रायपुर। संविलियन, शासकीय कर्मी सहित नौ सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हजारों शिक्षाकर्मी आज तीसरे दिन भी राजधानी में डटे रहे। पुलिस भी इन्हें पकड़ने के लिए किसी भी प्रकार की शिक्षाकर्मियों को कोताही नहीं बरती। वे भी सड़क, चौक-चौराहों एवं गली मोहल्लों से भी उन्हें उठाकर जेल भेज रही है। शिक्षाकर्मियों ने कहा कि गिरफ्तार नेताओं की रिहाई और मांग पूरी होने तक शिक्षाकर्मी राजधानी में ही डटे रहेंगे।
हिंद स्पोटिंग मैदान एवं रावणभाठा तक पहुंचने के लिए पुलिस की घेरेबंदी के चलते विभिन्न जिलों से आये शिक्षाकर्मियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 20 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे शिक्षाकर्मी गत तीन दिनों से रायपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने शिक्षाकर्मियों को एकत्रित नहीं होने देने के लिए काफी घेरेबंदी की। आज ईदगाहभाठा और रावणभाठा के आसपास इलाकों में धारा 144 लगाकर पुलिस ने मैदान अपने कब्जे में ले लिया।
शिक्षाकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार ने तय किया है कि कल से किसी भी हालात पर स्कूलों को शुरू कराया जायेगा और शिक्षाकर्मियों को स्कूलों में वापस लौटाया जायेगा। सरकार की ओर से जो वीडियो कान्फ्रेंसिंग होगी उसमें किसी भी प्रकार का ऑर्डर जारी हो सकता है। अब जो भी बात होगी स्कूलों में शिक्षाकर्मियों के लौटने के बाद होगी। सरकार अब तक के चार दौर की वार्तालाप रद्द होने के बाद बहुत नाराज है। ऐसे में आज की वीडियो कान्फ्रेसिंग बेहद ही निर्णायक होगी। आज की कान्फ्रेंसिंग के पहले कई घंटों तक कानूनविदों के साथ सरकार ने विचार-विमर्श किया जिसके बाद ही कार्यवाही का पूरा लेखा-जोखा आ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक शिक्षाकर्मियों के खिलाफ जो भी कार्यवाही होगी उनसे उनका कैरियर बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है। लिहाजा सरकार के वीडियो कान्फ्रेंस के पहले ये आखिरी अल्टीमेटम माना जा सकता है। शिक्षाकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का पफैसला शाम 5.30 बजे ही वीडियो कान्फ्रेंस के बाद होगा। लेकिन उससे पहले जिला प्रशासन के तरफ से सख्ती शुरू हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार आज गिरफ्तार हो रहे शिक्षाकर्मियों के खिलाफ शांतिभंग करने व अन्य गैर जमानती धारायें लगने की संभावना है।
गिरफ्तार शिक्षाकर्मियों को अब अस्थाई नहीं बल्कि स्थाई जेलां में भेजा जायेगा। गिरफ्तार हुए शिक्षाकर्मियों को रायपुर से दुर्ग जेल भेजा जा रहा है। जिला प्रशासन सिपर्फ गिरपफ्तारी और जेल भेज जाने तक सिमटी नहीं है। बल्कि उन्हें गिरफ्तारी के साथ ही बर्खास्तगी का निर्देश दिया जा सकता है। दोपहर बाद समाचार लिखे जाने तक प्रदेश के किसी भी शिक्षाकर्मियां पर कार्यवाही और सरकार के द्वारा निर्णय नहीं लिया जा सका।