गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोजपुरी भाषा में शुरू किया भाषण। रैली को संबोधित करते हुए कहा कि फसल बीमा योजना हमने लागू की। यह किसानों के लिए संकट की घड़ी में काम आएगी। इस योजना में कम से कम जोखिम और ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने का प्रयास पहली बार किया गया है।
मैं प्रधानमंत्री बना तब गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपए बकाए थे। पुराना बकाए में से अब सिर्फ 170 से 180 करोड़ ही शेष रह गए। हमने सब चुकता कर दिया। वर्तमान का हिसाब तो है उसमें से 93 फीसद भुगतान हो चुका है। अब उत्तर प्रदेश सरकार सहयोग करे, तो शेष भी भुगतान हो जाएगा।
26 साल से बंद कारखाना जनता-जनार्दन ने खोला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 26 साल से बंद खाद कारखाना मेरे कारण नहीं शुरू हो रहा है। इसका पूरा क्रेडिट जनता- जनार्दन को है। अगर आपने मुझे उत्तर प्रदेश से चुनकर नहीं भेजा होता, तो 26 साल से बंद कारखाना अभी तक यूं ही अटका ही होता।
यह कारखाना इसलिए शुरू हो पा रहा है क्योंकि आपने केंद्र में काम करने वाली सरकार बनाई है। आपने पूर्वी उत्तर प्रदेश में ऐसे होनहार और सक्रिय सांसदों को चुना है जो लगातार आपके हित के लिए दिल्ली में हमसे लोहा ले लेते हैं। लोग कहते हैं कि मोदी जी कभी सोते नहीं।
दरअसल, आपने ऐसे मजबूत सांसद दिल्ली में भेजे हैं जो हमें सोने नहीं देते। लगातार आपके हित में हमें जगाते रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी गोरखपुर में एम्स की स्थापना और खाद कारखाना के पुनरुद्धार कार्य के शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
‘मनवा गदगद हो गईल’
इसके पहले मोदी ने भोजपुरी समाज का अभिवादन भोजपुरी भाषा में किया। उन्होंने कहा कि ‘आज सभी के सहयोग से केंद्र में सरकार बनवले हईं। उन्होंने कहा कि ‘आप लोगन से मिल कै मनवा गदगद हो गईल’।
मेरी सरकार बनने से पहले देश मैं किसानों को यूरिया के लिए लाठी खानी पडती थी, मगर हमारी सरकार बनने के बाद अब किसानों को लाठी नहीं यूरिया मिल रही है।
देश में टमाटर का दाम बढ गया तो लोग सरकार की आलोचना करते हैं, उन्हें कभी किसानों का ध्यान नहीं आता। हमारे देश में महंगाई पर चर्चा बहुत होती है।
मैं चुनौती देता हूं कि पिछले तीस सालों में फर्टीलाइजर के दाम कम हुए हों, यह पहली सरकार है जो अपनी नीतियों से डीएपी खाद, ढाई हजार रुपये की कटौती करने में सफलता पाई है।
जापानी इंसेफलाइटिस से अब नहीं होने देंगे मौतें
इस क्षेत्र में न जाने कितने बालक जापानी इंसेफ्लाइटिस की भेंट चढ़ गए, दिव्यांग हो गए। अब यूं ही मरने नहीं दिया जाएगा। यहां के स्वस्थ जीवन के लिए यह एम्स स्थापित किया है। यह एम्स इस क्षेत्र की जरूरत है। 700 बेड का हर सुविधाओं से युक्त अस्पताल शुरू किया जाएगा।
भाइयों-बहनों इस बचपन को मरने नहीं दिया जाएगा। इसलिए ही आज यहां एम्स का उद्घाटन किया है। अब यहां के बच्चों को कोई बीमारी नहीं मार पाएगी अब उन्हें जीवन मिलेगा।
इन्द्रधनुष योजना के तहत पूरे देश में 50 लाख माताओं, बहनों तथा बच्चों को जुग्गी, झोपडी से तलाश कर उन्हें टीका लगवा कर सरकार ने बहुत ही पुन्य का काम किया है।