भारतीय सेना ने पिछले साल सीमा पर जवाबी फायरिंग और ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के 138 जवानों को मार गिराया। सरकार से जुड़े खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सीमा पर लगातार उकसावे की कार्रवाई करते रहने वाले पाकिस्तान के खिलाफ इसे एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर सीमा पर 2017 में साल भर उकसावे वाली कार्रवाई जारी रही। पड़ोसी देश की सेना लगातार सीजफायर का उल्लंघन करती रही जिसका भारतीय सेना ने हर बार माकूल जवाब दिया। इस दौरान कई पाकिस्तान सैनिक मारे गए और कई चौकियों को तबाह किया गया। कई बार तो ऐसी नौबत आ गई कि पाकिस्तान ने घुटने टेकते हुए सीजफायर की अपील करनी पड़ी।
बीएसएफ ने सितंबर 2017 में ‘ऑपरेशन अर्जुन’ चलाया जिसके तहत विशेष रूप से पाकिस्तान के पूर्व सैनिकों, आईएसआई और पाक रेंजर्स के अधिकारियों के आवास और खेतों को निशाना बनाया जो घुसपैठ और भारत विरोधी अभियान में मदद कर रहे थे। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स को फायरिंग रोकने की अपील करनी पड़ी।
इसके बाद दिसंबर में भारतीय सेना ने एलओसी पर पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में 250-300 मीटर घुसकर अपने चार सैनिकों की शहादत का बदला लिया था। ‘जैसे को तैसा’ ऐक्शन में पाकिस्तान के तीन सैनिक मारे गए और एक घायल हो गया था। हालांकि यह ऑपरेशन पिछले साल हुई सर्जिकल स्ट्राइक जैसी बड़ी कार्रवाई नहीं थी, लेकिन सैन्य हलकों में इसे सिलेक्टिव टारगेटिंग का नाम दिया गया था। इसके अलावा हाल ही में बीएसएफ ने भी अपने एक जवान की शहादत का बदला 10-12 पाकिस्तानी रेंजरों को मार कर लिया था। बीएसएफ के इस जवान की शहादत उनके जन्मदिन के मौके पर हुई थी।
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