योगी आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश की सरकारी इमारतों के भगवाकरण के बाद अब ताज महोत्सव पर भी सूबे की सत्ताधारी पार्टी के एजेंडे की छाप दिखाई देगी. योगी राज में पहली बार हो रहे वार्षिक ताज महोत्सव की थीम बदल दी गई है. ताज महोत्सव इस बार भगवान राम के नाम पर आयोजित किया जा रहा है.
ढाई दशक से हर साल आयोजित होने वाले ताज महोत्सव में हमेशा मुगल काल की झलक दिखाई देती रही है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. फिलहाल, यूपी में बीजेपी की सत्ता है और सूबे की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों में है. ऐसे में मुगलिया अंदाज के बदले राम पर आधारित नृत्य नाटिका से ताज महोत्सव का आगाज होगा.
हर साल की तरह इस बार भी ताज महोत्सव 18 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलेगा, जिसकी रंगत इस बार एकदम अलग होगी. महोत्सव की शुरुआत श्रीराम कला केंद्र की प्रस्तुति से होगी, जहां नृत्य नाटिका के जरिए जनता के सामने भगवान राम की लीलाओं का मंचन होगा.
यूपी सरकार की पर्यटन स्थलों की बुकलेट में ताजमहल का नाम न होने पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद मेरठ की सरधना सीट से बीजेपी विधायक संगीत सोम ने कहा था इन लोगों ने हिंदुस्तान में हिन्दुओं का सर्वनाश किया था और अब भाजपा सरकार बाबर, अकबर और औरंगजेब की कलंक कथा को इतिहास से बाहर निकालने का काम कर रही है.
इसके अलावा ताजमहल में नमाज को लेकर भी विवाद हो चुका है. कुछ संगठनों ने यहां नमाज के साथ पूजा की भी मांग उठाई. साथ ही हिंदुवादी संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने ताज परिसर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था.
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