आधार कार्ड पर बढ़ती राजनीतिक, उथल-पुथल के बीच, एक चौंकाने वाला समाचार उत्तर प्रदेश से सामने आया है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में लालपुर शहर में रहने वाले एक भिखारी को एक करोड़ से अधिक मूल्य के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के कागज़ात के व आधार कार्ड के साथ पकड़ा गया है।
टीओआई की रोपोर्ट के मुताबिक रायबरेली जिले के लालपुर कस्बे में भीख मांगते हुए इस बुजुर्ग की पहचान करोड़पति के रूप में हुई है। दिखने में फटेहाल दशा में भीख मांगते हुए वह अचानक यहां के एक कॉलेज में पहुंचा।
जब स्कूल के संस्थापक की नजर पड़ी तो उन्होंने उसे खाना खिलाकर स्नान कराया। फिर जब उसकी कपड़ों की तलाशी ली गई तो जेब से आधार कार्ड के साथ एक करोड़, 6 लाख, 92 हजार 731 रुपए की एफडी के कागजात बरामद हुए। सबसे चौंकाने वाली बात तो उसके आधार कार्ड की पहचान होने पर पता चली। दरअसल, जिसे सारी दुनिया एक बिखारी समझ रही थी वह तो तमिलनाडु का एक करोड़पति व्यापारी है। जी हां… जब ये सूचना पर उसके परिजन को पहुंची तो वे हवाई जहाज से उन्हें वापस घर ले गए।
रिपोर्ट के मुताबिक 13 दिसंबर को फटेहाल यह बुजुर्ग भटकता हुआ कॉलेज पहुंचा और भूखा होने का इशारा करने लगा। वहां मौजूद मास्टर ने उसका संकेत समझने के बाद उसे मिठाई और खाना खिलाया। जब उसकी हालत सामान्य हुई तो उसके बाल कटवाकर स्नान कराया और कपड़े पहनाए। जब उसकी कपड़े धोने के लिए जेब की तलाशी ली गई तो उसमें से मिले कागजात देखकर होश उड़ गए।
आधार कार्ड से बुजुर्ग की पहचान मुथया नादर पुत्र सोलोमन, 240बी नॉर्थ थेरु, थिदेयूर पुकुली, तिरुनेवेली, तमिलनाडु के रूप में हुई। उसके पास मिले कागजों में घर का फोन नंबर भी था। सूचना देने पर घरवाले यहां पहुंच और उसे हवाई जहाज से अपने साथ घर ले गए। रिपोर्ट के मुताबिक, मुथया नादर की बेटी गीता जुलाई में ट्रेन यात्रा के दौरान वो भटक गए थे। तब से उनकी खोज की जा रही थी। आशंका जताई जा रही थी कि वो जहरखुरानी का शिकार हो गए हैं। पिता 5-6 महीने पहले रेलयात्रा के दौरान गुम हो गए थे। इस दौरान उन्होंने स्वामी भास्कर स्वरूप जी महाराज का आभार जताया।
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