सरकार की ओर देखने की बजाय अपनी समस्या का खुद कैसे समाधान किया जाता है, इसका उदाहरण जिले की फुटतलाव ग्राम पंचायत के उमरियाखुर्द मजरे में देखने को मिला। यहां के लोगों को बारिश में गांव की पगडंडी कीचड़ से सराबोर होने से मुख्य सड़क तक पहुंचने में परेशानी होती थी। अस्पताल ले जाने में कई बार बीमारों की जान पर तक बन आई। शासन की ओर से रास्ता बनाने की गुहार जब अनसुनी कर दी गई, तो उन्होंने स्वयं ही यह काम करने का निर्णय ले लिया। मजरे के 32 लोगों ने 48 हजार रुपए इकट्टा किए, दो दिनों में पगडंडी पर 250 ट्रॉली मुरम बिछाकर, डेढ़ किमी का रास्ता बारिश में उपयोग लायक तैयार कर दिया।
सरदारपुर विकासखंड मुख्यालय से करीब 20 कि मी दूर ग्राम पंचायत फूटतलाव के उमरियाखुर्द मजरे में 40 परिवारों के करीब 200 लोग रहते हैं। मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए डेढ़ किमी का फासला तय करना होता है। एकमात्र रास्ता डेढ़ किमी की पगडंडी थी, जिसके सहारे बारिश में मुख्यमार्ग तक पहुंचना मुश्किल होता था, क्योंकि कच्चा होने से कीचड़ जमा हो जाता था। बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते थे। बीमारों को अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाना तो और मुश्किल होता था। यहां के निवासियों ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से सड़क बनाने को कहा लेकिन बात नहीं बन सकी।
योजना बनी, पैसा जुटाया और कर दिया काम शुरू –
मजरे के भीलू, कोदर, रतन, पप्पू आदि बताते हैं कि सभी प्रयास विफल होने पर हमने मिलकर रास्ता बनाने का निर्णय ले लिया। 32 लोगों ने अपनी कमाई से 1500-1500 रुपए जोड़कर 48 हजार रुपए एकत्र किए। इस काम में दस दिन लगे। बस, काम शुरू कर दिया। मात्र दो दिनों में 250 ट्रॉली मुरम डाली, रोड रोलर की जगह उसे ट्रैक्टर से ही दबाया गया और रास्ता तैयार हो गया। मजरे के निवासी अपने साथियों के पराक्रम से बेहद खुश हैं।
प्रस्ताव भेजा है ग्राम पंचायत फुटतलाव ने उमरियाखुर्द की सड़क को पंच परमेश्वर योजना के तहत बनाने के लिए सीसी रोड का प्रस्ताव भेजा हुआ है। विधायक निधि से भी रोड बनाने के प्रयास किए जा चुके हैं। ग्रामीणों के प्रयास से फिलहाल रास्ता चालू हो गया है।
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