राजधानी दिल्ली में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी लगाने को लेकर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर घोटाले का आरोप लगाया था। वहीं, AAP नेताओं ने सीसीटीवी नहीं लगने के पीछे अजय माकन को दोषी बताया। इस पर अजय माकन ने मंगलवार को एक वीडियो जारी कर केजरीवाल सरकार से सात अहम सवाल फिर पूछे।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में मंगलवार शाम को पार्टी की प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी प्रेसवार्ता कर आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय और आतिशी मर्लिना के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सीसीटीवी और महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया, उसके जवाब में आप नेताओं के पास ठोस जवाब नहीं है इसलिए वे व्यक्तिगत हमला कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने न केवल महिलाओं की सुरक्षा बल्कि हर स्तर पर उनकी अनदेखी की है, बल्कि हेल्पलाइन 181 उन्होंने बंद की, जेंडर रिसोर्स सेंटर बंद करवा दिया, आवाज उठाओ प्रोग्राम बंद करवा दिया। शिक्षा को लेकर जो आंकड़े बता रहे हैं उनसे साफ पता चलता है कि स्कूलों से हर साल एक लाख बच्चे कम हो रहे हैं, ड्रॉपआउट रेट बढ़ रहा है। पास फीसद कम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट ने तमाम सवाल उठाए हैं, जिसमें स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री के सलाहकार 12वीं पास हैं और उन्हें एक लाख से अधिक का भुगतान हो रहा है। जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, वह गाड़ी चला रहे हैं। जिन्हें टाइपिंग नहीं आती वह स्टेनोग्राफर हैं।
मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर महीने में मोटा वेतन ले रहे हैं, लेकिन एक मरीज पर मात्र 30 सेकेंड देते हैं। प्रेसवार्ता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरत सिंह, अमन पंवार सहित मीडिया कोआर्डिनेट मेहदी माजिद उपस्थित थे।
अजय माकन के सरकार से सवाल
1. सीसीटीवी घोटाले पर अभी तक क्यों नहीं जवाब दिया
2. क्या यह सच नहीं है कि 130 करोड़ रुपये की कैबिनेट मंजूरी हुई और ठेका 571 करोड़ रुपये का दे दिया गया
3. क्या यह भी सच नहीं है कि पांच अप्रैल को एक्सपेंडेचर फाइनेंस कमेटी में वित्त विभाग ने सीसीटीवी घोटाले पर आपत्ति जताई थी
4. क्या यह भी सच नहीं है कि बिना जांच के 571 करोड़ का ठेका दिए जाने पर मनीष सिसोदिया ने भी आपत्ति जताई थी
5. क्या यह भी सच नहीं कि दिल्ली सरकार के अधीन पीडब्ल्यूडी ने भी सीसीटीवी कैमरा लगाने के कार्य को करने से मना किया था
6. क्या यह सत्य नहीं कि रखरखाव में 78 फीसद का खर्च डिटेल्स जांच बिना 250.44 करेाड़ का ठेका किया गया।
7. 571 करोड़ के इस टेंडर को अभी कैबिनेट से भी मंजूरी नहीं मिली है, जब चार साल से मंजूरी नहीं ले पाए तो देरी के लिए अजय माकन कैसे दोषी?