वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने पाकिस्तान से बातचीत के विचार को मुख्यमंत्री का निजी विचार बताया था. उन्होंने कहा था कि इस विचार से सरकार का कोई लेना देना नहीं है.कैबिनेट और विधानसभा में ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है. सिंह ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में जो हो रहा है वह केवल आतंकवादी हमला नहीं बल्कि पाकिस्तान की ओर से थोपा गया छद्मयुद्ध भी है और ऐसे माहौल में पड़ोसी मुल्क के साथ बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता है.

बातचीत के मसले पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा था कि यह विस्मयकारी है कि कुछ पढ़े लिखे नेता सुझाव दे रहे हैं कि हमें अपने एक ऐसे पड़ोसी से बातचीत करना चाहिए जो समस्या खड़ी कर रहा है और सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. हम ऐसे देशों के साथ बात नहीं कर सकते जिन्होंने हम पर अपनी बंदूकें तान रखी हैं.