अदालत होती है न्याय के लिए जहां लोगों पर हुए जुल्म पर फैसला सुनाया जाता है और दंड दिया जाता है। जिला स्तर से लेकर स्टेट तक अदालत अलग अलग मुकदमे सुनती हैं और फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होती है लेकिन क्या आपने सुना है कि भूतों की अदालत भी होती है और बाकायदा मुकदमा सुना जाता है और उसके बाद भूतों को सजा मुकर्रर होती है। भूतों की अदालत लगती है यूपी के कानपुर में, यहां एक जगह है जाजमऊ, जहां की मस्जिद में ये अदालत लगाई जाती है और भूतों को उनके अपराध की सजा दी जाती है।
जिन्नातों की मस्जिद
ये जिन्नातों की मस्जिद के नाम से मशहूर है। यहां मुस्लिम ही नहीं हिंदू भी बड़ी तादाद में पहुंचते हैं और नजराना चढ़ाते हैं। यूं तो यहां हर दिन भूत प्रेत से पीड़ित लोग पहुंचते हैं लेकिन गुरुवार का दिन खास होता है जब भूतों की अदालत लगती है और पीरबाबा पीड़ित को एक खास दरवाजे के पास ले जाते हैं जहां भूत का जुर्म कबूल कराया जाता है और फिर भूत को फांसी की सजा दे दी जाती है। ईद पर यहां मेला भी भरता है। गंगा के किनारे स्थित है जाजमऊ और ये यहीं पर स्थित है करीब 350 साल पुरानी जिन्नातों की मस्जिद है।
एक रात में बनी मस्जिद
यहां के पीर बाबा कहते हैं कि ये मस्जिद एक रात में ही बन गई थी। किसी ने मस्जिद को बनने नहीं देखा। बताया जाता है कि किसी अदृश्य ताकत ने इसे बनाया। हर गुरुवार को यहां जब अदालत लगती है तो करीब पचास साठ लोग पहुंचते हैं जो भूत प्रेत से पीड़ित होते हैं। यहां एक मुंशी होता है जो पीड़ित व्यक्ति का मुकदमा लिखता है। इसके बाद भूत का जुर्म कबूल होता है और फिर सजा सुनाई जाती है। यहां आने वालों में महिलाओं की तादाद ज्यादा होती है।