पटना। पूर्व मंत्री एवं जदयू विधायक श्याम रजक पर बेउर थाने के प्रभारी एसआइ बीके चौधरी ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल और नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी देने का आरोप लगाया है। विधायक ने पहले एसआइ के आरोप बेबुनियाद बताते हुए कुछ भी बोलने से इन्कार किया । फिर शुक्रवार की शाम विधायक अपने समर्थकों के साथ बेउर थाने पहुंच गए और कहा कि यदि वह दोषी हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए। मामला गर्म होते देख डीएसपी रामाकांत प्रसाद पहुंचे। विधायक देर रात तक थाने में धरने पर बैठे रहे।
बेउर के थानेदार आलोक कुमार अवकाश पर हैं। बीके चौधरी उनके प्रभार में हैं। एसआइ चौधरी के अनुसार शुक्रवार की सुबह 7:53 बजे में विधायक का फोन सरकारी मोबाइल पर आया। फोन रिसीव करते ही विधायक ने ढनढनाचक की एक जमीन को लेकर पैरवी की। एसआइ ने मौके पर अफसर को भेजने की बात कही तो विधायक उखड़ गए और अभद्र भाषा के साथ नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी देने लगे। एसआइ बीके चौधरी ने लिखित शिकायत देने की बात कही। इस बीच छुट्टी से लौटे थानेदार आलोक कुमार ने बताया एसआइ ने विधायक से बातचीत की रिकॉर्डिंग साक्ष्य के तौर पर दी है।
मामले की जानकारी देते हुए श्याम रजक ने बताया कि वे जनप्रतिनिधि हैं। रोज उनके पास लोग फरियाद लेकर आते हैं। सुनता हूं और पैरवी करता हूं। यह मेरा काम है। उन्होंने बताया कि सुबह में धनधना चक की कुछ महिलाएं आईं थीं। जमीन संबंधित मामला था। सच है कि मैंने बेउर के थानेदार आलोक कुमार को कॉल कर शिकायत देखने को कहा था। श्याम रजक कहते हैं कि इसके बाद उन्होंने पटना के आईजी नैय्यर हसनैन खान से बात की। उन्होंने पूरी बात सुनी और कहा कि परेशान महिलाओं को एसएसपी के पास भेज दीजिए, मैं देखने को कह देता हूं। इसके बाद महिलाएं एसएसपी के पास गईं।
एसएसपी से सबों की मुलाकात हुई। एसएसपी ने थाने को फोन किया, तो बेउर थाना ने नई कहानी शुरू कर दी। कहा कि मैंने थाने को फोन कर जमीन कब्जा के लिए कहा था और काम नहीं करने पर तबादला कराने की धमकी दी थी। इस मामले में मेरे खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जदयू विधायक ने कहा कि हम अपने खिलाफ लगे आरोपों को गलत मानते हैं। फिर भी पुलिस ने शिकायत दर्ज की है। कानून का सिपाही हूं, गिरफ्तारी देने को थाना पहुंचा हूं। पुलिस मुझे गिरफ्तार करे, आगे सच्चाई जांचने को कोर्ट तो है ही।