सदर बाजार में एक खिलौना व्यवसायी के कर्मचारी से सरेशाम डेढ़ लाख रुपये और स्कूटर लूटे जाने की कहानी झूठी निकली। असल में खुद को विक्टिम बताने वाला युवक ही ‘भरोसे का लुटेरा’ निकला। खिलौना व्यवसायी ने उसपर विश्वास करके डेढ़ लाख की पेमेंट लाने भेजा था लेकिन रास्ते में कर्मचारी ने लूट की कहानी बुन डाली।
वारदात की कहानी 2 जनवरी की शाम को बुनी गई थी। खुद को वारदात पीड़ित बताने वाले नईम नामक युवक ने सबसे पहले अपने मालिक मो. वसीम(41) को लूटपाट की सूचना दी थी। वसीम ने मौके पर पहुंच पीसीआर को सूचना दी। नईम के बयानों में बार-बार बदलाव और उसके कपड़ों पर ब्लेड से बनाए गए निशानों की वजह से पुलिस को उसपर शक हुआ। उसके गाल पर जख्म भी ज्यादा गहरे नहीं थे।
थाने ले जाकर उसकी तलाशी ली गई तो उसकी जुराबों के तले से 2-2 हजार के नोटों का बंडल निकला, जो कुल 70 हजार रुपये थे। इस तरह उसके झूठ का पर्दाफाश हो गया। बाकी के 80 हजार कहां हैं? इस बारे में सवाल किए जाने पर नईम ने बताया कि साजिश में उसका चाचा भी शामिल है। वह 80 हजार रुपये और स्कूटर ले गया है।