‘सरकारी एयरलाइन होने का यही तो फायदा है कि रेलवे अपने अनकन्फर्म्ड यात्रियों को हमारे यहां भेज सकता है। लोहानी का आइडिया बहुत अच्छा है। लेकिन क्या रेलवे किसी प्राइवेट एयरलाइन के साथ ऐसा कर पाएगी। उस पर प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगने लगेगा।’
उधर लोहानी को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनाए जाने के बाद एयर इंडिया की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे सीनियर IAS अधिकारी राजीव बंसल ने कहा कि अभी वह इस प्रस्ताव पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘मैं पहली बार इस तरह की बात सुन रहा हूं। ट्रेन के किराए और हवाई किराए में अंतर होता है।’